खीजा हुआ हूँ

दृष्टि भानुशालीनवी मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************** कोई न आना मनाने मुझे,समझानेबुझाने,बहलाने मुझेसोचा है थोड़ा एकांत रहूं,क्योंकि मैं खीजा हुआ हूँ। हर एक शय से खफा हूँ,है एक मेरी यही आरज़ूकोई ना करना मुझसे गुफ्तगू,क्योंकि में खीजा हुआ हूँ। ठंडी हवा भी लू-सी लगे,गुड़ भी लगे गिलोय जैसाहो गया अर्श में रवि से इंदु,अभी तक मैं खीजा हुआ हूँ। … Read more

तालाबंदी का सफर

दृष्टि भानुशालीनवी मुंबई(महाराष्ट्र) **************************************************************** साल ‘२०२०पूरे विश्व को आजीवन याद रहेगा। बाढ़,चक्रवात,आतंकवादी हमला,तालाबंदी,जनता कर्फ्यू,कोरोना विषाणु आदि न जाने कितनी विपदाएँ सही है पूरे विश्व ने।कोविड-१९की इस महामारी के चलते देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ महीनेतालाबंदीकी घोषणा की थी। सभी देशवासियों नेतालाबंदीका पालन तो किया,किंतु अपनी रोजी-रोटी कमाने हेतु मनुष्य को बाहर निकलकर परिश्रम तो … Read more

जन्मदिन

दृष्टि भानुशालीनवी मुंबई(महाराष्ट्र) **************************************************************** है यह एक ऐसा दिन,अधूरी थी एक जननी तुम्हारे बिन।तुम्हारे पहली बार रोने पर वह मुस्काई,पूरे संसार की खुशियां थी उसने पाई। जीवन में पहली बार तुम्हारे रोने पर,बाँटी थी मिठाईयाँ सबने खुश होकर।नवीन रिश्तों का निर्माण किया था तुमने तब,पहला कदम रखा था इस दुनिया में तुमने जब। दादा-दादी और नाना-नानी … Read more

बहते आँसू

संजय वर्मा ‘दृष्टि’  मनावर(मध्यप्रदेश) ************************************************************* ‘कोरोना’ का रोना, रोते इंसानों की आँखों से बहते आँसू, कह जाते हालातों को बिन बोले। तपती धूप में, प्यासे कंठ लिए पाँवों में छाले लिए, घर जाने की आस लिए भूखे प्यासे राहगीर, चलते जाते मन से जलते जाते ? सेवाभावी लोगों से, मिल जाती दो जून की रोटियाँ। … Read more

देखने दे मुझे रंगीन दुनिया माँ..

दृष्टि भानुशाली नवी मुंबई(महाराष्ट्र)  **************************************************************** देखने दे मुझे यह रंगीन दुनिया माँ, यह नीला गगन,हरे पेड़ और रंगीन फूलों का जहाँ। मेरे आने की खबर सुन, तू खुशी से झूम उठी, जब ज्ञात हुआ कि बेटी हूँ तो क्यों शर्मिंदा तू हो गई ? तेरे घर में आगमन होगा, एक लक्ष्मी स्वरूप बेटी का। यह … Read more

चम्पा का फूल

संजय वर्मा ‘दृष्टि’  मनावर(मध्यप्रदेश) ************************************************************* चम्पा के फूल जैसी काया तुम्हारी, मन को आकर्षित कर देती जब, खिल जाती हो चम्पा की तरह। भौंरे..तितलियों के संग जब भेजती हो सुगंध का सन्देश, वातावरण हो जाता है सुगंधित और मन हो जाता मंत्रमुग्ध। जब सँवारती हो चम्पा के फूलों से अपना तन, जूड़े में,माला में और … Read more

मकान का रिश्ता

संजय वर्मा ‘दृष्टि’  मनावर(मध्यप्रदेश) ************************************************************* नाना-नानी का मकान, जहाँ बिताई बड़े दिन की छुट्टी नाना का लाड़ नानी दुलार, नाना के हाथों लाई इमरती नानी का झूला, नानी की कहानी मेरे मस्ती करने पर, नानी मुझे नहीं माँ को डाँटती, दुलार को डाँट से ढक देती। नाना-नानी बन चुके जो तारे, गर्मी की छुट्टियों में … Read more

सर्द हवाएँ

संजय वर्मा ‘दृष्टि’  मनावर(मध्यप्रदेश) ************************************************************* सर्द हवाओं से मत पूछो, बिखेरे क्यों ये रंग हजारl मौसम ये अपने मिजाज, दिखते रंग सर्द में आजl ठंडी हवा झोंकों-सी इक पैगाम दे गई, अपनों-सा ये मौसम को एक नाम दे गईl फूलों पे रंगत है मौसम से आज, फिर क्यों पूछे फूलों से खुशबूओं का हिसाबl सर्द … Read more

गौरेया अँगना में आजा..

संजय वर्मा ‘दृष्टि’  मनावर(मध्यप्रदेश) ********************************************************************************** गौरेया इंसानों के साथ रहने वाला छोटा पक्षी(चिड़िया) वर्तमान में विलुप्ति की कगार पर जा पहुंचा है। ये छोटे-छोटे कीड़ों को खाकर प्रकृति का संतुलन बनाए रखने में सहायक है। गौरेया के कम होने का कारण विकिरण का प्रभाव तो है ही,इसके अलावा उनकी देखभाल पर इंसानों का ध्यान कम … Read more

यादें

संजय वर्मा ‘दृष्टि’  मनावर(मध्यप्रदेश) ********************************************************************************** गुजर गए अपनों की, स्मृतियों को याद करके सोचता हूँ,कितना सूनापन है उनके बिनाl घर की उनकी संजोई हर चीज को जब छूता हूँ, तब उनकी जीवंतता का अहसास होने लगता, डबडबाई आँखों,भरे मन से एलबम के पन्ने उलटता, तब जीवन में उनके संग होने का आभास होता हैl उनकी … Read more