एकता का रूप है हिंदी

उषा शर्मा ‘मन’जयपुर (राजस्थान)**************************************************** वंदे मातरम की शान है हिंदी,देश की माला का स्वरूप,भारत माँ का मान है हिंदी। अन्य भाषाओं से बढ़कर है हिंदी,भारत भारतीयों के साथ,संविधान का गौरव है हिंदी। हिंदुस्तान के नाम में है हिंदी,कड़ी से कड़ी जोड़ने वाली,देश को एक मुठ्ठी में करने वाली है हिंदी। भारत की आत्मा,चेतना है हिंदी,एकता … Read more

भाई-बहन की असीम डोर

उषा शर्मा ‘मन’जयपुर (राजस्थान)**************************************************** भाई-बहन का प्रेम से भरा,ऐसा त्योहार है रक्षाबंधन।रक्षा का सूत्र कलाई पर सजा,ललाट पर लगा ये रोली-चंदन। राखी है एक अद्भुत बंधन,जिसकी ना हो शब्दों में अभिव्यक्ति।भाई-बहन की असीम डोर,बांध रही रक्षा की यह पंक्ति। हर बहन को मिल जाती सारी खुशी,जब भाई की कलाई पर राखी बांधती।साथ ही भगवान से … Read more

लोकतंत्र का अर्थ समझें

उषा शर्मा ‘मन’जयपुर (राजस्थान)**************************************************** १५ अगस्त को आता भारत का स्वतंत्रता दिवस,भारतवासी जिसे शान से मनाता हर वर्ष। इसी दिन उन गोरे लोगों से भारत हुआ स्वतंत्र,७३ वर्ष पूर्व ना था भारत में लोकतंत्र। अतः सब भारतवासी लोकतंत्र का अर्थ समझें,पैसे,भाई-भतीजावाद के लिए अपना मत ना बेचें। इसी देश को विदेशों में कहते सोने की … Read more

उम्र का दौर

उषा शर्मा ‘मन’जयपुर (राजस्थान)**************************************************** गुजरते देखा आज उम्र को,जब पड़ी स्वयं पर नजर। उम्र खुद को खुद से जुदा कर,चेहरा-चेहरे से बिछुड़ गया किस कदर। बढ़ती उम्र जीवन के साथ ही,बीत चला जीवन का सफर। उम्र का हर इक दौर,धरता चला अपने समय पर। उम्र का नजरिया भी देखो,स्वयं से रुबरु होने में बीत जाती … Read more

नमन देश के वीर सपूतों को

उषा शर्मा ‘मन’ जयपुर (राजस्थान) **************************************************** नमन देश के वीर सपूतों को… थे एक वीर शहीद जिन्हें, पुकारते थे ‘आशुतोष।’ नई उमंग नहीं तरंग लिए मन में, उनके कदमों से पराजय थी कोसों-कोस। नमन देश के वीर सपूतों को… जिनमें शामिल थे एक वीर ‘अनुज।’ देश भी याद करेगा ऐसे वीर को, जिनके कर्म-कर्तव्य में … Read more

प्रकृति को बचाना सबसे बड़ा कर्तव्य

उषा शर्मा ‘मन’ जयपुर (राजस्थान) **************************************************** प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. मचाया प्रकृति ने जब हाहाकार, सारे उपाय हुए मानव के बेकार। संभल जा ओ! मानव… ऐ! मानव मत सताया करो इस प्रकृति को, इसी की गोद में बैठ कर मत करो बर्बाद इसे। उठ जा अभी भी समय है तेरे पास, यह भी तेरी … Read more

‘कोरोना’ को दूर करो ना

उषा शर्मा ‘मन’ जयपुर (राजस्थान) **************************************************** एक-दूसरे के संपर्क में आने से डरो ना, सबमें स्वच्छता का संदेश भरो ना। हाथ ना मिलाने के बजाय ‘नमस्ते’ करो ना, स्वयं ही खुद और अपनों का ध्यान धरो ना। भ्रम-भ्रांति को दूर कर कुछ नियम अपनाओ ना, छोटे-छोटे प्रयास से कोरोना को हराओ ना। ना घूमना-फिरना,ना बाहर … Read more

वरदान हैं वृक्ष

गीता गुप्ता ‘मन’ उन्नाव (बिहार) ************************************************************************************* प्रकृति का उपहार हैं वृक्ष, वसुधा का श्रृंगार हैं वृक्ष। प्राण वायु उत्सर्जन करके, नित करते उपकार हैं वृक्ष॥ भूमि का सम्मान हैं वृक्ष, ईश्वर का वरदान हैं वृक्ष। कलरव मधुर सरस फल शीतल, उपमेय कहीं उपमान हैं वृक्ष॥ गर्मी की शीतल छाँव हैं वृक्ष, थकते पथिकों को पाँव … Read more

पवनसुत लौट आया

गीता गुप्ता ‘मन’ उन्नाव (बिहार) ************************************************************************************* कहानी शौर्य की लिखकर के दुश्मन को झुकाया है, बधाई देश को सारे,पवनसुत लौट आया है। पराक्रम का नया सन्देश लेकर लौट आया अब, गया था भूल हँसना जो,वतन ये मुस्कुराया है। दिखी औकात दुश्मन की,सताया खूब सैनिक को, कभी झुकना नहीं सीखा,कभी न सर झुकाया है। बड़े बेचैन … Read more