नारी…भुजा ही भुजा
नमिता घोषबिलासपुर (छत्तीसगढ़)**************************************** वह अष्ट भुजा है-एक से सम्हालती है,दफ्तर की कमान,दूसरे से गृहस्थी का रथ थामती हैपति के कंधे से कंधा मिला,अर्थभार बाँटती है।वह बच्चों की बाँह थामे,उन्हें जिंदगी में चढ़ना-सम्हालना सिखाती हैवह गिरने पर सहारा दे उठाती है।तमाम रिश्तों की जिम्मेदारियां उसके पल्ले है,समाज के भी कुछ फर्ज हैं उसकेसब-कुछ देती बाँटती वह,स्वयं … Read more