उमँग

श्रीमती राजेश्वरी जोशी ‘आर्द्रा’  अजमेर(राजस्थान) *************************************************** मुद्द्त से बंद हूँ कलियों में, खुशबू बन बिखर जाने दो। खोई आसमां की ऊँचाईयों में, मुझे बादल बन बरस जाने दो। क़ैद हूँ…

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