जल ही जीवन,महत्व समझिए

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** शुद्ध जल अमृत के समान है। हम सबके जीवित रहने के लिए जल बहुत ही आवश्यक है। यही वजह है कि आयुर्वेद में जल या पानी को पंच महाभूतों में से एक माना गया है। साफ़ पानी पीने से ही शरीर की कई समस्याएँ ठीक हो जाती हैं।आयुर्वेद में जल के अनेक गुणों … Read more

औलादों पर कितना गुमान!

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** हम जितने विकसित हुए,उतने हृदयहीन भी गए। पति-पत्नी,माँ-बाप बनने के पहले और शादी के बाद यदि संतान नहीं होती तब पारिवारिक सामाजिक उलाहना झेलते हैं। उसके बाद चिकित्सक,यहाँ-वहाँ देवी-देवताओं के चक्कर और फिर पूजा-पाठ करते हैं। उस समय यह महत्वपूर्ण नहीं होता कि लड़की हुई या लड़का। उनके लालन- पालन में वे अपना … Read more

चेतना को विकसित करने की प्रक्रिया ‘योग’

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)********************************************* २१ जून विश्व योग दिवस विशेष…. जिस भी जीव को शरीर मिला है,उसको स्वस्थ्य बनाने के लिए कुछ न कुछ शारीरिक मानसिक क्रियाएं करना पड़ती हैं और क्रियाहीन जीवन मृत हो जाता है। सब जानवर,पशु-पक्षी अपनी विशेष क्रियाएं करते हैं,यह उनमें नैसर्गिक गुण होता है। मानव में मन विशेष होने और बहुत चंचल … Read more

जलवायु परिवर्तन और बच्चे

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************** पर्यावरण दिवस विशेष…. टैग- / /सब ओल्ड/आलेख/ डॉ.अरविन्द प्रेमचंद जैन, भोपाल ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु वर्ष १९७२ में की थी। इसे … Read more

परिवार बिना जीवन की कल्पना कठिन

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)************************************* परिवार एक ऐसी सामाजिक संस्था है,जो आपसी सहयोग व समन्वय से क्रियान्वित होती है और जिसके समस्त सदस्य आपस में मिलकर अपना जीवन प्रेम, स्नेह एवं भाईचारेपूर्वक निर्वाह करते हैं। संस्कार,मर्यादा,सम्मान,समर्पण,आदर, अनुशासन आदि किसी भी सुखी-सम्पन्न एवं खुशहाल परिवार के गुण होते हैं। कोई भी व्यक्ति परिवार में ही जन्म लेता है,उसी से … Read more

खुद को जीत जाना ही आत्मसंयम

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)*************************************************** ‘आत्मसंयम’ का सहज और सरल अर्थ है अपने-आप पर,मन पर नियंत्रण। इसका शाब्दिक अर्थ जितना सरल प्रतीत होता है, वास्तविक जीवन में इसको प्रयोग में लाना और आत्मसात करना उतना ही कठिन है। इसकी महत्ता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्वयं भगवान श्रीकृष्ण को गीता में इसके बारे … Read more

माँसाहार मतलब मौत…

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** शोध-अध्ययन….. सबसे पहले हमें भोजन और आहार में अंतर समझना चाहिए। भोजन यानी भोग से जल्दी नष्ट होना,जबकि आहार यानी जो आरोग्यवर्धक और हानिरहित होता है। शाकाहार यानी शांतिकारक और हानिरहित जो आहार होता है,उसको शाकाहार कहते है,जबकि माँसाहार यानी जो मानसिक और शारीरिक रूप से हानि पहुंचाए।माँसाहार किसी भी धर्म में मान्य … Read more

ममता बनर्जी का दुःख और सत्ता

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)**************************************** मुद्दा-पश्चिम बंगाल……… आजकल केन्द्र की सत्ताधारी पार्टी,चूँकि प्रबल बहुमत में होने और उगता सूरज होने से उसका आकर्षण होना स्वाभाविक हो रहा है। दल का लक्ष्य है पूरे देश को अपनी नियंत्रण में रखना है। इस शुभ कार्य के लिए सामदाम,दंड,भेद नीति से पूरा साम्राज्य स्थापित करना ही मुख्य लक्ष्य होता है,जिसके कुछ … Read more

शिक्षक बिन विद्यालय यानि बैल से दूध निकालना

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** मध्यप्रदेश सरकार का यह मत है कि,आजकल छात्र-छात्राएं अभिमन्यु जैसे गर्भ से ही शिक्षित पैदा होती हैं और मोबाइल-लेपटॉप युग के कारण अब शिक्षा की कोई जरुरत नहीं है,इसलिए शिक्षकों के बिना अध्ययन-अध्यापन किया जा सकता है। इसीलिए रिक्त स्थानों को भरने की जरुरत भी नहीं है। इससे कई फायदे हैं,जैसे बिना पढ़े-लिखे … Read more

चीनी-भारतीय सैनिक लौट रहे ?

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)*********************************************** सैनिक गए नहीं थे,पर वापिस लौट रहे हैं। कभी-कभी बहुत सी चीज़ों में रहस्य छुपा रहता है,जैसे किसी से पूछो-आपने झूठ बोलना बंद कर दिया ? इसका उत्तर क्या हो सकता है ? ऐसी ही स्थिति भारत और चीन की है। यानी दोनों देशों में युद्ध नहीं हुआ, यानी कोई किसी की सीमा … Read more