क्यों यह दहशतगर्जी का खेल…?
देवश्री गोयलजगदलपुर-बस्तर(छग)********************************************** विश्व शांति दिवस स्पर्धा विशेष…… शायद मैं थोड़ा उद्विग्न हूँ…,कह सकते हो कि मैं कृतघ्न हूँ।सिर्फ आह भरकर रह जाती हूँ…,सिर्फ आँख नम कर लेती हूँ।जब कायराना हरकत होती है…,मन ही मन दुःखी होती हूँ।दर्द का अंदाजा कैसे लगाएं…,जब हम खुद नींद भर सोएं।उजड़ी मांगों की दर्दीली कहानी…,तड़पती माँ के सीने की रवानी।बिलखते … Read more