कुल पृष्ठ दर्शन : 391

वसंती हवा हूँ

उमेशचन्द यादव
बलिया (उत्तरप्रदेश) 
***************************************************
हवा हूँ,हवा हूँ,वसंती हवा हूँ,
दिल को मैं तो छू लूँ।
हिया में रस घोलूँ,
विरहिन के पास जाऊँ
दर्दे दिल की दवा हूँ।
हवा हूँ,हवा हूँ,वसंती हवा हूँ…

मन में मैं रस घोलूँ,
मर्ज़े दिल को टटोलूँ।
नायिका का गम मैं ले लूँ,
गालों से उसके खेलूँ
ईश्वर की मैं दुआ हूँ।
हवा हूँ,हवा हूँ,वसंती हवा हूँ…

ईश्वर की हर दुआ को,
मैं बाँटने को आई।
बगिया की खुशबू को,
घर-घर में पहुँचाई
श्वांसों के हर मर्ज़ की मैं दवा हूँ।
हवा हूँ,हवा हूँ,वसंती हवा हूँ…

आने से मेरे बगिया में खुशबू है छाई,
मालिन का मन हरा है देती देव को दुहाई।
कहे ‘उमेश’ सुन लो हे मेरे प्यारे भाई,
सदमार्ग पर चल कर अच्छी कर लो कमाई।
आदेश नहीं मेरा यह,मैं तो मशवरा दूँ,
हवा हूँ,हवा हूँ,वसंती हवा हूँ…॥

परिचय–उमेशचन्द यादव की जन्मतिथि २ अगस्त १९८५ और जन्म स्थान चकरा कोल्हुवाँ(वीरपुरा)जिला बलिया है। उत्तर प्रदेश राज्य के निवासी श्री यादव की शैक्षिक योग्यता एम.ए. एवं बी.एड. है। आपका कार्यक्षेत्र-शिक्षण है। आप कविता,लेख एवं कहानी लेखन करते हैं। लेखन का उद्देश्य-सामाजिक जागरूकता फैलाना,हिंदी भाषा का विकास और प्रचार-प्रसार करना है।

Leave a Reply