बदलती तस्वीर

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** कई सदियाँ बीत गई फूलों में महक न गई, सूरज में वही रोशनी- पर तपन न गई। चन्द्रमा की कंचन थाल पर अंधेरा भी थरथरा गया,…

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बहुत हुआ,अब और नहीं

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** धर्म के नाम पर,उन्माद को, अब रोकना होगाl उग़लती विष जो जिह्वाएं, उन्हें अब टोकना होगाll नहीं समभाव हो जिसमें, धर्म कैसे हुआ,तब,वोl घृणा…

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तजो घृणा

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** भिन्न-भिन्न मति चिन्तना,मृगतृष्णा आलाप। मँहगाई फुफकारती,सुने कौन आलापll मिले हुए सब लालची,फैलाते उन्माद। लड़ा रहे कौमी प्रजा,तुले देश बर्बादll बीजारोपण नफ़रती,करे अमन का…

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कैसे बचाओगे बेटियों को तुम!

रूपेश कुमार सिवान(बिहार)  ******************************************************** शिक्षा के मन्दिर में,बलात्कार करते हो तुम, गुरु के पवित्र नाम पर,कलंकित होते हो तुम। हे भारत के ज्ञानदाता,ज्ञान के मन्दिर में, बेटियों की इज्जत से…

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आशिकी-ए-कयामत

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** जिंदगी के सफ़र में सजे ऐसे महफ़िल, खुशियों की तरंगें उठे दिल समन्दर, नज़ाकत मिलन की ख़ूबसूरत तराने, गूंजे आशियां में मुहब्बत के…

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सरस्वती वंदना

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ******************************************************************* तेरी तानों से मिलता ज्ञान अपार, एक सुर में समा जाए सारा संसार माँ सुना दे तू वीणा की झंकार। ज्ञान से सबकी झोली…

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देश के गद्दार

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** ऐ वतन के गद्दारों कैसे वतन का सौदा किया, जिस माँ ने तुमको जन्म दिया उस माँ की धरा को तूने बेच दिया। कायरता की हदें…

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गणतंत्र के सात दशक

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** `परिवर्तन का जोश भरा था,कुर्बानी के तेवर में। सब कुछ हमने लुटा दिया था,आजादी के जेवर मेंll` हम खुशनसीब हैं कि इस वर्ष २६ जनवरी…

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गणतंत्र दिवस

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** पावन गाथा शौर्य का,कुर्बानी सत्नाम। आज़ादी माँ भारती,लोकतंत्र अभिराम॥ वर्षों की नित साधना,सहे ब्रिटानी घात। कोटि-कोटि बलिदान दे,पा स्वतंत्र सौगात॥ लुटीं अस्मिता इज़्ज़तें,ब्रिटानी…

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शेरू का पुनर्जन्म…!

तारकेश कुमार ओझा खड़गपुर(प. बंगाल ) ********************************************************** कुत्ते तब भी पाले जाते थे,लेकिन विदेशी नस्ल के नहीं। ज्यादातर कुत्ते आवारा ही होते थे,जिन्हें अब `स्ट्रीट डॉग` कहा जाता है। गली-…

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