हवा हूँ

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** हवा हूँ,हवा हूँ ठंडी हवा हूँ, चलती हूँ ऐसे मस्तानी जैसी। कुदरत ने हमें बनाया पूरी रफ्तार में हमें उड़ाया, कभी खुशिया बाँटी तो कभी गम को बिखेरा। इस जहाँ में आई सरगम लुटाई, चमकी आसमान में धरा पर बूंदें गिराई। कभी दीदार बन के उभरी तो कभी मौसम को बदला, … Read more

पिताजी

देवेन्द्र कुमार ध्रुव गरियाबंद(छत्तीसगढ़ ) ************************************************************************** मुझे लगता था वो मुझे डांटने-दबाने में लगे रहे, मैं गलत था,वो तो मुझे ऊपर उठाने में लगे रहे। उनके टोकने,और रोकने से मैं खीझ जाता, मगर मेरे पिता मुझे बेहतर बनाने में लगे रहे। मैं जिद में अड़ जाता,बड़ी हसरतें करता, वो चुपचाप मेरी जरूरतें जुटाने में लगे … Read more

स्त्री

डॉ.अभिषेक कुमार सदानंदपुर (बिहार) *************************************************************************** स्त्री, उपभोग के लिए बनी मांस पिंडों से सजी, पुरुषों की काम वेदना को शांत करने वाली, चलती-फिरती यंत्र भर नहीं। स्त्री, नवांकुरों की सृजनकर्ता पृथ्वी है। स्त्री जीवनदायिनी,ऊष्मा प्रदाता सूर्य है। स्त्री जीवन के लिए आवश्यक अमृत समान जल है। स्त्री, जिसके बिना जिंदगी की कल्पना नहीं, वो प्राणवायु … Read more

नारी

रमेश कुमार सिंह ‘रुद्र’  कैमूर(बिहार) *************************************************** सृष्टि की रचनाकार, जिनके कई प्रकार, सागर ममता लिए, नित्य दिन रहती। कहलाती कभी दुर्गा, कभी काली बन जाती, चंडिका भवानी बन, पाप नाश करती। नारी अबला नहीं है, झाँसी वाली रानी बन, सामने फिरंगियों को, काट कर बढ़ती। क्षेत्र चाहे कोई भी हो, चहुँओर भाग लिए, चोटियों गगन … Read more

नारी

देवेन्द्र कुमार राय भोजपुर (बिहार)  ************************************************************* नारी नर की जननी है, और धरा की प्रेम प्रतीक। पल्लवित कण-कण इससे, हर पग जग लेता है सीख। मूल में ममता मानवता की, आँचल में स्नेह की धारा है संस्कृति की अविचल गाथा, और संबल दीप सहारा है। धैर्य धरा प्रतिबिंबित होता, मुस्कान मनोवांछित फल पाए जब नारी … Read more

अस्तित्व नारी का

आदेश कुमार गुप्ता `पंकज`  रेणुसागर(उत्तरप्रदेश) ****************************************************** महिलाओं का भूल कर करिए नहि अपमान। महिलाओं से होत है हम सबका उत्थान॥ महिला माता रूप में करती है उद्धार। रात-रात वो जाग के करती हमको प्यार॥ नारी है अभिमान जगत में मान दिलाती। नारी है उत्थान हमें पहचान दिलाती॥ नारी घर की शान सभी पर प्यार लुटाती। … Read more

रस्म:नारी की उलझन

मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’ जयपुर(राजस्थान) *************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… उम्र के खूबसूरत शहर में साँसों की फ़िजाओं में ख़्वाबों और ख़्वाहिशों का आता-जाता काफ़िला है। कई रातें गुजारने के बाद एक मुलाकात होगी लेकिन कई मुलाकातों के लिए एक मुलाकात बहुत जरुरी थी………वो थी रस्मl हर बेटी को अपने बाबुल का अँगना छोड़कर … Read more

नारी तेरे अदभुत रूप

सोनू कुमार मिश्रा दरभंगा (बिहार) ************************************************************************* ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… नारी तेरे कितने रूप, जग में तू सबसे अनुरूप सती,सीता,सावित्री,स्वरूप, गंगा,गौरी,गायत्री,रूप… नारी तेरे अदभुत रूप। प्रेयसी-प्राणनाथ की तुम प्रिय, विश्व-वैभव,अनुपम-अनुनय दुष्ट-दानव का दमन किये, काली,गार्गी,दुर्गा स्वरूप… नारी तेरे अदभुत रुप। चन्द्रमुखी,चन्द्रबदन,चंचल तन, मृदुल,मधुर,मनमोहक,मन रूप से तेरे गुंजित हुआ गगन, शारदे,शक्ति,लक्ष्मी अनुपम रूप… नारी तेरे … Read more

बेटी की आरजू

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** मम्मी मुझे बचाओ, पापा को समझाओ बेटा-बेटी में अंतर है क्या ? ये तो मुझे बताओ। एक पेड़ की डाल हूँ मैं, उसी डाल की पात हूँ मैं अंतर कहाँ से आया पापा, ये तो मुझे बताओ पापा। बेटा कहाँ से आया पापा, ये तो मुझे बताओ पापा दादा-दादी की स्नेह … Read more

नारी वरदान हो तुम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… नारी तुम श्रद्धा हो, सुकोमल नवकिसलय कुसुमित मनोरम मधुरिमा, ममता वात्सल्य पारावार जीवनाधार जगदम्ब हो तुम। जननी हो करुणार्द्र, स्नेहामृतांचल पसारे सन्तति आलिंगन उद्यत सतत्, माता अवलंब हो तुम। सुखदा,कल्याणी,भव्या, कान्ता सुखदा अर्द्धांगिणी हो तुम। आत्मजा,कुमारी,कन्या, हर्षिणी,शान्तिदायिनी अम्ब,भगिनी,वधू रम्या, अध्यापिका,नेत्री,शक्ति,भद्रा देवासुर मनुज सम्पूजिता, … Read more