हालात

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** प्रभात,चौवीस वर्ष का गोरा-चिट्टा, नौजवान। सर्वगुण सम्पन्न,खेलकूद, पढाई-लिखाई,गीत-संगीत,जैसी हर कला में दक्ष। अपने कोमल,शीतल,मन से हर किसी का लुभावना। हर किसी से घुल-मिल जाता,और फिर सबको ऐसा लगता कि उसका साथ ही सबसे प्यारा,अच्छा है।गत २५ दिसम्बर को अपने जिले की क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व करने महाराष्ट्र प्रान्त के … Read more

वक्त का चमत्कार

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** वायु की तरह ही वक्त के भी कोई सिरे-किनारे या छोर नहीं होते। युगों-युगों से अब तक इस पल तक वक्त की गति पर कोई परिवर्तन नहीं हुआ। वक्त न तो कभी थमा,न ही इसकी गति बढ़ी। हाँ,इतना जरूर होता है कि वक्त स्वयं को बदलकर अपने दायरे … Read more

हालातों की धुरी पे सामाजिक संबंध

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. सामाजिक संबंधों में दूरी,हालात ही बनाते हैं, संबंधों की ही धुरी पर ये सृष्टि को चलाते हैं। सामाजिक संबंधों… बदलाव हालातों में करता,बदलकर वक्त है रुख अपने, फिर वक्तो-हालात के जैसे ही,संबंध भी बनते जाते हैं। सामाजिक संबंधों… हालातों ने अच्छे और बुरे,संबंध … Read more

सबकी विनती सुन लो

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** ऐ भारतवर्ष के लोगों,सब-सबकी विनती सुन लो, जब तक न मिटे ये ‘कोरोना’,अपने ही घर में रह लो। यमदूत बना ये दानव,जन-मन की जान का दुश्मन, इसको न किसी ने देखा न इसके कहीं थे लक्षण। न जाने आया कहाँँ से ये बनके मौत सभी की, इसके जैसे … Read more

मानव और ‘कोरोना’

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** क्यूँँ मानव का संहार हुआ,दानव-सा अत्याचार किया, ‘कोरोना’ विषाणु ने आकर,क्यूँ मानव पर ही वार किया। क्यूँ मानव… सब चौक-चौराहे सूने हैं,शहरो गाँवों में वीरानी है, रस्तों-गलियों की रौनक पर,इसकी दहशत ने वार किया। क्यूँ मानव… साँसों से जाकर जिस्मों में,रोकी साँसें ही जिस्मों की, इक जिस्म से … Read more

प्रकृति संरचना में मानव का महत्व

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. ‘प्रकृति संरचना में मानव का महत्व’ है,पर मानव से पहले प्रकृति की चर्चा-भारतीय पुराणों के अनुसार किवदंतियां हैं कि प्रकृति (सृष्टि)की रचना आदिकाल से पहले हमारे ईष्ट देवता ब्रह्मा,विष्णु,महेश जी ने की थी,जो किवदंती नहीं शत्-प्रतिशत सत्य है। सभी देवों ने प्रकृति के … Read more

फ़िजूल जरुरतें

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** जमीन होती गगन से रौशन, गगन से किरणों के गुन्चे आते। मगर जमीं पे रहने वाले, नहीं इन्हें हैं यहां सजाते। जमीन होती… कहाँ-कहाँ से गुजरती नदियां, कि मिल लें सागर से अपने जा के। मगर जमीं पे रहने वाले, नहीं कदर नदियों की जताते। जमीन होती… जमीन … Read more

अतुलनीय भारतीय:विपदाओं का विकल्प तलाशें भारतवासी

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** वक्त गुजरता रहता है। वक्त के साथ आबो-हवा माहौल,या कहें कि हालात बदलते रहते हैं। हालांकि,सुख-सुविधा,साधन,सम्पन्नता के प्रति आकर्षण मानवीय स्वभाव के लक्षण हैं,परन्तु अपनी सम्पदा, सम्प्रभुता को खोकर हासिल किए गए सुख-सुविधा,साधन कितने भी समृद्ध क्यों न हों,भविष्य में कभी न कभी नुकसानदायी ही बनते हैं। बदलाव … Read more

अनजानी ये रहगुजर

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** जिन्दगी ये मिली जिस्म भी मिला है सुहाना, बन जाए कब मिट्टी,इसका न ठिकाना। बनना ही है जब मिट्टी तो फिर क्यों न, खुश होकर जीना,प्रेम-प्यार से बिताना। जिन्दगी ये मिली… मंजिल तय है हर एक सफर की मगर, हर एक मुसाफिर,बेखबर है डगर से। कुदरत ने सबको … Read more

मेरे देश की मिट्टी

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** भारतवर्ष की मिट्टी में है सौंधी प्यारी-सी खुशबू, मेरे देश की मिट्टी… इसके वीर शहीदों के बलिदानी लहू की खुशबू, मेरे देश की मिट्टी…l इसके शीश हिमालय पर्वत जैसा ताज है सुन्दर, गंगा,यमुना-सी नदियों से धुन जल-तरंग की सुनकर। मन मस्त मगन हो जाता है,मन मस्त मगन हो … Read more