कल,आज और कल
राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’ धनबाद (झारखण्ड) ************************************************************************** कल की बातें कौन जाने, आज के लिए ही है जीना कल से ही शिक्षा लेकर, कल को है हमें सँवारना। जाने कल हुई है क्या गलतियां, आज नहीं है हमें उसे दोहराना आज करें अवश्य सत्कर्म हम, जिससे पड़े ना कल पछताना। थी जो कल हमारी अच्छाई, … Read more