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‘कोरोना’ से हिंदुस्तान लड़ेगा…

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी
कुशीनगर(उत्तर प्रदेश)

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जिस ‘कोरोना’ से घबराया भाई सकल जहान,
उससे हिंदुस्तान लड़ेगा मेरा हिंदुस्तान।

कोरोना के निशदिन भाई,
लाखों गोले फूट रहे हैं।
मरते लोग,उखड़तीं साँसें,
फौलादी भी टूट रहे हैं।
इंसानों के प्राणों पर है,
इतना भारी संकट आया।
कहता खुद को जो ताकतवर,
वह अमरीका भी चकराया।
जिस कोरोना ने आफ़त में डाली सबकी जान-
उससे हिंदुस्तान लड़ेगा मेरा हिंदुस्तान॥

मिलना-जुलना,आना-जाना,
सैर-सपाटा बंद करेंगे।
हाथों को धोएंगे पल-पल,
दूरी बहुत पसंद करेंगे।
घर में रहकर इस दुश्मन को,
भारत से अब दूर करेंगे।
रोना होगा कोरोना को,
हम इतना मजबूर करेंगे।
माना अब तक जीत न पाये इटली औ ईरान-
उससे हिंदुस्तान लड़ेगा मेरा हिंदुस्तान॥

डॉक्टर,नर्स,सफाईकर्मी,
और सुरक्षाकर्मी भाई।
वैज्ञानिक जो ढूंढ रहे हैं,
मानव हित में नई दवाई।
कलमकार,नेता,अभिनेता,
अधिकारी भी लगे हुए हैं।
लापरवाही ले डूबेगी,
इसीलिए सब जगे हुए हैं।
चप्पे-चप्पे पर बैठा है दुश्मन जो अनजान-
उससे हिंदुस्तान लड़ेगा मेरा हिंदुस्तान॥

परिचयवकील कुशवाहा का साहित्यिक उपनाम आकाश महेशपुरी है। जन्म तारीख १५ अगस्त १९८० एवं जन्म स्थान ग्राम महेशपुर,कुशीनगर (उत्तर प्रदेश)है। वर्तमान में भी कुशीनगर में ही हैं,और स्थाई पता यही है। स्नातक तक शिक्षित श्री कुशवाहा क़ा कार्यक्षेत्र-शिक्षण(शिक्षक)है। आप सामाजिक गतिविधि में कवि सम्मेलन के माध्यम से सामाजिक बुराईयों पर प्रहार करते हैं। आपकी लेखन विधा-काव्य सहित सभी विधाएं है। किताब-‘सब रोटी का खेल’ आ चुकी है। साथ ही विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन हो चुका है। आपको गीतिका श्री (सुलतानपुर),साहित्य रत्न (कुशीनगर) शिल्प शिरोमणी सम्मान (गाजीपुर)प्राप्त हुआ है। विशेष उपलब्धि-आकाशवाणी से काव्यपाठ करना है। इनकी लेखनी का उद्देश्य-रुचि है।

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