हिन्दुस्तान को दिल से अपनाओ

मोनिका शर्मामुंबई(महाराष्ट्र)********************************* ‘मैं और मेरा देश’ स्पर्धा विशेष…….. वीर रस से सींची यह कविताजो गाती आज़ादी की वाणी है,सिंधु घाटी सभ्यता है रचनाकार जिसकी-यह इस भारत की कहानी है। हिमालय ऊर्ध्वशीर्ष,अटल खड़ा,भारतवर्ष के सरताज मणि-सा जड़ाविशाल सरिताएँ यहाँ गंगा,गोदा,कृष्णा,ब्रह्मपुत्र, तापी,नर्मदा,है झेलम,चिनाब,रावी,व्यास और सतलुज का पंजाब बना।वेद,सनातन, ग्रंथो का जहाँ प्रचार-प्रसार हुआ,‘सोने की चिड़िया’ से विख्यात … Read more

मैं नारी हूँ…

मोनिका शर्मामुंबई(महाराष्ट्र)********************************* यदि उसूलों की अस्मिता से मेरा सर गौरवान है,मैं नारी हूँ! मैंने अपना स्वाभिमान ओढ़ रखा है।प्रतिबंध का दायरा लांघा है मैंने अगर,मैं नारी हूँ! मैंने अपना अस्तित्व पुनर्जीवित किया है।कोमलता की वाणी है यदि मेरी शख्सियत में,मैं नारी हूँ! दुर्गा का अक्स भी मैं।हूँ मादकता का जऱिया अगर,मैं नारी हूँ,रूधिर में बहता … Read more

तुम जिंदा रखना

मोनिका शर्मामुंबई(महाराष्ट्र)********************************* सपने उड़ान केबुलंद गीत गाते हैं,पर क्यों ज़मीन ढूँढ़ नहीं पाते…और आसमान चाहते हैं ? जो ध्येय का प्रतीक स्वयं बनआशा की किरणें जगाते हैं,क्यों कुछ सपने डगमगाए से…अपना परिचय भूल जाते हैं। जिनमें ऊंचास की श्वांस समाती हो,जिन्हें लक्ष्य संजीवनी की तलाश सताती होक्यों वे पंख मुर्झा जाते हैं ?कम्पित भय से … Read more

मालिक हूँ

मोनिका शर्मामुंबई(महाराष्ट्र)********************************************************** `ऐ बंदे,क्या सोच रहा है ? क्या फिर कोई ख्याल तुझे नोच रहा है ? कहीं पीड़ा तुझे तो नहीं हो रही, कि यह श्वान तेरे इलाके में अपना गड्ढा खोद रहा है ?’ ‘ऐ मालिक! लाया हूँ हड्डियाँ इन्हें महफूज़ और यह जगह रखना खाली, जो यह कहकर छोड़ जाते हैं समान … Read more

माँ अवनि के दो पुत्र

मोनिका शर्मा मुंबई(महाराष्ट्र) ***************************************************************** निशा समय नित स्वरूप, गगन में राज कर रहे निशापति चाँदनी जगमगा रही चहुँ ओर, विश्राम कर रही प्रजा सभी। देख अपनी प्रजा कुशल, निशानृप थे रहे मुस्कुरा दी सुनाई एक आवाज उन्हें तभी, आभास हुआ कोई है आ रहा। माँ अवनि को कर प्रणाम, द्वार सूर्य देव ने खटखटाया नामंजूरी … Read more

‘कोरोना’ को जल्द भगाना है

मोनिका शर्मा मुंबई(महाराष्ट्र) ***************************************************************** आया है भयंकर दौर, फैली है यह बीमारी जकड़ में जिसकी है पूरा विश्व, कहलाए वो ‘महामारी।’ ‘कोरोना’ है यह बीमारी, जिसने फैलाया है अपना जहर, चिंतित है पूरा विश्व, फैला है चारों ओर कहर। पीड़ित है मानव जाति, संकट बहुत बड़ा आया है बने हैं गुलाम आज फिर, रोगी मन … Read more

कलियुग

मोनिका शर्मा मुंबई(महाराष्ट्र) ***************************************************************** कलियुग, कौन जाने आखिर कैसा… यह कलियुग है आया ? जहाँ छत नहीं अब मजदूर की खातिर, न है कृषक को छाया। ‘अन्नदाता’ है वह कहलाता, जो उपज धान्य विश्व की खातिर पर अपना पेट ही भरने को, एक रोटी को वह तरस जाए। ‘मजदूर’ वह कहलाए, जो दूसरों के घर … Read more

जरूरी है

मोनिका शर्मा मुंबई(महाराष्ट्र) ***************************************************************** मुकम्मल नहीं होती सबको खुशियाँ इसलिए दुखी रहना भी जरूरी है, दिन के उजाले के साथ-साथ… निशा का अंधकार भी जरूरी है। घमंड ज्यादा हो तो ठोकर लगनी भी जरूरी है, सपनों के साथ-साथ… हक़ीक़त की पहचान भी जरूरी है। अच्छे वक़्त की चाह के लिए बुरे वक़्त का होना भी … Read more

हयात का सफ़र

मोनिका शर्मा मुंबई(महाराष्ट्र) ***************************************************************** हयात की शुरुआत तो आसान थी, क्योंकि बचपन बड़ा मासूम था जहाँ कागज़ की कश्ती जहाज थी, और अत्फ़ से बना आदिल आशियाना था। कलेवा कर चल पड़ते थे, उस विद्यालय की ओर अकेले नहीं अपनी टोली संग मचा दिया करते अक्सर, हुड़दंग चंहुओरl गुजर गया बचपन मस्ती में बड़ों के … Read more

एक सैनिक..जाना जरूरी था..

मोनिका शर्मा मुंबई(महाराष्ट्र) ***************************************************************** आओ यारों,एक अफसाना सुनाऊँ एक विचित्र हयात का, एक घंटी जो उस दिन फोन पर बजी ले गई अपने साथ, जहाँ मेरी बेहद ज़्यादा एहतियाज थी। “जाना पड़ेगा माँ मुझे आया है मेरा बुलावा, एक और माई है तेरे जैसी जिसने अपने पास है बुलाया।” अपनों से दूर आकर इस मिट्टी … Read more