ऐ जीवन कहाँ है तू!

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** मन में जीने की आस लिएअरु एक अटल विश्वास लिए।कैसे पहुंच मैं जहां है तू,बता ऐ जीवन कहां है तू॥ क्या फूलों में खारों में है,क्या नदियों के धारों में है।मैं हार गया चलते-चलते,बता ऐ जीवन कहां है तू…॥ अब ढूंढूं कहां बता तुमको,कोई भी नहीं मिला मुझको।अपनों में या गैरों … Read more

सुखी जीवन

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** सुखी वही जीवन है जिसमें माँ-बापू का प्यार मिले,उनका आशीर्वाद मिले और पत्नी की मनुहार मिले।स्वर्ग वही घर जिसमें बेटी-बेटों की किलकारी हो,घर के आँगन की बगिया में प्यारे-प्यारे फूल खिले। संतोषी जीवन हो सारा नहीं कोई आपा-धापी,खाने को दो रोटी हो बस खुशियों का संसार मिले।आज्ञाकारी पुत्र-पुत्रियाँ,दादा-दादी का हो प्यार,देश-गाँव … Read more

नारी ने जन्म दिया,उससे ऐसा व्यवहार!

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** महिला दिवस स्पर्धा विशेष…… दुर्जन जन करते रहते नारी पर अत्याचार,जिस नारी ने जन्म दिया,उससे ऐसा व्यवहार ? करुणा का सागर है नारी है ममता की मूरत,मिलती-जुलती है नारी से ही भगवन की सूरत।नारी के ही दम से चलता है सारा संसार,जिस नारी ने जन्म दिया,उससे ऐसा व्यवहार…? सृजन सृष्टि का … Read more

अमर शहीदों को श्रद्धांजलि

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** पुलवामां के अमर शहीदों की कुर्बानी याद करो,आँखों में अंगारे रक्खो दिल से यूँ ना आह भरो।किया पाक ने जो कुकर्म था बदला अभी चुकाना है,चौदह फरवरी सन् उन्नीस को हमको नहीं भुलाना है॥ वही आज का दिन है जिस दिन धोखा हुआ करारा था,घात लगा चालीस जवानों को दुश्मन ने … Read more

प्रतीक्षा

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** करते-करते इंतजार अब सूख चुका आँखों का पानी,इस बहार के मौसम में भी मुझको लगती है वीरानी।दीवाना दिल बात न माने हरदम तेरा नाम पुकारे,राह निहारूँ तेरी साजन इंतजार में बाँह पसारे॥ युग बीते परदेस गये तुम भूल गये हो मुझको साजन,करूँ प्रतीक्षा कबसे बैठी बीत गये हैं कितने सावन।इक पल … Read more

चमका नया दिवाकर

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष………. आया है गणतंत्र दिवस आओ इसे मनाएं,बीते वर्ष इकहत्तर पर यादों के फूल चढ़ाएं। आज इसी दिन को हमने अधिकार हमारा पाया,तब से हमने भारत में गणतंत्र दिवस मनाया। सर्व धर्म का देश हमारा,सब हैं एक बराबर,आज के दिवस भारत नभ पर चमका नया दिवाकर। बने नियम … Read more

पर्व मकर संक्रांति

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** नव प्रभात का नवल सूर्य है,आओ अर्घ्य चढ़ाएं हमपावन पर्व मकर संक्रांति,मिल-जुल आज मनाएं हम। खेतों में फसलें फूटी हैं,बागों में हैं फूल खिलेसर्द बसंती संधि दिवस,भंवरे कलियों से आन मिले। नयी उमंगें मन में जागी,नव पल्लव मुस्काए हैंनयी चेतना लिए परिंदे,आसमान पर छाए हैं। है संदेश बसंत ऋतु का,बासंती हर … Read more

याद

भीकम चन्द जांगिड़ ‘भयंकर’अजमेर ( राजस्थान)***************************** काव्य संग्रह हम और तुम से तन्हाईयों में ही तो मैं तुमको याद करता हूँ,यादों में गीत तेरे ही तो गुनगुनाता हूँ। हर रात तेरे नाम का दिया जलाता हूँ,चाँद-तारों से तेरी मैं बात करता हूँ। सपने बुने जो तूने-मैंने याद करता हूँ,दिल में बसी हो मेरे तुमको साथ … Read more

नया सवेरा

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ******************************************************* (रचना शिल्प:मात्रा भार १६+१६ हर पंक्ति) जिस दिन बिटिया घर आएगी,उस दिन नया सवेरा होगा,गोद में आकर मुस्काएगी,उस दिन नया सवेरा होगा। नया-नया अरुणोदय होगा,आँगन में रंगोली होगी,घर भर में खुशियाँ छायेंगी,उस दिन नया सवेरा होगा। खिला-खिला सा मौसम होगा,महक रही होगी फुलवारी,अमुआ पर कोयल गायेगी,उस दिन नया सवेरा होगा। ठुमक-ठुमक … Read more

मेरी कल्पना

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ******************************************************* नए साल में नई उमंगें,जैसे नया जमाना होगाबीत जाएगा साल पुरानागुज़रा हुआ फ़साना होगाl तड़प रहे थे इतने दिन से,डरते-डरते समय गुजाराकब जाएगा ये कोरोनाकब आएगा वक्त हमाराl कब अपनों से मिल पाएँगे,फटा हुआ दिल सी पाएँगेशहर में घूमेंगे आवारा,जब होगा इससे छुटकाराl आशा करते हैैं वर्ष नया,खुशियाँ लेकर के आएगासब … Read more