दोस्ती

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* दोस्त बनाए वही जो,सही राह दिखलाय। बोले कड़वा वो भले,सदा सत्य बतलाय॥ सदा सत्य बतलाय,कभी भी झूठ न बोले। लेवे सदा उबार,मित्र पर संकट डोले॥ कहता कवि नवनीत,सदा जो आन बचाए। करता सच्ची प्रीत,दोस्त उसे ही बनाए॥ कृष्ण सुदामा की तरह,आपस में हो मित्र। स्वार्थ नहीं जिसमें कहीं,दोनों बड़े विचित्र॥ … Read more

सभी मिल खेलें होली

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* होली के त्यौहार में,उड़े अबीर गुलाल। रंगों की बौछार से,हुए चेहरे लाल॥ हुए चेहरे लाल,सभी मिल रंग लगाते। खाते हैं पकवान,सभी ये पर्व मनाते॥ कहता कवि नवनीत,करे सब हँसी ठिठोली। तन मन हो रंगीन,सभी मिल खेलें होली॥ दहन करे जब होलिका,दुर्गुण सभी जलाय। अवगुण सारे भस्म हों,अच्छाई बच जाय॥ अच्छाई … Read more

राघव

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* राघव है रघुवंश के,पुण्य अयोध्या धाम । सूर्यवंश सिरमौर है,सीता जिनके वामll सीता जिनके वाम,द्वापर के कृष्णमाधव। करे लोक उद्धार,राजा राम हैं राघवll नारायण ने सृष्टि में,लिया मनुजअवतार। मर्यादा को पालते,सबके तारणहारll सबके तारणहार,बताए गुण रामायण। राघव है श्रीराम,जो हैं स्वयं नारायणll राजा हैं संसार के,रघुपति राघव राम। दीनों की … Read more

मीरा

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* गिरिधर के प्रेम में दिवानी, मीरा बनी बावरी। जोगन बनकर फिरती जग में, दिवस और विभावरी॥ कान्हा की मूरत को लेकर, ध्यान उसका ही करे। हाथों में इकतारा लेकर, गुणों बखान का करे॥ फिरती दर-दर जोगिन बनकर, भक्ति करती कान्ह की। मोर पंख कांधे पर झोली, दासी बनी श्याम की॥ … Read more

प्यारा वतन

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष……… हमें वतन से प्यार बहुत है, हम इसके रखवाले हैं। भारत माता के बेटे हैं, हम सच्चे दिलवाले हैं॥ वतन के लिए जीना हमको, सब-कुछ वतन हमारा है। मातृभूमि की रक्षा खातिर, मरना हमे गवाँरा है॥ वतन हमारी आन-बान है हैं हम सब हिंदुस्तानी। उसका अस्तित्व … Read more

हंसवाहिनी

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* हंसवाहिनी मात शारदे, कर दो तुम उजियारा। ज्ञानज्योति जला दो जग में, मिट जायअंधियारा॥ वीणापाणि पद्मासना माँ, हमको राह दिखाओ। विद्यादायिनी माँ शारदा, तम अज्ञान हटाओ॥ पुस्तकधारिणी माँ भारती, करु प्रार्थना तेरी। हे धवलवस्त्रधारिणी मात, हरो दुर्बुद्धि मेरी॥ शिवा अम्बा वागीश्वरी माँ, हम मानव अज्ञानी। रूपसौभाग्यदायिनी अम्ब, वरदान दो भवानी॥ … Read more

संघर्ष

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* ये जीवन एक संघर्ष है, हार कभी न मानिए। लड़ो लड़ाई अंत समय तक, स्वयं को पहचानिए॥ तैयारी तुम रखो हमेशा, इसे चुनौती मानिए। जीवन के इन संघर्षों में, हार न स्वीकारिए॥ जीवन की कठिन परीक्षा में, निराशा को त्यागिये। हिम्मत और हौंसला रखकर, अपना कद बढ़ाइए॥ संघर्ष हमारे शिक्षक … Read more

लोग पत्थर के हुए

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* आँखों में नहीं हैं पानी। ना जिंदगी में है रवानी॥ दिल से दिल जुदा हुए हैं। लोग पत्थर के हुए हैं॥ अब ईमान बिक रहा है। झूठ सत्य बन रहा है॥ मन मलिन बने हुए हैं। लोग पत्थर के हुए हैं॥ अब कोई ना किसी का। जो धनी है सब … Read more

नववर्ष

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* वर्ष पुराना हो गया,आने को नववर्ष। स्वागत को तैयार है,सबका हो उत्कर्षll सबका हो उत्कर्ष,होवे नयाअफसाना। भूल पुराने गीत,गाय सब नया तरानाll कहत नवल कविराय,सभी को मिले ठिकाना। खुशियां मिले अपार,विदा हो वर्ष पुरानाll आगे जीवन में बढें,मन हो एक समान। नवविचार से युक्त हों,दूर होय अभिमानll दूर होय अभिमान,क्रोध … Read more

रोज रोज घटती घटनाएँ

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ****************************************** रोज रोज घटती घटनाएँ,                    कैसी ये मानवता है। नरपिशाच बन बैठा मानव,               करता वह दानवता हैll      जिस पावन धरती पर नारी,                  देवी सम पूजी … Read more