नारी नहीं मजबूर
संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** मज़बूर हूँ मैं,मगर ये मत समझनाकि कमज़ोर हूँ।मज़बूत हूँ मैं,साथ ही ग़रीब हूँमगर लाचार नहीं। तेरे शोषण का सबूत हूँ मैं,तेरी ही पहचान हूँ मैंफिर भी अपनों के लिएकार्य कर रही हूँदुखी होते हुए भी,आनंदमय जीवन जिएजा रही हूँ मैं।मज़बूर हूँ मैं… मिटाएगा मुझे तू क्या,इतनी हिम्मत कहाँ तुझमें ?क्योंकि,मैं सदा ही … Read more