कुल पृष्ठ दर्शन : 506

You are currently viewing राघव

राघव

डॉ.एन.के. सेठी
बांदीकुई (राजस्थान)

*************************************************************************

राघव है रघुवंश के,पुण्य अयोध्या धाम ।
सूर्यवंश सिरमौर है,सीता जिनके वामll
सीता जिनके वाम,द्वापर के कृष्णमाधव।
करे लोक उद्धार,राजा राम हैं राघवll

नारायण ने सृष्टि में,लिया मनुजअवतार।
मर्यादा को पालते,सबके तारणहारll
सबके तारणहार,बताए गुण रामायण।
राघव है श्रीराम,जो हैं स्वयं नारायणll

राजा हैं संसार के,रघुपति राघव राम।
दीनों की विपदा हरे,देते हैं आरामll
देते हैं आराम,बजे हैं मंगल बाजा।
मर्यादा का पाठ,सिखाये राघव राजाll

रूपअनोखा राम का,राघव हैं सुखधाम।
शोभा है संसार की,करते अद्भुत कामll
करते अद्भुत काम,जो सृष्टि में है अनूप।
दृढ़ होती है भक्ति,देख के जिनका स्वरूपll

परिचय-पेशे से अर्द्ध सरकारी महाविद्यालय में प्राचार्य (बांदीकुई,दौसा)डॉ.एन.के. सेठी का बांदीकुई में ही स्थाई निवास है। १९७३ में १५ जुलाई को बांदीकुई (राजस्थान) में जन्मे डॉ.सेठी की शैक्षिक योग्यता एम.ए.(संस्कृत,हिंदी),एम.फिल.,पीएच-डी., साहित्याचार्य,शिक्षा शास्त्री और बीजेएमसी है। शोध निदेशक डॉ.सेठी लगभग ५० राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में विभिन्न विषयों पर शोध-पत्र वाचन कर चुके हैं,तो कई शोध पत्रों का अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशन हुआ है। पाठ्यक्रमों पर आधारित लगभग १५ व्याख्यात्मक पुस्तक प्रकाशित हैं। कविताएं विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। आपका साहित्यिक उपनाम ‘नवनीत’ है। हिंदी और संस्कृत भाषा का ज्ञान रखने वाले राजस्थानवासी डॉ. सेठी सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत कई सामाजिक संगठनों से जुड़ाव रखे हुए हैं। इनकी लेखन विधा-कविता,गीत तथा आलेख है। आपकी विशेष उपलब्धि-राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में शोध-पत्र का वाचन है। लेखनी का उद्देश्य-स्वान्तः सुखाय है। मुंशी प्रेमचंद पसंदीदा हिन्दी लेखक हैं तो प्रेरणा पुंज-स्वामी विवेकानंद जी हैं। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-
‘गर्व हमें है अपने ऊपर,
हम हिन्द के वासी हैं।
जाति धर्म चाहे कोई हो 
हम सब हिंदी भाषी हैं॥’

Leave a Reply