कभी प्यार

सुश्री नमिता दुबेइंदौर(मध्यप्रदेश)******************************************** काव्य संग्रह हम और तुम से…. प्रिये,तुम उस दिन अपने में डूबी,शीतल बयार की सिहरन में सिकुड़ी बैठीकिसी ख्वाब की तरह स्वेटर बुन रही थी।मेरे आने से,तुम सकुचा गई थी,प्यार की गहरी लालिमातुम्हारे चेहरे पर छा गई थी।मैं मुस्करा रहा था,तुम लजा रही थी,किसी तरह तुमने समेटाअधबुना स्वेटर,और आँखों ही आँखों में … Read more

वीरों की याद में…

शिवकुमार दुबेइंदौर(मध्यप्रदेश)***************************************** लगा धूल माथे पर,बिछा देंगे पंखुड़ियाँपुष्पों की उनकी,स्मृतिशेष यादों में।प्रज्वलित करेंगे दीप,जहाँ से निकलेगीवीरों की यादों में प्रभातफेरियां,प्रणाम हे वीर मातृ तुम्हेंजो जन्मा ऐसा वीर,मातृभूमि में बलिदान होनेनिकला घर से सीना तान।हे वीर बालाओं तुम्हें प्रणाम,वज्र रख हृदय परलगाकर तिलक,करते हो विदा रणभूमि मेंअपने अप्रतिम प्यारे को।याद कर तुम्हें चिता राख से,लगाएंगे माथे … Read more

मुस्कान के रंग

सुश्री नमिता दुबेइंदौर(मध्यप्रदेश)******************************************************** मुस्कान के होते हैंकई अजीब रंग,कभी मासूमकभी मादक तो,कभी अहंकारीहोती है मुस्कान। राग के ह्रास कोमिटाती है मुस्कान,बड़े-बड़े काम कोचुटकियों में आसां,बनाती है मुस्कान। मुस्कान ने रचेकई इतिहास हैं,कभीमुस्कान के अस्त्र से,कई ऋषि-मुनियों कीतपस्या भंग हुई,महायुद्ध के बीज बो गईकभी द्रोपदी की मुस्कान। कृष्ण की मुस्कान को भीसमझना नहीं था आसां,यही मुस्कान … Read more

खुशी

सुश्री नमिता दुबेइंदौर(मध्यप्रदेश)******************************************************** खुशी को खुशी से मिलने की, तमन्ना अधूरी ही रह गई… पता ही ना चला मुझे, मैं कब बड़ी हो गई…। ढूंढती रही खुशियां, रिश्तों में दरख्तों में… सवालों में जवाबों में, ढूंढते-ढूंढते कब मैं पराई हो गई…। पता भी ना चला…, आज जब आईना देखा तो लगा यूँ कि मैं तो, … Read more

गौरी

सुदामा दुबे  सीहोर(मध्यप्रदेश) ******************************************* छन-छन छनकायेंं पायलियाँ पाँव में, गौरी आई गुलमोहर की छाँव में। लगे नैन उसके काजल से कजरारे, झूमे अल्हड़ कैश पवन के दाब में। सोहें तन उसके सिंदूरी से बाने, दमके अधर गुलाबी रवि के ताव में। यौवन मद में चूर रूपसी मतवारी, छेड़े मिलन का राग हिये के भाव में। … Read more

कालचक्र हूँ,इतिहास बनाता हूँ

सुश्री नमिता दुबे इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************** मैं कालचक्र हूँ,इतिहास बनाता हूँ मैं देख रहा था दिग्भ्रमित युवाओं ने, परिवार की परिभाषा भूल `लिव इन रिलेशनशिप` के नव आचार को अपनायाl संस्कारों की होली जलाई, बुजुर्गों को अपने प्यार से दूर कियाl और फिर, बीज बो दिए बबूल के आम की आस करते गए आँगन में `कैक्टस` … Read more

झुमकी का `मदर्स-डे`

‘अन्तर्राष्ट्रीय मातृत्व दिवस’ १० मई विशेष………. ग्यारह बज रहा है,केसर अभी तक नहीं आई। हैरान-परेशान पल्लवी झाड़ू लेकर आई ही थी कि,तभी केसर अपनी बेटी झुमकी को लेकर आ गई। पल्लवी ने अपने गुस्से को नियंत्रित कर बोला-“कितनी देर कर दी केसर ? ग्यारह बज रहे हैं,मैं कब खाना बनाऊंगी ? चल जल्दी से बर्तन … Read more

प्रीत के पावन भाव प्रिये

सुदामा दुबे  सीहोर(मध्यप्रदेश) ******************************************* लिए हुए वो प्रीत के पावन भाव प्रिये, खड़ा अटल-सा पथ में अपने पाँव प्रिये। चटक सिंदूरी से तन पर उसके बाने, ठंडी शीतल-सी है उसकी छाँव प्रिये। नेह करें वो तुमसे बिल्कुल निर्मल-सा, लैश ना राखे वो कोई दुराव प्रिये। भूल जाएगा अपने सारे रंजो गम, भर जाएंगें उसके सारे … Read more

मन श्यामा का चहक उठा

सुदामा दुबे  सीहोर(मध्यप्रदेश) ******************************************* खिल उठे कनक से अमलतास, मादक-सा महुआ महक उठाl अमराई में बौर महकते, मन श्यामा का चहक उठाll यौवन आया तरूओं पर, भी लेती शाखें अंगड़ाईl कोपल पात नवल से आये, तन मस्ती में लहक उठाll पावक-सा चटके पलाश, वो छटा बिखेरे मतवारीl गुलमोहर दमके सिंदूरी, जैसे लावा दहक उठाll साजड़,खैर … Read more

छैयां नीम की

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** आँगन की छैयां सुहानी, बाबा सुनाते थे कहानी दादी लिए हाथ में पानी, देख हमें कैसे मुस्काती। खेलें हम पकड़े बंहियां…, नीम की छैयां…॥ गर्मी के दिन पूरे हमारे, नीम डाल पर झूला डाले इक-दूजे को खूब झूलाते, खीर बताशे खूब चबाते। करते हम सब ता-ता थैया…, नीम की छैयां…॥ होती … Read more