हिंदी-वन्दना

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** हिंदी दिवस विशेष.... नए बोल सिखाती है,मुझे ज्ञान कराती है।ऐ माँ भाषा तू ही मुझको,सम्मान दिलाती है।नए बोल सिखाती है़…॥ भारत का है गौरव…

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तन म्हारा लाल कान्हा न….

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** जन्माष्टमी विशेष..... तन म्हारा लाल कान्हा न अब तो बर ले रे।बर ले,सुमर ले,मन में धर ले रे…॥ तू मत जाण लाला राह सरल…

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संघर्षों से ही सफलता

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** खिले कमल कीचड़ में कैसे,गहन अंधेरा दीप जले।उल्टे बांस बरेली जैसे,मछली उल्टी धार चले। तूफान भरे सागर में वो ही,जीवन नइया चलाता है।कर जिगरा…

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चलो मनाएं टीका-उत्सव

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** चलो मनाएं टीका-उत्सव,युद्ध-कोरोना लड़ना है।टीका लगाकर जीवन बचाएं,तभी कोरोना पिछड़ना है। मुँह मॉस्क और सोशल डिस्टेंस,साबुन से हाथ धो-धोकर।दो साल से युद्ध निरंतर,मजबूत इरादे…

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जल-जीवन:जग-जीवन

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** ज से जल जीवन स्पर्धा विशेष… जीकर जल इस जग-जीवन में,जीवन की ज्योत जलाता है।हरी-हरी हरियाली हरखे,मन हरिया हर्षाता है।झर-झर कल-कल नदियां बहकर,सागर बनकर…

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कैसे शब्द सजाऊँ…?

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** कैसे शब्द सजाऊँ साथी…?? कैसे शब्द सजाऊँ…??दुनिया में घनघोर तबाही,कैसे शब्द सजाऊँ…?? आज सिमटता-मिटता जाता,मानवता का सागर,आत्मा प्यासी,सूखी-सी है,प्रेम के रस की गागर।नहीं मिलता…

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आया बसन्त

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** लो! अब हुआ,जाड़े का अंत,मस्त मदमाता,फिर आया बसंत। मौसम सुहावना,न शीत-न गरमी,पवन की गति में,अब बनी है नरमी। पीली-पीली,धानी ओढ़ चुनरिया,बनी प्रकृति आज,मानो दुल्हनिया।…

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सब जीतें ‘कोरोना’ वार…

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’ बूंदी (राजस्थान) ****************************************************************** लम्हें ये भी गुजर जाएंगे, कष्ट उदासी को सह के। जीवन फिर जीने को मिलेगा, जो रहे, 'कोरोना' से बच के। कभी…

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सब सतर्क रहो ना

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’ बूंदी (राजस्थान) ****************************************************************** डरने-डराने की अब बात करो ना, भय-आतंक को मन में भरो ना। वायरस 'कोरोना' नहीं अमर विषाणु, बरत के एहतियात,सब सतर्क रहो…

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तुम अमृत-भीम विचारी हो

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’ बूंदी (राजस्थान) ****************************************************************** आम्बेडकर जयंती विशेष................. तुम शिव से हलाहल धारी हो, तुम विष्णु से अवतारी हो। समष्टि कुल में रहे अछूत तुम, अमृत-भीम विचारी…

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