आया है कोरोना

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ************************************************************* छन्न पकैया छन्न पकैया,आया है कोरोना।बच्चे-बूढ़े घर में बैठे,शुरू हुआ है रोना॥ छन्न पकैया छन्न पकैया,अपना मुँहूँ छुपाये।बन्द हो गया आना जाना,दूरी सभी बनाये॥ छन्न पकैया छन्न पकैया,गर्म पियो सब पानी।करो नीम तुलसी का सेवन,इससे है जिनगानी॥ छन्न पकैया छन्न पकैया,मुँह में मास्क लगाना।कोरोना का काल चल रहा,सबको स्वच्छ … Read more

पत्थर न होता आदमी

प्रिया सिंहलखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* हार कर गर्दिश से चश्मे-तर न होता आदमी,तब समंदर में खरा जौहर न होता आदमी। इल्म होता ग़र उसे इखलास और ईमान का,मज़हबों के नाम पर कट्टर न होता आदमी। आइना रखता अगर अपनी नज़र के रूबरू,फिर किसी के सामने पत्थर न होता आदमी। ख़्वाहिशें सस्ती जो होती हर तरफ बाजार में,फिर … Read more

मधुर है संयुक्त परिवार

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) *********************************************************************** चूस-चूस कर फूलों का रस,मधुमक्खी शहद बनाती है,दादा-दादी उसी तरह,संयुक्त परिवार बनाते हैं। बच्चों की किलकारी,दादा-दादी का प्यार,ऐसे ही मधुर है,मेरा संयुक्त परिवार। ताऊ जी की कहानी,चाचा जी का दुलार,मीठे-मीठे शहद की तरह,हैं हमारा परिवार। सब मिलकर साथ रहते,करते हँसी-ठिठोली,छोटे-छोटे बच्चों की,मीठी लगती है बोली। एकांकी जीवन में रह … Read more

आया नया सवेरा

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) *********************************************************************** नया सवेरा आ गया,सबको करूँ प्रणाम।हम मिलजुल करके करें,पूरा हो सब काम॥ फूल खिले हैं बाग में,भौरें भी मँडराय।नया सबेरा छा गया,पंछी गाना गाय॥ निकला सूरज भोर में,सारा जग चमकाय।कल-कल कर नदियाँ बहे,झरने भी लहराय॥ हँस रही है वसुंधरा,पत्ते शोर मचाय।तितली उड़ती जा रही,बागों पर इठलाय॥ कोयल कूके पेड़ … Read more

फूल वो मुरझा नहीं सकता

प्रिया सिंहलखनऊ(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************* (रचना शिल्प: बहर-१२२२ १२२२ १२२२ १२२२) मज़ा परदेश में क्या है उसे समझा नहीं सकता,सुकूँ जो घर में मिलता है कहीं वो पा नहीं सकता। सुनो ऐ बाग़बाँ गुलशन पे अपने तुम नजर रखना,ये मत समझो खिला जो फूल वो मुरझा नहीं सकता। बुढ़ापे की थकन कर लो जवानी में ज़रा महसूस,जो … Read more

माँ तुझे शत-शत नमन

प्रिया सिंह लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय मातृत्व दिवस’ १० मई विशेष………. ओ माँ तुझे शत-शत नमन है, तेरा आँचल पसरा हुआ गगन है। पृथ्वी का ये सर्वश्रेष्ठ सृजन है, हे प्रभु तेरा एक मात्र भवन है। ओ माँ तुझे शत-शत नमन है… मन तेरा मदमस्त-सा मगन है, जीवन तेरा जलता हुआ हवन है। ओ माँ तुझे … Read more

नन्हें कदमों से दुनियादारी दिखाती है

प्रिया सिंह लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************** शहर की सड़कों पर वो अदाकारी दिखाती है, पतली-सी रस्सी पर वो कलाकारी दिखाती है। नाजुक से पैरों में उसके छाला मोटा दिखता है, मासूमियत के पीछे से वो होशियारी दिखाती है। चढ़ कर रस्सी पर आसमान छूने का हौंसला है, नज़ाकत बेच कर यहाँ वो रोजगारी दिखाती है। छिप-छिपा कर … Read more

देश पीछे नहीं,आगे जाएगा फिर

प्रिया सिंह लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************** ‘कॊरोना’ एक जंग है घर बैठ अब लड़ो ना, ए मालिक इस आपदा को अब हरो ना। रह कर दूर हर रिश्तेदारी निभा लो, हाथ जोड कर नमन अब करो ना। स्थिर रहो मिल जाओगे अपनों से, विपदा है आई इससे अब डरो ना। मर जाओगे तो अपने हाथ मलेंगे, बेकार … Read more

सेवा बनाम दान

प्रिया सिंह लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************** गरीबों का भी देश में शारीरिक योगदान है, क्यों बनता बस अमीरों का सिक्का दान है। क्या अमीरों की सेवा के पीछे स्वार्थ छिपा है, या गरीबों के लिए बनता वो शख्स महान है। कैमरा-मोबाइल-फोटो-वीडियो ये सब क्या है, क्या मेरी बेइज्जती तेरा दिखावा ही दान है। हाँ,मानते हैं के बहुत … Read more

नारी

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) *********************************************************************** आज की नारी सब पर भारी, करती है हर काम नहीं किसी से डरती है, रौशन करती नाम। मेहनत खूब करती है, आगे-आगे बढ़ती है सपनों को पूरा करने, एक-एक कदम गढ़ती है। कितनी भी मुश्किल आ जाये, डट कर सामना करती है काँटों भरी राह से भी, हँस … Read more