दूरियाँ बढ़ती गई

डॉ. विभाषा मिश्ररायपुर(छत्तीसगढ़)***************************************** काव्य संग्रह हम और तुम से साल बीतता गया,दूरियाँ बढ़ती गईमग़र जो कुछ,बचा रह गयावह केवल प्यार…।जो शब्दों से,ज़ाहिर न हो सकान ही उसे किसी,बहाने की तलाश…

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माटी का क़र्ज़

डॉ. विभाषा मिश्र रायपुर(छत्तीसगढ़) ***************************************************************** मानवता की मिसाल बनकर, सबके लिए वरदान बन इस मिट्टी से उपजा है तो, इस मिट्टी के लिए ही महान बन। धरती माँ न तेरी…

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