सच्चाई झलक जाये

सूरज कुमार साहू ‘नील` भोपाल (मध्यप्रदेश) ****************************************************************** चल मैं कुछ करता हूँ सच्चाई झलक जाये शायदl मेरे लिए तेरे दिल में अच्छाई झलक जाये शायदl झूठों का सहारा लेकर आया होगा यदि शहर मेरे, मेरे अपने को भी छिपी बुराई झलक जाये शायदl हँस-हँस कर गले मेरे पड़ा रहता है हरदम जो तू, आज नहीं … Read more

हम हैं बस प्यार के..

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** क्या खूब सलीके इज़हार के प्यार के,बेकरारी के तराने, क्या कशिश अनसुलझे अहसास के, क्या समर्पण स्वयं का प्यार के निकुंज में नासमझी कहूँ ख़ुद की,या सौ बहाने, आरजू,आशिकी या दिलकशी, या अविरल भक्ति की रसधार में, हूँ समाए बहुरूप दिल के ताज़ मेंl चाहत चमन की गुलिस्तां … Read more

उपराष्ट्रपति के वक्तव्य का भी कोई परिणाम नहीं निकला

निर्मलकुमार पाटोदी इन्दौर(मध्यप्रदेश) ************************************************** नरेन्द्र मोदी की बहुमत वाली मज़बूत और राष्ट्र हित के नाम पर जीती सरकार ने घुटने टेक दिए। वह भी तब,महात्मा गांधी की डेढ़ सौ वीं जन्म जयती वर्ष चल रहा है। गुजराती गांधी की भाषा और शिक्षा नीति को गुजरात के वर्तमान युग के शिखर पुरुष ने धराशायी करके रख … Read more

उन्हें मेरा ख्याल आता तो होगा

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* उन्हें मेरा ख्याल आता तो होगाl मेरे ग़म पर मलाल आता तो होगाl गहे उनके मुकाबले इत्तफाकन, कोई मेरा सवाल आता तो होगा। कमाले जिंदगी उनको है हासिल, कभी उन पर जवाल आता तो होगा। गहे सुनकर मेरी पा मालियों को, मोहब्बत में उबाल आता तो होगा। कभी उस बेवफा … Read more

कविता क्या है

देवेन्द्र कुमार राय भोजपुर (बिहार)  ************************************************************* नैतिकता की भटकी राह को सच्चा मार्ग दिखाती कविता, दर्द अश्क की गर्मी को हरपल शीतलता देती है कविताl इंसानों के आत्मज्ञान का दर्पण सही दिखाती कविता, क्यों न कहूँ कि कविता देखो जीवन की प्रतिछाया कविता। वर्तमान के व्यवहारों की परिभाषा होती है कविता, कहे राय हर युग … Read more

दर्पण की व्यथा

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** जो जैसा मेरे दर आता, ठीक हूबहू खुद को पाता। फिर मुझ पर आरोप लगाता, पक्षपात कह गाल बजाता॥ मैं हँसता वह जल-भुन जाता, ज्यों दाई से गर्भ छुपाता। अदल-बदल मुखड़े लगवाता, रंग-रसायन नित पुतवाता॥ शिशु-सा नंगा रूप दिखाता, इठलाता एवं शर्माता। झूठ बोलने को उकसाता, सच्चाई से नज़र चुराता॥ … Read more

जीवन-दर्शन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** दुनिया में होता बड़ा,शील धीर विवेक। परहित मृदुभाषी सदा,मौन प्रकृति हो नेक॥ तौल शील गुण त्याग सच,अपना नित आचार। अगर सफल गुरुता हुई, हुआ बड़ा आधार॥ ज्ञानवान अभिमान नर, कोप रौब आचार। दुराचार हो कटुवचन,लघुतर नर संसार॥ नहीं दोष दें अन्य को,याद करें निज कर्म। तौले तुला विवेक … Read more

कहते पागल हैं

बिनोद कुमार महतो ‘हंसौड़ा’ दरभंगा(बिहार) ********************************************************************* (रचनाशिल्प:बहर २१२२ २२२२ २२) सत्य बोलूँ तो कहते पागल है, झूठ बोलूँ तो कहते पागल है। बात इतनी ही तो अब सब बोले, जो न बोलूँ तो कहते पागल हैll काम करता हूँ मन से तब कहते, काम के पीछे तो वह पागल है। बैठ घर में यूँ ही … Read more

मोदी जीत-विपक्ष को सीख

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हार्दिक बधाई उनके कौशलीय विजय पर,और विपक्ष की सफलता परl एक बार की भूल क्षम्य होती है,पर बार-बार की गई भूल अपराध की श्रेणी में मानी जाती हैl जब सामनेवाला शक्तिशाली,सत्तासीन हो और उसकी निरंतर कार्यक्षमता बढ़ रही हो,उस समय यदि किसी को हराना हो तो उसके … Read more

दिल को चीरता रोदन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** बेहद दर्दनाक ख़ौफ की कालिमा सूरत की सीरत से स्तब्ध,भौंचक्का, चारों तरफ पसरा मासूम निर्दोष चीखती मौत का भष्मासुर अनल तांडव, मचा हाहाकार,दिल को चीरता रोदन कूदते,चिल्लाते,जलते देश के होनहार निर्माणक असहाय चिराग। मर्माहत सूना फिर ममता का आँचल, जला क्रूर असुर के दावानल में त्राहि-त्राहि जीवन रक्षण … Read more