उनकी नजर

आदर्श पाण्डेयमुम्बई (महाराष्ट्र)******************************** नजरें उनकी थीं,प्यार हमारा थातुमने यूँ ही नहीं,अपने बालों को संवारा था।तुमने हमें यूँ देखा तो,लगा किसी ने टोका था।पर हमें क्या पता,वो मोहब्बत नहीं,दिल्लगी का इशारा…

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आतंक

गंगाप्रसाद पांडे ‘भावुक’ भंगवा(उत्तरप्रदेश) **************************************************************** प्रार्थना में उठे हाथ, उड़ गये चीथड़े। दीवारों पे बिखरा रक्त, लोग इधर उधर पड़े मिले। चारों ओर सिर्फ चीखें, कौन मनाये ईस्टर। पूरा चर्च…

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