अवतारक संसार

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय मातृत्व दिवस’ १० मई विशेष………. जन्मा जिसने कोख़ से,करा पयोधर पान। ममतांचल में पालकर,साश्रु नैन मुस्कान॥ चारु चन्द्रिका शीतला,करुणा पारावार। निज सन्तति बन रक्षिका,अम्बा तू आधार॥ प्रथम शिक्षिका जिंदगी,अवतारक संसार। सींचा नित नैनाश्रु से,पावन माँ आभार॥ स्नेह सुधा सरिता बनी,अवगाहन सन्तान। किया समर्पित जिंदगी,पूर्ण पूत अरमान॥ तू … Read more

सब जीतें ‘कोरोना’ वार…

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’ बूंदी (राजस्थान) ****************************************************************** लम्हें ये भी गुजर जाएंगे, कष्ट उदासी को सह के। जीवन फिर जीने को मिलेगा, जो रहे, ‘कोरोना’ से बच के। कभी युद्ध में ताकत से बढ़, होशियारी अच्छी होती है। आ बैल अब मुझे मार तू, ना कभी वीरता होती है। घर में रहे जो सुरक्षित … Read more

चूड़ियाँ

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** माँ बहनें वधू तनया,खनकती हाथ चूड़ी से, प्रिया हँसती लजाती-सी सजन मनहार चूड़ी से। लगा बिंदी सजी मेंहदी पहन चूड़ी चहकती है, ख्वाबों की सजा महफ़िल चूड़ियों से दमकती है। चली शीतल हवा फागुन,अवनी कलसी महकती है, घने बादल खुले अम्बर,बिजलियाँ चूड़ी चमकती है। सागर की लहरें सलिल … Read more

हिंदी

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** नहीं मात्र भाषा बस हिन्दी,यह माँ की शुचि बोली है, वैज्ञानिक स्वर व्यंजन सज्जित,सुर सप्तक रंगोली है। शब्दकोष उपभाषा बोली,आँचल में रख हरसाती- वाणी यह है सवा अरब की,भारत माँ-सी भोली है॥ परिचय-अवधेश कुमार विक्रम शाह का साहित्यिक नाम ‘अवध’ है। आपका स्थाई पता मैढ़ी,चन्दौली(उत्तर प्रदेश) है, परंतु कार्यक्षेत्र की वजह से … Read more

खुदा गवाह है महँगी हुई दुआ कितनी

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ************************************************************************** (रचना शिल्प:१२१२ ११२२ १२१२ २२) जहां में आज है फैली हुई वबा कितनी। भरी है जहर से ये आज़ की हवा कितनी। नहीं तुम्हें है जरूरत किसी से डरने की, करी है माँ ने तुम्हारे लिए दुआ कितनी। नहीं किसी की चले सब उसी की मर्जी है, खुदा गवाह … Read more

गुरुनानक देव:विश्व दृष्टि और लोक व्याप्ति

प्रो. शैलेन्द्रकुमार शर्मा उज्जैन (मध्यप्रदेश) **************************************************************** भारतीय सन्त परम्परा में गुरुनानक देव जी (१५ अप्रैल १४५९-२२ सितम्बर १५३९) का स्थान अप्रतिम है। उनका प्रकाश पर्व कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है,यद्यपि उनका जन्म १५ अप्रैल को हुआ था। अनेक सदियों से सांस्कृतिक,सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक क्षेत्र में व्याप्त तमस को निस्तेज कर उन्होंने उजाला फैलाया … Read more

ध्यान रखना

कृष्ण कुमार सैनी ‘राज’ दौसा(जयपुर ) *************************************************** तो फिर काहे को घबराना, सीधा अस्पताल में जाना। अपनी जांच करवाना, पूरी सावधानी बरतना। ध्यान रखना घर पर ही रहना, भाई कहीं भूल ना जाना। आपको भी हो सकता है `कोरोना`, फिर बाद में मत पछताना। इसलिए मुँह पर मुँह पट्टी लगाना, बार-बार साबुन से हाथ धोना। … Read more

सहारा जाने कहाँ है

सूरज कुमार साहू ‘नील` भोपाल (मध्यप्रदेश) ***************************************************************** आज हम हैं हारे से सहारा जाने कहाँ है, लगाकर आस बैठे थे किनारा जाने कहाँ है। चल कर थक गए हम हर राह में यारों, जिसकी तलाश थी वो यारा जाने कहाँ है ? घर से घूमने ख़ातिर हम निकले थे बस, संदेशा फैल गया वह बेचारा … Read more

शहर वही है,नजारे बदल गए…!

तारकेश कुमार ओझा खड़गपुर(प. बंगाल ) ********************************************************** मेले वही हैं,बस इश्तेहार बदल गए, आसमां वही है,सितारे बदल गए। मायने वही है,मगर मुहावरे बदल गए, आग वही है,अंगारे बदल गए। गलियां वही है,शोर-शराबे बदल गए। शहर वही है,बस नजारे बदल गए, शहर वही है,बस नजारे बदल गए…॥ परिचय-तारकेश कुमार ओझा का नाम खड़गपुर में वरिष्ठ पत्रकार … Read more

मेरा सपना सच हो जाए

रूपेश कुमार सिवान(बिहार)  ******************************************************** काश! मेरा सपना सच हो जाए, जीवन का बहुमूल्य समय सत्य हो जाए सबको अपना लक्ष्य प्राप्त हो जाए, मन को छू लेने वाली कोई बात हो जाए। काश! मेरा सपना सच हो जाए… विज्ञान की प्रगति से दुनिया को आलोकित किया जाए भौतिकी,रसायन,जीव से जीवनदान मिल जाए, मनुष्यों मे जग-ज्योत … Read more