समाज संस्कारक रहे राजा राममोहन राय

गोपाल चन्द्र मुखर्जी बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************************ २२ मई जयंती विशेष………….. हिन्दीभाषा के विशेष प्रेमी व तत्कालीन अखण्ड भारतवर्ष के सुपुत तथा अनेक भाषाओं में प्रखर विद्वान, निर्भिक मानव दरदी,समाज सुधारक राजा राममोहन राय के जयंती के शुभ अवसर पर श्री चरणों में प्रणाम करते हुए श्रद्धार्घ अर्पण..। आज से हजारों वर्ष पूर्व में भारतवर्ष एक … Read more

तेरी कहानी ढूँढता हूँ!

गोपाल मोहन मिश्र दरभंगा (बिहार) ******************************************************************************** वक्त के अखबार में तेरी कहानी ढूँढता हूँ। उम्र के इस आइने में इक निशानी ढूँढता हूँ। दौर मिट जाएँ भले मिटते नहीं जज्बात दिल के, ले चले उस दौर में फिर वो रवानी ढूँढता हूँ। जब तेरी महफ़िल में लुटकर दूर बैठा रौशनी से, रात के साये तले … Read more

`आत्मनिर्भर भारत` के सपने और चुनौतियां

गोपाल मोहन मिश्र दरभंगा (बिहार) ******************************************************************************** प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने `कोरोना` प्रकोप से त्रस्त,आर्थिक नजरिए से ध्वस्त और अंतर्मन से जले-भुने भारतवासियों के लिए २० लाख करोड़ रुपए के जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है,वह बदलते वक्त के लिहाज से दूरदर्शितापूर्ण कदम है। साथ ही जितनी चतुराई से उन्होंने स्थानीय को आवाज यानि `लोकल … Read more

माँ,मुझे माफ कर दो…

गोपाल मोहन मिश्र दरभंगा (बिहार) ******************************************************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय मातृत्व दिवस’ १० मई विशेष………. माँ के बार-बार मना करने के बाद भी एक दिन लोकेश के मामा ने अपनी बहन को मोबाइल फ़ोन उपहार स्वरुप दे दिया। अब मोबाइल फ़ोन हाथ में पकड़ कर माँ उलझन में पड़ गयी,क्योंकि उन्हें तो मोबाइल के बारे में कुछ भी … Read more

शांति दूत बुद्ध देव की वाणी का पालन आवश्यक

गोपाल चन्द्र मुखर्जी बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************************ वैसाखी पूर्णिमा या बुद्धपुर्णिमा व गौतम बुद्ध जी के अवतरण दिवस के अवसर पर भगवान बुद्धदेव जी के श्रीचरणों में प्रणाम एवं श्रद्धार्घ अर्पण। ‘नित्य शुद्ध बुद्ध भव’ यथार्थ ही कहा करते थे ठाकुर परमहंस श्रीरामकृष्णदेव जी,जिसका मर्मार्थ यह है कि जिनका चित्त या मन शुद्ध होता है,वे शुद्ध … Read more

आदत

गोपाल मोहन मिश्र दरभंगा (बिहार) ******************************************************************************** कभी-कभी यूँ ही अकेला, निकल जाता हूँ मैं वहाँ जहाँ तनहाईयाँ हो, जहाँ वक्त ठहरा हुआ सा लगे जहाँ भीड़ हो दरख्तों की, खुशबूएँ हो फूल-पत्तियों की नदियों के कल-कल शोर में भी, खामोशियों के भंवर खुले जहाँ। अच्छे तो लगते हैं, गूँजते सन्नाटे पहाड़ों के मगर ऊब जाता … Read more

स्वर्ग

गोपाल मोहन मिश्र दरभंगा (बिहार) ******************************************************************************** जहाँ जमीं आसमां मिलते होंगें, जहाँ चारों दिशाओं की दीवारें गिर जाती होंगीं, जहाँ बादलों पर सोते होंगें लोग जहाँ तारों पर चलते होंगें लोग, जहाँ चाँद पर पिकनिक होती होगी सूरज का अलाव तापा जाता होगा, इन्द्रधनुष जहाँ बच्चों का कोलंबस होगा राहू-केतु खिलौने होंगें, जहाँ प्रेम होगा … Read more

तालाबंदी:धरती की ‘संजीवनी’

गोपाल मोहन मिश्र दरभंगा (बिहार) ******************************************************************************** वैसे तो पिछले कई सालों से पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयास हो रहे थे,परंतु ज्यादातर सिर्फ औपचारिक थे। ‘कोरोना’ ने कहर बरपाया तो लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो गए। सभी गतिविधियाँ ठप हो गईं और जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया। जहाँ एक तरफ पूरे विश्व को … Read more

सामाजिक संबंध में आ गई दूरी

गोपाल चन्द्र मुखर्जी बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************************ सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. क्या पता,आज हुआ है क्या ? एकसाथ रहकर भी हम सब, अपनों से दूर-दूर भागते- संबंध से भी मोबाईल-इंटरनेट हो गया प्यारा। आकर पास बैठकर बातें करने में, किसी के पास नहीं है समय हालचाल पूछकर नमस्ते करना एक हाथ से- क्या जमाना आ … Read more

सामाजिक संबंध और जाल

गोपाल मोहन मिश्र दरभंगा (बिहार) ******************************************************************************** सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. समाज’ सामाजिक संबंधों का जाल है, अब प्रश्न यह है- क्या आजकल के टूटते रिश्तों से, किसी को मलाल है ? आज तो हर इंसान की बिगड़ी हुई चाल है… कहा तो यहाँ तक जाता है कि, परिवार में बड़े-बुजुर्गों की अब बच्चों के … Read more