जिंदगी

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** जीवन में आती है सुख-दु:ख की छांव, जिंदगी में बढ़ाना सोच-समझकर पांव। वैसे तो बहुत माहिर हैं जिंदगियां यहां, जिंदगियों ने बसाये हैं संघर्षों के गांव॥ कठिन संघर्षों का पिटारा है जिंदगी, वाद-विवादों का निपटारा है जिंदगी। मीठे-मीठे चेहरों में छिपा है धोखा, कटु बोलों में स्पष्ट नजारा है जिंदगी॥ जीवन … Read more

दीपक

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** हे दीपक! जलते रहना तू निरन्तर, हवाओं से डटना तू होकर निडर। संसार के अंधेरे को मिटाना है तुझे, जग में सोए हुए को जगाना है तुझे। संघर्षों से लड़ना है रहना तू तत्पर, हे दीपक! जलते रहना तू निरन्तर॥ रवि के सामने अंधकार सब भागे, जिनके होने से संसार सभी … Read more

बुराई में अच्छाई

आशीष प्रेम ‘शंकर’ मधुबनी(बिहार) ************************************************************************** क्यूँ कहते हो कि ये मुझसे नहीं होगा ? क्यूँ कहते हो कि ये मेरे लिए बना नहीं होगा ? बनी तो दुनिया भी सिकंदर के लिए नहीं थी, पर उसकी मेहनत में कोई शक भी तो नहीं था। वो बैठा न था,किस्मत के भरोसे, वो चलता न था,काफिलों के … Read more

शुभ दीपावली

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** आओ चल-चल कर अब सबको जगाएंगे हम, इस बार कुछ अलग से दिवाली मनाएंगे हम। पूरे देश में कंधे से कंधा मिलाकर चलें हम, इस दिवाली प्रेम के दीपों से सजाकर चलें हम। इस दिवाली में चुनकर ऐसे पुष्प खिलाएंगे हम, इस बार कुछ अलग से दिवाली मनाएंगे हम॥ नफ़रत को … Read more

संघर्ष

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** संघर्ष जीवन का प्रमुख हिस्सा है, इसमें खुशियां ढूंढो यारों। संघर्ष कर गतिशील रहना होता है, संघर्ष करते ही मानव अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है। संघर्षों के सागर में, नवीन ऊर्जा के साथ आगे कदम बढ़ाना होती है संघर्ष की पहचान। रवि स्वयं एक संघर्ष से जूझकर, प्रतिदिन उदित होता है, … Read more

कुछ करके दिखाना है

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** उठो!आगे बढ़ो! हमें कुछ नया करके दिखाना है, हमें ढेरों संघर्ष करके गीत प्रगति के गुनगुनाना है। अपनी-अपनी तखल्लुस भूल जाओ इस संसार में, हम सबको मिलकर एक नया समाज बनाना है। बिखेर दो खुशबू अपनी मेहनत की हर ओर तुम, जीवन के दुःखी मधुबन में नये पुष्प खिलाना है। हर … Read more

सपने

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** प्रत्येक व्यक्ति के सपने, होते हैं सबके अपने। सपने जिनमें उड़ान होती है, मनुष्य के लिए सबसे खूबसूरत होते हैं, उसके सपने। इन सपनों से ही मानव, जीवनभर गतिशील रहता है। गतिशील रहना ही, मानव का कर्तव्य है। सपनों के मार्ग पर कितने, संघर्षों का सामना होता है। संघर्षों से लड़ना, … Read more

हिंदी आत्मा की पुकार है

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. भाषाओं में एक विशाल प्रकार है हिंदी, हृदय के उपवन की एक बहार है हिंदी। कितनी धड़कनें धड़कती हैं हिंदी के लिए, हम सभी में आत्मा की पुकार है हिन्दीll हिंदी हमारे हिन्दुस्तान की मुख्य साख है, हमारी हिंदी में संस्कार का सामर्थ्य लाख है। जिससे दिखता … Read more

मैं नहीं गा सका गीत तुम्हारे…

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** मैं नहीं गा सका गीत तुम्हारे, मीठे नहीं कर सका समुंदर खारे। बटोरने में लगा रहा बिखरे मोती, जो टूट कर बिखर गए हैं प्यारे॥ मैं नहीं गा सका गीत तुम्हारे… मानवता बिलख रही चारों ओर, फैला है आतंक का घना शोर। सवा अरब बेटों की माँ भारती, है दुःखी,सबके विचार … Read more

कान्हा तुम्हारा इंतज़ार है

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** कृष्ण जन्माष्टमी स्पर्धा विशेष………. कान्हा तुम चले आओ,तुम्हारा इंतज़ार है, तुम्हारे लिए बेचैन ये मस्तानी बयार है। कितना इंतजार किया है बहती नदियों ने, कितना पुकारा है तुम्हें यहां की सदियों ने। तुम विनती स्वीकार करो मेरे हे गोविन्द, तुम्हारे दर्शन को तरस रहे हैं ये अरविंद। ये धरती बनी राधिका … Read more