बुरा न मानो होली है…

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… सतुयग से कलयुग यानि आज तक वसंत ऋतु में सभी सनातन धर्मावलम्बी,बच्चे-बूढ़े,सब संकोच और रूढ़ियाँ भूलकर ढोलक- झाँझ-मंजीरों की धुन के साथ नृत्य-संगीत व रंगों में डूब जो त्योहार पूरे उमंग,जोश व उल्लास के साथ मनाते हैं,उसी महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार का नाम है होली। वैसे … Read more

जरा-सी भी लापरवाही घातक

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** ‘कोरोना’ संक्रमितों की संख्या में जिस तरह वापस बढ़ोतरी आ रही है,वह सभी के लिए चिन्ता का विषय है। इस बढ़ती संख्या को रोकने के लिए कुछ राज्य सरकारों ने अनेक जगह में रात का कर्फ्यू लगाया है,वहीं कुछ नगरों में वापस ‘तालाबंदी’ तक की है। अब तो प्रभावित प्रदेश से … Read more

नारी एक-दायित्व अनेक,पर ठोस सशक्तिकरण बाकी

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** महिला दिवस स्पर्धा विशेष…… मनुस्मृति के अध्याय ३ में उल्लेखित ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः’ (श्लोक ५६) का आशय है ‘जहां स्त्रीजाति का आदर-सम्मान होता है,उनकी आवश्यकताओं -अपेक्षाओं की पूर्ति होती है,उस स्थान,समाज तथा परिवार पर देवतागण प्रसन्न रहते हैं।’ इसी प्रकार हमारे वेदों,ऋग्वेद हो या यजुर्वेद, सामवेद हो या … Read more

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस और हमारी मातृभाषा हिन्दी

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस स्पर्धा विशेष…. सभी जानते हैं कि यूनेस्को ने विभिन्न मातृभाषाओं के प्रति जागरुकता लाने या यूँ कहिए कि अपनी अपनी भाषा-संस्कृति के प्रति लोगों में रुझान पैदा करने के उद्देश्य से पूरे विश्व में २१ फरवरी को ‘अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ मनाए जाने की शुरुआत वर्ष २००० से की … Read more

वर दे,वीणावादिनि वर दे

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** वसंत पंचमी स्पर्धा विशेष ….. सभी जानते हैं कि पतझड़ के बाद ऋतुराज वसंत का आगमन होता है,जिसे हम ऋतुराज,कामसखा, पिकानन्द,पुष्पमास,पुष्प समय,मधुमाधव आदि नामों से भी पुकारते हैं। इस ऋतु में वन-उपवन, बाग-बगीचों में लताएं,नए-नए लाल-हरे कोमल पत्तों से ही नहीं,बल्कि नाना प्रकार के पुष्पों से भी भर जाती हैं। इस … Read more

मन जीतने में कामयाब हुई सरकार

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** अंकीय भारत (डिजिटल) के पहले अंकीय बजट में जो भी घोषणाएं हुई हैं,उसके चलते शेयर बाजार में बम-बम, सेंसेक्स-निफ्टी में पहले कभी बजट के दिन इतनी महा तेजी नहीं दिखी। आम जनता को इस बजट में पसन्द आने वाले प्रावधान ज्यादा और निराश करने वाले बहुत कम हैं।अब चर्चा कर लेते … Read more

रोचकता से भरा है गणतंत्र दिवस का सफर

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष………. गणतंत्र दिवस हर साल हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाने वाले तीन महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्वों में से एक है। इस बार भी ७२ वां गणतंत्र दिवस २६ जनवरी को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।अब पहले हम गणतंत्र’ के अर्थ को समझ लेते हैं-जनता के लिए … Read more

साल बहुत कुछ सिखा गया

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** बीते वर्ष २०२० में हमने मानसिक तनाव बहुत झेला है। यह कष्ट कई कारणों से रहा, जिसमें प्रमुख रहा चीन पाकिस्तान के साथ युद्ध का भय व ‘कोरोना’ महामारी,परन्तु सभी यह भी जानते हैं कि हमारी सरकार ने चीन व पाकिस्तान दोनों पर अपना दबदबा बनाए रखा और महामारी पर बहुत … Read more

नववर्ष:अपेक्षाएं रखें,पर उत्तरदायित्व भी निभाएं

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** सभी जानते हैं कि,पूरे विश्व में धर्मानुसार अलग-अलग दिन नव वर्ष मनाते हैं। अब यदि हम भारत की बात करें तो यहाँ भी अलग-अलग राज्यों में नव वर्ष चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा,गुड़ी पड़वा,उगादी आदि नामों से आरंभ होता है। इसी तरह ईसाई धर्म के लोग १ जनवरी को नव वर्ष … Read more

राष्ट्र प्रेमी अनुपम अटल जी

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)************************************************** श्री अटल बिहारी वाजपेई:कवि व्यक्तित्व : स्पर्धा विशेष………. बाल ब्रह्मचारी,शत्रु विहीन,सर्वप्रिय,वाकपटु, सौम्य व हँसमुख स्वभाव वाले अटल जी के लिए जितना लिखा जाए,वह कम ही पड़ेगा, क्योंकि आज के समय में इतने गुण लिए कोई नेता नजर नहीं आता। वे ऐसे प्रखर ओजस्वी वक्ता थे,जिनको सुनने घोर विरोधी भी लालायित रहते … Read more