कश्मीर कली अब मुक्त हुई

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** कश्मीर कली अब मुक्त हुई,मनवांछित निज-वर चुनने को, निज तोड़ गुलामी की कारा,उन्मुक्त गगन में उड़ने को। केसर की क्यारी गुलबर्गा,डल झील शिवालय शोभित हैं- दाहिर कश्यप कैकय कुलवंश भविष्य स्वप्न फिर बुनने को॥ परिचय-अवधेश कुमार विक्रम शाह का साहित्यिक नाम ‘अवध’ है। आपका स्थाई पता मैढ़ी,चन्दौली(उत्तर प्रदेश) है, परंतु कार्यक्षेत्र की … Read more

तीन सौ सत्तर…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ कश्मीर तंत्र- तीन सौ सत्तर से हुआ स्वतंत्रl एक प्रधान- जम्मू-कश्मीर में हो एक विधानl कश्मीर क्यारी- देखो आज फिर से खिलखिलाईl सबसे न्यारा- जम्मू-कश्मीर में हो तिरंगा प्याराl उठी तरंग- हर हिंदुस्तानी में जगी उमंगl परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म तिथि ५ … Read more

तारकेश्वर:गरीबों का अमरनाथ

तारकेश कुमार ओझा खड़गपुर(प. बंगाल ) ********************************************************** पांच,दस,पंद्रह या इससे भी ज्यादा…। हर साल श्रावण मास की शुरूआत के साथ ही मेरे जेहन में यह सवाल सहजता से कौंधने लगता है। संख्या का सवाल श्रावण में कंधे पर कावड़ लेकर अब तक की गई मेरी तारकेश्वर की पैदल यात्रा को लेकर होता है। आज भी … Read more

भारतमाता

नवीन कुमार साह समस्तीपुर (बिहार) ************************************************************************************ आज विद्यालय आते ही शोभना की नजरें १५ अगस्त की प्रभारी मैडम कलावती को ढूँढ रही थीl मैडम कलावती भी शोभना से नजरें चुरा रही थी,जैसे उनकी कोई गलती पकड़ ली गई हो। मध्यांतर के बाद आखिर शोभना को मैडम मिल ही गई। उसने बिना देर किए पूछ लिया,-“मैडम … Read more

बेटी पर जुर्म…कब तक !

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** कितनी बेटी जल चुकी! अब कितनी जलाओगे ? दुष्कर्म,लूट,हत्या और, न जाने क्या-क्या कराओगे। निडर हैं कायर लोग प्रशासन से हमें डराते हैं, खुद की काली करतूतें दुनिया से क्यों छुपाते हैं। धिक्कार है ऐसी वर्दी को जो बेटी की आवाज दबाते हैं गीता की शपथ लेते और, दरिन्दों से मिल … Read more

नापाकी तज स्वार्थ मन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** झूठ कपट कलि अस्त्र से,हारा अब परमार्थ। राष्ट्रद्रोह फन तान कर,राजनीति डस स्वार्थll वतन परस्ती में फ़िदा,देते जान जवान। बन प्रबुद्ध द्रोही वतन,घूम रहे शैतानll लानत है उस जिंदगी,रह खाते जिस देश। देश तोड़ने में लगे,दे नफ़रत संदेशll लाभ उठा मासूमियत,दीन-दुखी इन्सान। जाति धर्म भाषा विविध,लड़ा रहे शैतानll … Read more

प्रेम

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ************************************************************************** प्रेम अराधना,प्रेम ही पूजा, प्रेम आत्मा की पुकार है। प्रेम से बड़ा न कोई दूजा, प्रेम तो ईश्वरीय उपहार है। प्रेम कर्म है,प्रेम ही मर्म, प्रेम धर्म का प्राण-सार है। प्रेम गर दिल में हो सबके, तो हर जन एक अवतार है। प्रेम न बिकता बाजारों में, रत्न बड़ा … Read more

सावन…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ मनभावन- मस्ती भरा मौसम, यह सावन। सावन आया- मिट्टी की सौंधी-सौंधी, महक लाया। कली मुस्काई- काली-काली घटायें, नभ में छाई। थोड़ा झूम लें- हरी-भरी धरती, थोड़ा चूम लें। आज बस्ती में- बच्चों की टोली नाच, रही मस्ती में। परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म … Read more

कैसे ऋण चुकाएं वीर तुम्हारा

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* ऊधम सिंह माँ का गौरव था, वो अमर वीर बलिदानी था। गुलामी स्वीकारी न हर्गिज़, वो वीर अति स्वभिमानी था॥ जलियाँ वाले बाग में जिसने, निर्दोषों को मरवाया था। उसी डायर को लंदन जाकर, ऊधम सिंह ने मार गिराया था॥ अंग्रेजों के जुल्मों को यह बालक, उर में सहन नहीं … Read more

किस्मत

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ************************************************************************** हाय री किस्मत ढूँढते हुए, पागल हो गया मैं,पता दे। कहां रहती,कैसी दिखती, जरा हमको भी बता दे। लोग कहते तू मिल जाए, तो जिंदगी संवर जाती है। दूर खड़ी हँस रही मुझ पर, पास मेरे क्यों नहीं आती है। नहीं मिलती हर किसी से, पर हर दिल में … Read more