बदलती तस्वीर
विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** कई सदियाँ बीत गई फूलों में महक न गई, सूरज में वही रोशनी- पर तपन न गई। चन्द्रमा की कंचन थाल पर अंधेरा भी थरथरा गया, दिन के उजाले में- सितारे भी चरमरा गए। बदलती दुनिया में सब-कुछ बदल गया, माँ रोती रही- बहू भी घर छोड़ गई। बेटा बेटा न … Read more