ज्ञान भी-सम्मान भी’ प्रतियोगिता को मिला बेहतर प्रतिसाद

मुम्बई (महाराष्ट्र)। प्रतियोगी युग की प्रतियोगिताओं की श्रृंखला में एक अनोखी और नई पहल है ‘ज्ञान भी,सम्मान भी।’ इस प्रतियोगिता का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय हिंदी परिषद महिला प्रकोष्ठ,मुंबई जिला (महाराष्ट्र) द्वारा किया गया,जिसे बेहतर प्रतिसाद मिला है।मुम्बई में परिषद का गठन मार्च २०२१ में हुआ है। मुम्बई परिषद की अध्यक्ष डॉ. पूजा अलापुरिया नए बताया कि,राष्ट्रीय … Read more

गर्व है कि तुम नारी हो

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** महिला दिवस स्पर्धा विशेष…… जज्बातों और मर्यादाओं के भावों में,कब तक यूँ ही पिसती जाएगी…अपने दमन का इल्ज़ाम कब तक!यूँ खुद के माथे मड़ती जाएगी। उजियाला लाने को भाग्य विधाता की,राह कब तक यूँ लखती जाएगी…मर्दों की अंगुली थामे,कब तक यूँ जीवन जीती जाएगी। खुद्दारी,शौर्य और सफलता का,पाठ पढ़ाने वाली … Read more

अपने जमाने की बात

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* अपने जमाने की बात ही,कुछ खास हुआ करती थीमोहल्ले की हर औरत चाची,ताई,और मामी हुआ करती थीगली का हर मकान,अपना ही घर हुआ करता था। अम्मा की रसोई तो क्या,हमें हर चाची और मामी केपकवान की खबर हुआ करती थी,डांट-डपट की चिंता थी किसेबस अपनापन था,और मासूमियत हुआ करती थी। … Read more

जब परसती थी माँ खाना

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* जब परसती थी माँ खाना…थाली-थाली को ले झड़प हो जाया करती थी।देख नोंक-झोंक माँ हमारी,कुछ आड़ी तिरछी-सी भौं…उनकी चढ़ जाया करती थी।हो जाता था जब आपे से बाहर,सीधे हाथ की हौले लपक से…कान तुरंत भैया का ऐंठ जाया करता था।देख होता था दु:ख थोड़ा,मगर आनंद बड़ा आया करता था।मन ही … Read more

चीन तेरा कैसा रवैया

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* कभी नीम-नीम,कभी शहद-शहद…चीन तेरा रवैया। चुभती है तुझको हमारी कामयाबी,मशीनी कलपुर्जे तू क्या…बाजूओं के दम को पहचान पाएगा। पड़ोसी होकर भी,तू कट्टर दुश्मन कहलाएगा…भाई-भाई के नारों से कब तक,तू बच पाएगा!उठी है जो कसक दिल में हमारे,इस बार मुद्दा आर-पार हो जाएगा। सतत चुभन और अकुलाहट को,अब न हम बर्दाश्त … Read more

छोटा हूँ…!

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’ मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* छोटा हूँ, मगर ख्वाब मेरे भी हैं ज्यादा नहीं,थोड़े ही हैं, अब सोच रहे होंगे आप! डॉक्टर,वकील या इंजीनियर नहीं-नहीं…एकदम गलत! मैं जीना चाहता हूँ, आजाद भारत में अमीर तो नहीं, मगर जिम्मेदार नागरिक बन। छोटा हूँ… मेरे ख्वाबों के भारत में… भ्रष्टाचारी,भुखमरी,बीमारी,अपराध, और हाँ! प्रदूषण बस यही नहीं … Read more

निपटारा

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’ मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* दरवाजे पर किसी ने थी घंटी बजाई, हमने भी पुरजोर बेटे को आवाज थी लगाई, दिया आदेश दरवाजा खोलने का… दरवाजा उघेड़ा तो, सामने खड़ी थी सोना बाई। बेटे ने कहा,- “आओ मऊसी आओ” यह देख वह भी ज़रा मुस्कुराई, भैया को राम-राम करती वह सीधे अंदर चली आई। … Read more

जागते रहो!

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’ मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* “चौकीदार चाचा नमस्ते,कैसे हो ?” “अरे,बिटिया कब आए ससुराल से ? (थोड़ा रुक कर),सब बढ़िया है तुम्हारे परिवार में ?” “हाँ चाचा सब बढ़िया हैI आप सुनाओI चाची कैसी है ?” “बिटिया तुम इतने सालों में आती हो,खैर-खबर ही नहीं तुम्हेंI” “क्यों चाचा ऐसा क्यों बोल रहे हो आप … Read more

हमारी हिंदी

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’ मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. आओ मिलाऊँ हमारी ‘हिंदी’ से, भोली-भाली,प्यारी-प्यारी हमारी हिंदी। संस्कृत की लाड़ली बेटी हमारी ‘हिंदी, बड़ी सुगम,सरल,सहज, और मिस्री से मीठी हमारी हिंदी। लगती कितनी सभ्य और, पावन हमारी हिंदी सबको अपनाती और, गले लगती है हमारी हिंदी। भेद-भाव कभी नहीं, सिखाती हमारी हिंदी सदा मानवता … Read more