मेहनत

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************************************* व्यर्थ न बैठो काम करो तुममेहनत से न भागो।आलस छोड़ो करो परिश्रमसभी नींद से जागो॥ कर्म करो परिणाम न देखोअपना भाग्य बनाओ।मेहनत से आगे बढ़ो तुमजीवन सफल बनाओ॥ आए हम सब इस दुनिया मेंकर्म सभी करने को।मेहनत करें सब मिलकर हमजग नहीं विचरने को॥ खुश होते भगवान सदा हीहिम्मत सदा दिखाओ।करो … Read more

प्यास

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************************************* कटते जंगल नित्य हैं,हुआ प्रदूषण घोर।प्यासी मरती है धरा,संकट है चहुँ ओर॥संकट है चहुँ ओर,वन हो गए हैं खाली।तड़प रहे सब जीव,प्यास से हो बेहाली॥कहता कवि करजोरि,वन हरे भरे न दिखते।सूखे ताल तड़ाग,तरु अब नित्य ही कटते॥ हरियाली मिट-सी गई,प्राणी सभी अनाथ।सूखे नदिया ताल भी,अब न किसी के हाथ॥अब न किसी … Read more

मोहन की छवि देख

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ******************************************************************** मोहन की छवि देख,राधिका सुध बुध खोई।सुन मुरली की तान,नही अपने बस होईllकृष्ण राधिका रूप,लगे सबको अति प्यारा।युगल रूपअभिराम,उसी पर सब कुछ वाराllमहिमा अद्भुत श्रीकृष्ण की,राधिका शक्तिरूप है।है भाग्यवान मानव वही,पाता यह स्वरूप हैll राधिका घनश्याम,छवि लगती अति न्यारी।मुरली बजाए श्याम,लगे सबको ये प्यारीllसब पाएं सुख चैन,देख के सूरत भोली।केवल उनके … Read more

छवि है उनकी न्यारी

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) *********************************************************************** कितनी सुंदर कितनी भोलीछवि है उनकी न्यारी।मनमोहन घनश्याम कृष्ण कीसूरत लगती प्यारी॥ मुरली की धुन सुनो श्याम कीकानों में रस घोले।राधा के संग रास रचायकेवल नयना बोले॥ राधाकृष्ण की छवि मनोहरदेख सभी हरषाए।रोम रोम हैं हर्षित सबकेश्याम देख मुस्काए॥ पावन छवि का वरण करें हमहिय में अति सुख पाएं।शुभकर्मों को करें … Read more

महाराणा प्रताप इक अनमोल सितारा

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* ‘महाराणा प्रताप और शौर्य’ स्पर्धा विशेष………. वीर राजपूताने का वह इक अनमोल सितारा था। सिसोदिया कुल में जन्म लिया सबको प्राणों से प्यारा था॥ इस वीरप्रसविनी भूमि का वीर प्रताप मतवाला। घोड़ा था अद्भुत राणा का वायु से तीव्र गति वाला॥ मेवाड़ी आन के लिए ही समरांगण धूम मचाई। दुश्मन … Read more

परदा

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* घूँघट परदा गुप्तता,अरु आवरण छिपाव। आड़ परत या ओट है,एकहि सबका भाव॥ मुख पर परदा डालकर,नयन नही हो लाज। ऐसा परदा व्यर्थ है,चाहे हो सरताज॥ परदे सभी हटाइए,होय न लाज विहीन। सदा सत्य ही राखिए,चित्त न करें मलीन॥ सच का परदा राखिए,सत्य झूठ के बीच। होता सच विजयी सदा,झूठ सदा … Read more

माँ सृष्टा

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* माँ सृष्टा की अद्भुत रचना माँ सम कोई और नहीं। जन्नत है माँ के चरणों में, माँ के सिवाय ठौर नहीं॥ मिलती माँ से शक्ति हमें है, माँ कभी नही थकती है। बसता है परिवार अम्ब में माँ कभी नहीं रुकती है॥ माँ ही रामायण कुरान है, माँ ही भगवद्गीता … Read more

करे ये सच अभिव्यक्ति

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* कलम की शक्ति से कभी,जीत न पाया कोय। कलमकार की शक्ति ये,इससे सबकुछ होय॥ इससे सब कुछ होय,यह सोतों को जगाती। जो हैं रिश्वतखोर,उनको सामने लाती॥ कहता कवि कर जोरि,करे ये सच अभिव्यक्ति। भय करती है दूर,सदा ये कलम की शक्ति॥ पैदा करती है कलम,चिंतन में अंगार। कलम उगलती आग … Read more

मन से दूर न होय

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* तन से दूरी हो भले,मन से दूर न होय। तन-मन दोनों स्वस्थ हों,सुखी निरोगी होय॥ मतभेदों को भूलकर,सभी एकजुट होय। दुश्मन से मिल के लड़ें,आपा कभी न खोय॥ करे अकारण जो मनुज,देवदूत पर वार। मनुज वे पशु समान हैं,भूल गए संस्कार॥ सुरसा के मुख सा हुआ, ‘कोरोना’ विकराल। बने सूक्ष्म … Read more

सामाजिक सम्बन्ध ही,एक बनाते देश

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. तन से दूरी हो भले,मन से दूर न होय। तन मन दोनों स्वस्थ हों,सुखी निरोगी होय॥ मतभेदों को भूलकर,सभी एकजुट होय। दुश्मन से मिल के लड़ें,आपा कभी न खोय॥ नहीं किसी को छोड़ता,होय खास या आम। ‘कोराना’ का वायरस,मचा रहा कुहराम॥ सुरसा के मुख सा … Read more