कुछ गुड़ ढीला,कुछ बनिया

डॉ.अर्चना मिश्रा शुक्लाकानपुर (उत्तरप्रदेश)************************* गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष………. हमारे देश के सामान्य नागरिक गणतन्त्र शब्द का अर्थ तक नहीं जानते,कुछ इसकी अहमियत भी नहीं समझते,तो आखिर एक नागरिक होने के नाते हमारा लक्ष्य क्या होना चाहिए ?? मुझसे या आपसे जब कोई पूछता है तो भोली-भाली जनता कह देती है या उसके मन में यही … Read more

आत्मगौरव का राष्ट्रीय पर्व है गणतंत्र दिवस

योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)******************************************* गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष………. दिवस हीरक यह गणतंत्र,देता स्वशासन का मूल-मंत्र;दिलाता हमें अहर्निश याद कि-हम हुए सैंतालीस में स्वतंत्र! मिला जब तिरंगा को सम्मान,हुआ जब अपना राष्ट्रगान;जनगण के मन में पनपा तब-नित नया एक स्वाभिमान! हिन्दी ले जब पुरानी आशा,बनी जब हमारी राजभाषा;सम्पर्क हित में थी बनी तभी-अंग्रेजी हिन्दी … Read more

दूरियाँ बढ़ती गई

डॉ. विभाषा मिश्ररायपुर(छत्तीसगढ़)***************************************** काव्य संग्रह हम और तुम से साल बीतता गया,दूरियाँ बढ़ती गईमग़र जो कुछ,बचा रह गयावह केवल प्यार…।जो शब्दों से,ज़ाहिर न हो सकान ही उसे किसी,बहाने की तलाश थी।फिर भी न जाने,कुछ अनकहा शब्दहम दोनों के बीच,अचानक ही नयामोड़ लेकर आ गया।हम और तुममें,एक अनसुलझीपहेली ने अपना घर,बनाकर रख लिया औरहम और तुम … Read more

प्रेम

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)*********************************************** काव्य संग्रह हम और तुम से एक प्रश्न से जिन्दगी,में आया बदलाव।जिसके उत्तर से मेरा,उससे हुआ जुड़ावllउससे हुआ जुड़ाव,नाम पूछा,बतलाया।देखा उसका चित्र,उसे फिर भूल न पायाllहृदय उठे उद्गार,उदधि में लहरें जैसे।मुझको उससे प्यार,हुआ उस एक प्रश्न सेll पाती प्रियतम की मेरे,लाती थी सन्देश।शब्दों से वो भेजते,थे उपहार विशेषllथे उपहार विशेष,छवि दिखती … Read more

हम और तुम

डॉ.स्मिता( श्वेता मिश्रा)गुड़गाँव(हरियाणा)********************************** काव्य संग्रह हम और तुम से…. हम और तुममिले हैं जबसे,कुछ खट्टेकुछ मीठे,अनुभव किए।तुम्हें ख़ुश रखने के,किए लाखों जतन,लेकिन तुम भी कमाल,की चीज़ होकहाँ से लाते हो,ऐसी सशक्त आलोचना शक्ति!हर बात में कमी ढूँढ लेते हो।हम है कि लगे हैं,उम्मीद की डोर से बंधे हैं,कहते हैं-‘प्रेम’ पीपल का बीज हैज़रा-सी सम्भावना हो,वहीं … Read more

आभार

डॉ. रामबली मिश्र ‘हरिहरपुरी’वाराणसी(उत्तरप्रदेश)****************************************** भाव प्रकट कर,जीवित हो कर।सबका बन करll कृतज्ञ बनोगे,दिल में होगे।साथ चलोगेll उपकृत बनना,सदा चहकना।संग निबहनाll भूल न जाना,भान कराना।स्मरण दिलानाll हाव-भाव से,चाल-चलन से।पावन मन सेll बन आभारी,उपकृतकारी।शिष्टाचारीll

दान का त्योहार

मधु मिश्रानुआपाड़ा(ओडिशा)******************************** मकर सक्रांति स्पर्द्धा विशेष…. उत्तरायण होते सूर्य देव…करते मकर राशि में प्रवेश,मकर संक्रांति का ये पर्व भी…होता है बड़ा विशेष। दान धर्म और आध्यात्म का…है संक्राति त्यौहार,लें आशीष बड़ों का इसमें…दें छोटों को भी प्यार। तिल…की सोंधी महक संग…होता है गुड़ का दान,संक्रांति तिथि में होता…पावन गंगा स्नान। रंग-बिरंगी पतंगें उड़ती हैं…नीले आसमान,परम्परा … Read more

सूर्य नारायण की महत्ता और पुण्य का पर्व ‘सक्रांति’

योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)******************************************* मकर सक्रांति स्पर्द्धा विशेष…. सूर्य एक प्रत्यक्ष देवता है,जिसका भ्रमण विभिन्न राशियों मेंं होता है। सूर्य जब धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है तो उसे ‘मकर सक्रांति’ कहते हैं। वैसे,यह संक्रमण प्रतिवर्ष १४ जनवरी को होता है।भारत धर्म निरपेक्ष और सांस्कृतिक विविधताओं वाला देश है,जिसमें अनेक … Read more

हम-तुम होते साथ

मधु मिश्रानुआपाड़ा(ओडिशा)********************************************* काव्य संग्रह हम और तुम से हम-तुम होते साथ तो होता..धरती का श्रृंगार..सृष्टि के हर कण में जैसे..होता परस्पर प्यार…।तुम धरा मैं बीज तभी तो..अंकुरित होता प्यार..वृक्षों के होने से जैसे…आती है बसंत बहार…॥ तुम हो कागज़ मैं लेखनी..लिखेंगे भाव हम..अकेले हों जज़्बात…तो कैसे कहेंगे हम…?संग दीए के बाती हो तो..होता है प्रकाश..अस्तित्व … Read more

शब्द यात्रा

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)********************************************* आओ थाम लें,पनाह दे अपने पहलू मेंकुछ समयइन लफ़्ज़ों को।जो बेवजह भटक रहे हैं,सदियों से खामोशियों मेंउनकी इस भटकन को,थोड़ा-सा विराम दें।निकाल कर हृदय के,अंर्तमन के लफ्जों कोपृष्ठ पर उतार दें,आओ थाम लें…lवर्षों की अनन्त यात्रा को,अब एक पहचान देंइन लफ़्ज़ों पर यह जो बर्फ-सी जमी है,उसे पिघला कर झरने का … Read more