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बेटी पर जुर्म…कब तक !

विजय कुमार
मणिकपुर(बिहार)

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कितनी बेटी जल चुकी!
अब कितनी जलाओगे ?
दुष्कर्म,लूट,हत्या और,
न जाने क्या-क्या कराओगे।

निडर हैं कायर लोग
प्रशासन से हमें डराते हैं,
खुद की काली करतूतें
दुनिया से क्यों छुपाते हैं।

धिक्कार है ऐसी वर्दी को
जो बेटी की आवाज दबाते हैं
गीता की शपथ लेते और,
दरिन्दों से मिल जाते हैं।

बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ
घर-घर नारा लगता है,
कई दुखियारी बेटियों को
बेमौत नींद सुलाते हैं।

ऐसे लोग जो नेता हैं
झूठे वादे करते हैंl
जनता के पैसों से,
फाइव स्टार चलाते हैंll

परिचयविजय कुमार का बसेरा बिहार के ग्राम-मणिकपुर जिला-दरभंगा में है।जन्म तारीख २ फरवरी १९८९ एवं जन्म स्थान- मणिकपुर है। स्नातकोत्तर (इतिहास)तक शिक्षित हैं। इनका कार्यक्षेत्र अध्यापन (शिक्षक)है। सामाजिक गतिविधि में समाजसेवा से जुड़े हैं। लेखन विधा-कविता एवं कहानी है। हिंदी,अंग्रेजी और मैथिली भाषा जानने वाले विजय कुमार की लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक समस्याओं को उजागर करना एवं जागरूकता लाना है। इनके पसंदीदा लेखक-रामधारीसिंह ‘दिनकर’ हैं। प्रेरणा पुंज-खुद की मजबूरी है। रूचि-पठन एवं पाठन में है।

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