नदिया न पिये कभी…

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** ‘विश्व जल दिवस’ विशेष नदिया न पिये,कभी अपना जल।वृक्ष न खाए,कभी अपना फल।सभी को देते रहते,सदा ही फल-जल।नदिया न पिये कभी…॥ न वो देखे जात-पांत,और न देखे छोटा-बड़ा।न करते वो भेद-भाव,और न देखे अमीरी-गरीबी।सदा ही रखते समान भाव,और करते सब पर उपकार।नदिया न पिये कभी…॥ निरन्तर बहती रहती,चारों दिशाओं में नदियां।हर मौसम … Read more

माँसाहार मतलब मौत…

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** शोध-अध्ययन….. सबसे पहले हमें भोजन और आहार में अंतर समझना चाहिए। भोजन यानी भोग से जल्दी नष्ट होना,जबकि आहार यानी जो आरोग्यवर्धक और हानिरहित होता है। शाकाहार यानी शांतिकारक और हानिरहित जो आहार होता है,उसको शाकाहार कहते है,जबकि माँसाहार यानी जो मानसिक और शारीरिक रूप से हानि पहुंचाए।माँसाहार किसी भी धर्म में मान्य … Read more

सफल जन्म,हमारा भी फ़र्ज

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** सफल जन्म मेरो भयो,मानव जीवन पाकर।धन्य हुआ मानव जीवन,माँ-बाप के संग रहकर।कितना कुछ वो किए,मुझे पाने के लिए।अब हमारा भी फर्ज हैउनकी सेवा करने का॥ सब-कुछ समर्पित किए वो,लायक मुझे बनाने के लिए।कैसे अब मैं छोड़ दूँ,उनको उनके हाल पर।नहीं उतार सकता मैं,कर्ज उनका मरते दम तक।पर कुछ ऋण चुका सकता,उनकी औलाद … Read more

ममता बनर्जी का दुःख और सत्ता

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)**************************************** मुद्दा-पश्चिम बंगाल……… आजकल केन्द्र की सत्ताधारी पार्टी,चूँकि प्रबल बहुमत में होने और उगता सूरज होने से उसका आकर्षण होना स्वाभाविक हो रहा है। दल का लक्ष्य है पूरे देश को अपनी नियंत्रण में रखना है। इस शुभ कार्य के लिए सामदाम,दंड,भेद नीति से पूरा साम्राज्य स्थापित करना ही मुख्य लक्ष्य होता है,जिसके कुछ … Read more

भूत,भविष्य और वर्तमान

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** जीवन के हैं तीन आधार-भूत,भविष्य और वर्तमानजीना सबको पड़ता हैइन्हीं तीन कालों मेंभूत बदले,भविष्य बदले,या बदले वर्तमानफिर जीना पड़ता है,इन्हीं कालों के साथ। किसके भाग्य में क्या लिखा,ये तो भाग्यविधाता जानेपर मैं जो कुछ भी करता,अपनी मेहनत और लगन सेतभी तो दिख रहे परिणाम,मुझे इस मानव जीवन मेंइसलिए मुझे आस्था है,अपने भगवान … Read more

चीनी-भारतीय सैनिक लौट रहे ?

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)*********************************************** सैनिक गए नहीं थे,पर वापिस लौट रहे हैं। कभी-कभी बहुत सी चीज़ों में रहस्य छुपा रहता है,जैसे किसी से पूछो-आपने झूठ बोलना बंद कर दिया ? इसका उत्तर क्या हो सकता है ? ऐसी ही स्थिति भारत और चीन की है। यानी दोनों देशों में युद्ध नहीं हुआ, यानी कोई किसी की सीमा … Read more

अपराधों का कानून से रुकना संभव नहीं

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)************************************* सामयिक चिंतन…. जब से सृष्टि का उदय हुआ और मानव युगल में हुए,तब से अपराध-पाप आदि शुरू हुए। कारण मानव में मन होने से वह सबसे अधिक समाज में विकृतियां फैलाई हैं,जिस कारण पुराण,शास्त्रों,वेदों में और तो और कानून की किताबें लिखी गई। आज विश्व में जितने भी क़ानून बने हैं,वे मात्र ५ … Read more

करो ना बदनाम मोहब्बत को

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** लुटा कर सब-कुछ अपना,तुम्हें खुश नहीं कर पाएजमाने की खाकर ठोकर,संभल तुम नहीं पाए।अपने और परायों को,नहीं पहचान तुम पाएक्योंकि तुम खुद किसी के,दिल में जगह नहीं बना पाए॥ कसम खा खा कर तुमने,न जाने कितनों को लूटान जाने कितनों को तुमने,अपनी अदाओं से लूटा।तभी तो लोगों ने तुमसे,अपना मुँह मोड़ लियाऔर … Read more

जैन धर्म की महती राष्ट्रीय भूमिका

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** चिंतन…….. प्रस्तुत संस्कृति की धारा ने भारतीय जीवन व विचार एवं व्यवस्थाओं को कब कैसे पुष्ट और परिष्कृत किया,इसका यथार्थ मूल्यांकन होकर उसकी वास्तविक रूपरेखा उपस्थित हो जाए तो मालूम होगा कि जैन धर्म अपनी विचार व जीवन संबंधी व्यवस्थाओं के विकास में कभी किसी संकुचित दृष्टि का शिकार नहीं बना। उसकी भूमिका … Read more

वे धन्यवाद नहीं ले रहे…

धर्मपाल महेंद्र जैनटोरंटो (कनाडा)**************************** मैं अपने समय के प्रतिष्ठित होते-होते बच गए व्यंग्यकार के साथ बैठा हूँ। उनका जेनेरिक नाम व्यंका है,ब्रांड नेम बाज़ार में आया नहीं, इसलिए अभी उनका नाम बताने में दम नहीं है। यह चर्चा मोबाइल पर रिकॉर्ड हो रही है। प्र.: व्यंका जी,कभी आपका नाम हो जाए और आप अमर हो … Read more