बुरा न मानो होली है…
गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… सतुयग से कलयुग यानि आज तक वसंत ऋतु में सभी सनातन धर्मावलम्बी,बच्चे-बूढ़े,सब संकोच और रूढ़ियाँ भूलकर ढोलक- झाँझ-मंजीरों की धुन के साथ नृत्य-संगीत व रंगों में डूब जो त्योहार पूरे उमंग,जोश व उल्लास के साथ मनाते हैं,उसी महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार का नाम है होली। वैसे … Read more