सृष्टि और नारी

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** परम सत्ता शक्ति ईश्वर,सृष्टि और नारी, सृष्टि युग की गौरव। प्रकृति प्रवृत्ति अनिवार्यता, परम शक्ति की सत्ता नारी शक्ति आधार। ब्रम्हा,विष्णु,शंकर, त्रिदेव,शिवा,वैष्णवी सरस्वती परम शक्ति, सत्ता ईश्वर की भागीदार। सृष्टि पूर्ण तभी होती, जब नारी प्रथम लेती अवतारl नर-नारायण की शक्ति में नारी शक्ति, बराबर हिस्सेदार। देश,काल,परिस्थिति चाहे जो … Read more

`नेताजी` सुभाष चंद्र बोस-जीवन और प्रभाव

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** #साहित्य के आलोक में नेताजी-`नेताजी` सुभाष चन्द्र बोस का जन्म १८९७ में कटक में जानकी नाथ बोस की १४ सन्तानों में नवी संतान के रूप में हुआ,जब भारत अंग्रेजों का गुलाम था! नेताजी संभ्रांत बंगाली विरासत वाले बंगाली समाज के कायस्थ परिवार में जानकी नाथ बोस और माँ प्रभावती … Read more

सर्दी और अवकाश

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** ‘बड़े दिन की छुट्टी’ स्पर्धा  विशेष……… सर्द हवाएं ठिठुरन गलन बताये, हर इंसान चाहता सूरज की किरणें, कहीं से आये। हर घने कोहरे की चादर, दुनिया में जिंदगी का नया रंग दिखाए। किसान उम्मीदों में गुनगुनाए, मौसम की अंगड़ाई फसलों की सेहत बनाये। व्यापार हो गया हैं मंदा, चौपट … Read more

भावनाएं

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** कोई कहता देव अंश है कोई कहता कर्मवश है, निर्मल सुन्दर एक हंस है कहते जिसको काया। बसता जिसमें मन है उठता है जिसमे उफान, कहते जिसको हैं `भावना` इससे जाना जाता है इन्सान। रिश्तों की डोरी में बंधकर कहीं पिता कहीं पुत्र, कहीं गुरू तो कहीं शिष्य इन्सान … Read more

तुलसीदास का भारतीय समाज और जीवन दर्शन में महत्व

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** द्वापर का अवसान, कलयुग का प्रारम्भ सत्य सनातन संस्कृत पर, पल प्रहर का काल। आस्था के विश्वास का होने लगा हरास, काल की दस्तक को सुन न सका भारत महान। बुद्ध-महावीर मानव स्वरूप में, सत्य सनातन का पर्याय। जीजस क्राइस, हजरत मोहम्मद पैगम्बर का, मानव मानवता के इस्लाम का … Read more

`लौह पुरूष` सरदार वल्लभभाई पटेल

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** फौजी का घर संस्कृति संस्कार का कुनबा परिवारl झावेर भाई-माँ लाड़ बाई ने जांबाज जज्बे जज्बात की औलाद को वल्लभ दिया नाम, वल्लभ झावेर भाई पटेल के बचपन के किलकारी की माँ भारती ने पहचानी अपने आन-स्वाभिमान की संतानl शिक्षा के प्रथम दिवस से गुरूओं के मर्म गर्व का … Read more

कारवां मिल गया

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** जिन्दगी की किश्ती को जमाने की किस्मत, मिल गई मौजों के तूफ़ां, उम्मीदों की धारा में उम्मीदों के साहिल, को किनारा कारवां मिल गयाl हसरत की हैसियत, दरिया पहाड़ों से निकल तमाम मुक़ामों-राहों से गुजर, समन्दर की शान नजारों का नजारा, हस्ती का सहारा बन गईl जिन्दगी तो पानी … Read more

तलाश

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** हर किसी को तलाश मंजिल की, सफर इस कदर तन्हा भीड़ में भी हौंसला, जज्बा उदास। अरमान अंदाज जिंदगी के, जमीं-आसमां जीत का खुमार हार का, शबाब उम्मीद की एक आवाज। नहीं हारना नहीं थकना, लम्हा-लम्हा इश्क जुनून की जिंदगी, ही जमाने में मशहूर। हजारों ख्वाब जिंदगी के साहिल … Read more

तू ही भगवान है

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** कहीं खो न जाए, तेरी हसरतों में तेरे संग चलते-चलते, मचलते। जमाने की यादों में हमीं न पाऊँ तेरे कारवाँ को, सजाते बनाते। हमें गुमाँ है, तू ही मेरी जान है तुझसे ही मेरे, जिंदगी के अरमाँ अंदाज है, कहीं दम ना निकले तेरी धड़कनों से। तू ही आदमी … Read more

सुबह और सूर्य

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** आज सूरज की बान का अंदाज़ अलग, कभी खुशियों की मुस्कान कभी नई सुबह,कहीं कुछ खो जाने की कशमकश, विरोधाभास की सुबह! ब्राह्मण के संतुलन की शक्ति, सृष्टि की निरन्तरता शाश्वत सत्य की अभिव्यक्ति, नारी शक्ति! प्रातःप्रभात का प्रखर प्रभाकर, प्रवाहमान है प्रथम लाली दिनकर की रक्त-सी किरणें, लगता … Read more