सावन

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* सावन मन भावन लगे,भक्ति शक्ति संगीत। सत्यम शिवम् विराजते,पावन सावन प्रीतll पावन सावन प्रीत,चढ़े झूले पर सखियाँ। तकती है मनमीत,बरसती सावन अँखियाँll शर्मा बाबू लाल,नहीं हो भाव अपावन। भक्ति प्रीत संजोग,लुभाए पावन सावनll हर-हर बम-बम गूँजता,नभ में बिजली मेह। वधू,कन्याएँ झूलती,झूले तीज सनेहll झूले तीज सनेह,सजे मेंहदी व कंगन। इन्द्र धनुष … Read more

धीरज रखो

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* चंद्र ग्रहण को देखकर, मन में उठे विचार। कोई अछूता न बचा, समय चक्र की मार॥ चंदा,सूरज को ग्रहण, देता प्राकृत चक्र। इसी भाँति इंसान को, समय सताता वक्र॥ धीरज से कटता ग्रहण, होय समय बदलाव। मानुष मन धीरज रखो, ईश्वर संग लगाव॥ सृष्टि सौर संयोग में, मत बन बाधा वीर। … Read more

पैसा बोलता है

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* पैसा ईश्वर तो नहीं,नहीं ईश से न्यून। जग में पैसा बोलता,रिश्ते सनते खूनll ईश्वर भी है वो बड़ा,जिस पर चढ़े करोड़। जग में पैसा बोलता,रिश्ते पीछे छोड़ll पैसे से पद बिक रहे,पैसे से सम्मान। जग में पैसा बोलता,बिकते हैं ईमानll वैवाहिक रिश्ते बिकें,कहते नाम दहेज़। जग में पैसा बोलता,धन से सेज … Read more

वट पूजा

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* वट सावित्री पूज कर,जो रखती उपवास। धन्य धन्य है भारती,प्राकत नारी आसll ढूँढे पूजन के लिए,बरगद दुर्लभ पेड़। पथ भी दुर्गम हो रहे,हुई कँटीली मेड़ll पेड़ सभी हैं काम के,रखना इनका ध्यान। दीर्घ आयु होता सखे,वट का पेड़ महानll पुत्र सरीखे पालिए,सादर तात समान। फूल छाँव फल दे यही,ईंधन काष्ठ प्रमानll … Read more

नई उड़ान

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* बहुत दिनों के बाद आज फिर, लिखने का मन करता है। जीत-हार की बातें करतें, अब भी मन डर छलता है। जीत नहीं यह मोदी की है, न हीं कमल निसान की। देश-विदेशी गत घावों को, मत का मल्हम भरता है। जीत किसी की नहीं जीत यह, भारत के मतदाता की। … Read more

मतदान-अधिकार

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* भारत के संविधान में,दिए मूल अधिकार। मानवता हक में रहे,लोकतन्त्र सरकार। लोकतंत्र सरकार,लोक से निर्मित होती। भूलो मत कर्तव्य,कर्म ही सच्चे मोती। कहे लाल कविराय,अकर्मी पाते गारत। मिला वोट अधिकार,बनाओ अपना भारत। दाता ने हमको दिया,जीवन का अधिकार। जागरूक मतदान से,लोकतंत्र साकार। लोकतंत्र साकार,समझ अब मत की कीमत। सोच-समझ मतदान दिखाओ … Read more

मतदान जागरूकता

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* जागरूक होकर करो,मतदाता मतदान। राजधर्म निर्वाह को, करिये ये शुभदानll सब कामों को छोड़कर,करना है यह काम। एक दिवस मतदान का,बाकी दिन आरामll सही करो मतदान तो,हो उत्तम सरकार। मन का प्रत्याशी चुनो,मत दे कर हर बारll डरो नहीं,झिझको नहीं,रहे प्रशासन संग। अच्छा प्रत्याशी चुनो,लोकतंत्र के अंगll अब आलस को त्यागिए,चलो … Read more

प्यारी पृथ्वी

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… प्यारी पृथ्वी जीवन दात्री, सब पिण्डों में,अनुपम है। जल,वायु का मिलन यहाँ पर, अनुकूलन भी उत्तम है। सब जीवों को जन्माती है, माँ के जैसे पालन भी। मौसम ऋतुएँ वर्षा,जल,का करती यह संचालन भी। सागर हित भी जगह बनाती, द्वीपों में यह बँटती है। पर्वत नदियाँ … Read more

गले मिलो प्रेम संग

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* नई साल आती रहे,मन में हो शुभ भाव, करते शुभकामना,सभी हम प्यार से। भारत धर्म संस्कृति,आए न कोई विकृति, मन में गुमान रख,रहना संस्कार से। बार-बार प्रयास हो,परिश्रम विश्वास हो, लक्ष्य पर हो निगाह,डरो नहीं हार से। शीतल स्वभाव रख,सफलता स्वाद चख, गर्म लोह कट जाए,शीतल प्रहार से। पंख लगते वक्त … Read more

नव वर्ष

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* (रचना शिल्प:विधान-११२१२ ११२१२ ११,२१२ ११२१२ १६,१२ मात्रा पर यति,चार चरणों का एक छंद,चारों चरण सम तुकांत) लगि चैत माह मने नया सन, सम्वती मय हर्ष है। फसले पकें खलिहान हो, तब ही सखे नव वर्ष है। परिणाम की,जब आस में बटु, धारता उतकर्ष है। मम कामना मनभावना यह, पर्व हो प्रतिवर्ष … Read more