जिंदगी
प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** जीवन में आती है सुख-दु:ख की छांव, जिंदगी में बढ़ाना सोच-समझकर पांव। वैसे तो बहुत माहिर हैं जिंदगियां यहां, जिंदगियों ने बसाये हैं संघर्षों के गांव॥ कठिन संघर्षों का पिटारा है जिंदगी, वाद-विवादों का निपटारा है जिंदगी। मीठे-मीठे चेहरों में छिपा है धोखा, कटु बोलों में स्पष्ट नजारा है जिंदगी॥ जीवन … Read more