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युगपुरूष अटल जी

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’
जमशेदपुर (झारखण्ड)
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श्री अटल बिहारी वाजपेई:कवि व्यक्तित्व : स्पर्धा विशेष……….

भारत के युगपुरूष अटल बिहारी,
देशभक्ति रग-रग घुला लिए आप
विराट व्यक्तित्त्व ऐसे युग पुरूष,
भारत माता के हुए सच्चे सपूतl
वाजपेयी बहुआयामी व्यक्तित्व,
भारतीय राजनीति के युगपुरूष
श्रेष्ठ राजनीतिज्ञ थे अटल आप,
भारतीय जनसंघ के संस्थापकl
प्रधानमंत्री बने भारत गौरव अटल,
सुंदर पद्म विभूषण का सम्मान
भारत के युगपुरूष अटल बिहारी,
वज्रबाहु राष्ट्रप्रहरी वाजपेयीl
भारतमाता के आप सच्चे सपूत,
अजातशत्रु दृढ़ इच्छाशक्ति
थे हँसमुख बड़े मिलनसार,
सशक्त वक्ता औ उत्तम पत्रकारl
समर्पित समाजसेवी अटल आप,
महिला सशक्तिकरण समानता
ऐसे सुंदर सदा आपके विचार,
भारत के युग पुरूष कवि अटलl
संगीत प्रेमी थे अटल बिहारी,
अविवाहित रहे संकल्प कठोर
हिमालय-सा विराट पुरूषार्थ
अनुपम कवि रचयिता अटल।
ओज भरी थी आपकी आवाज,
रचे हिंदू तन-मन हिंदू जीवन
रग-रग हिंदू मेरा परिचय,
भारत युगपुरूष अटल बिहारी।
संग्रह मेरी इक्यावन कविताएँ,
प्रसिद्ध आपका काव्य संग्रह
काव्य रसास्वाद औ विरासत,
प्रथम कविता थी `ताजमहल।’
संघर्षमय जीवन औ परिवर्तन,
लिखा राष्ट्रव्यापी आंदोलन
जेल जीवन अनेक आयाम,
अनेक कविताओं का उपहार।
अनुभूति थी काव्य अभिव्यक्ति,
भारत युगपुरूष अटल बिहारी।
ऐसे विराट अटल बिहारी वाजपेयी,
नमन आपको,सदा अमर हैं आप॥

परिचय- डॉ.आशा गुप्ता का लेखन में उपनाम-श्रेया है। आपकी जन्म तिथि २४ जून तथा जन्म स्थान-अहमदनगर (महाराष्ट्र)है। पितृ स्थान वाशिंदा-वाराणसी(उत्तर प्रदेश) है। वर्तमान में आप जमशेदपुर (झारखण्ड) में निवासरत हैं। डॉ.आशा की शिक्षा-एमबीबीएस,डीजीओ सहित डी फैमिली मेडिसिन एवं एफआईपीएस है। सम्प्रति से आप स्त्री रोग विशेषज्ञ होकर जमशेदपुर के अस्पताल में कार्यरत हैं। चिकित्सकीय पेशे के जरिए सामाजिक सेवा तो लेखनी द्वारा साहित्यिक सेवा में सक्रिय हैं। आप हिंदी,अंग्रेजी व भोजपुरी में भी काव्य,लघुकथा,स्वास्थ्य संबंधी लेख,संस्मरण लिखती हैं तो कथक नृत्य के अलावा संगीत में भी रुचि है। हिंदी,भोजपुरी और अंग्रेजी भाषा की अनुभवी डॉ.गुप्ता का काव्य संकलन-‘आशा की किरण’ और ‘आशा का आकाश’ प्रकाशित हो चुका है। ऐसे ही विभिन्न काव्य संकलनों और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में भी लेख-कविताओं का लगातार प्रकाशन हुआ है। आप भारत-अमेरिका में कई साहित्यिक संस्थाओं से सम्बद्ध होकर पदाधिकारी तथा कई चिकित्सा संस्थानों की व्यावसायिक सदस्य भी हैं। ब्लॉग पर भी अपने भाव व्यक्त करने वाली श्रेया को प्रथम अप्रवासी सम्मलेन(मॉरीशस)में मॉरीशस के प्रधानमंत्री द्वारा सम्मान,भाषाई सौहार्द सम्मान (बर्मिंघम),साहित्य गौरव व हिंदी गौरव सम्मान(न्यूयार्क) सहित विद्योत्मा सम्मान(अ.भा. कवियित्री सम्मेलन)तथा ‘कविरत्न’ उपाधि (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ) प्रमुख रुप से प्राप्त हैं। मॉरीशस ब्रॉड कॉरपोरेशन द्वारा आपकी रचना का प्रसारण किया गया है। विभिन्न मंचों पर काव्य पाठ में भी आप सक्रिय हैं। लेखन के उद्देश्य पर आपका मानना है कि-मातृभाषा हिंदी हृदय में वास करती है,इसलिए लोगों से जुड़ने-समझने के लिए हिंदी उत्तम माध्यम है। बालपन से ही प्रसिद्ध कवि-कवियित्रियों- साहित्यकारों को देखने-सुनने का सौभाग्य मिला तो समझा कि शब्दों में बहुत ही शक्ति होती है। अपनी भावनाओं व सोच को शब्दों में पिरोकर आत्मिक सुख तो पाना है ही,पर हमारी मातृभाषा व संस्कृति से विदेशी भी आकर्षित होते हैं,इसलिए मातृभाषा की गरिमा देश-विदेश में सुगंध फैलाए,यह कामना भी है

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