ज़िन्दगी का सवाल

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* उम्र के एक पड़ाव पर, ज़िन्दगी ने ज़िन्दगी से पूछा- क्या किया उम्रभर ? ज़िम्मेदारियों के बोझ तले, दब कर रह गया बस तेरा अस्तित्व।…

0 Comments

भीतरी दुश्मन

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* देश की सुरक्षा को, केवल बाहरी आतंक से ही नहीं, भीतर छुपे दरिन्दों से भी बचाना होगा। देश को जो अमानवीय तत्वों से, बचाने का…

0 Comments

आयी होली

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* रंग-रँगीली, आयी होली चुन्नू आओ, आओ मुन्नीl भर-भर लाओ तुम पिचकारी, रंगों की बौछार से कर दो पीली धरती नीला अम्बरl तुम हो गिनी कितनी…

0 Comments

नारी शक्ति

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… समय के आगे नहीं झुकेगी, परिस्थितियों से नहीं टूटेगी। औरत जो औरों में रत थी, जान गई है अपने स्वरूप…

0 Comments