दादी का संदूक!

डॉ.सत्यवान सौरभहिसार (हरियाणा)************************************ स्याही-कलम-दवात से,सजने थे जो हाथ।कूड़ा-करकट बीनते,नाप रहें फुटपाथ॥ बैठे-बैठे जब कभी,आता बचपन याद।मन चंचल करने लगे,परियों से संवाद॥ मुझको भाते आज भी,बचपन के वो गीत।लोरी गाती मात की,अजब-निराली प्रीत॥ मूक हुई किलकारियां,चुप बच्चों की रेल।गूगल में अब खो गए,बचपन के सब खेल॥ छीन लिए हैं फ़ोन ने,बचपन के सब चाव।दादी बैठी देखती,पीढ़ी … Read more

अत्यधिक आकांक्षाओं से टूटते परिवार

डॉ.सत्यवान सौरभहिसार (हरियाणा)************************************ भौतिकवादी युग में एक-दूसरे की सुख-सुविधाओं की प्रतिस्पर्धा ने मन के रिश्तों को झुलसा दिया हैl कच्चे से पक्के होते घरों की ऊँची दीवारों ने आपसी वार्तालाप को लुप्त कर दिया हैl पत्थर होते हर आँगन में फ़ूट-कलह का नंगा नाच हो रहा हैl आपसी मतभेदों ने गहरे मन भेद कर दिए … Read more

बैठक है वीरान!

डॉ.सत्यवान सौरभहिसार (हरियाणा)************************************ चूस रहे मजलूम को,मिलकर पुलिस-वकील,हाकिम भी सुनते नहीं,सच की सही अपील। जर्जर कश्ती हो गई,अंधे खेवनहार,खतरे में ‘सौरभ’ दिखे,जाना सागर पार। थोड़ा-सा जो कद बढ़ा,भूल गए वो जात,झुग्गी कहती महल से,तेरी क्या औकात। बूढ़े घर में कैद हैं,पूछ रहे न हाल,बचा-खुचा खाना मिले,जीवन है बेहाल। हत्या-चोरी लूट से,कांपे रोज समाज,रक्त रंगे अखबार … Read more

निकले थोथे यार!

डॉ.सत्यवान सौरभहिसार (हरियाणा)************************************ जब दौलत की लालसा,बांटे मन के खेत,ठूँठा-ठूँठा जग लगे,जीवन बंजर रेतl दो पैसे क्या शहर से,लाया अपने गाँव,धरती पर टिकते नहीं,अब सौरभ के पाँवl तुझमें मेरी साँस है,मुझमें तेरी जान,आओ मिलकर तय करें,हम अपनी पहचान। कहा सत्य ने झूठ से,खुलकर बारम्बार,यार मुखौटे और के,रहते हैं दिन चारl कौन पूछता योग्यता,तिकड़म है आधार,कौवे … Read more

दुनिया मतलब की

डॉ.सत्यवान सौरभहिसार (हरियाणा)************************************ दुनिया मतलब की हुई,रहा नहीं संकोच,हो कैसे बस फायदा-यही लगी है सोच। मतलब हो तो प्यार से,पूछ रहे वो हाल,लेकिन बातें काम की-झट से जाते टाल। रिश्तों के सच जानकर,सब संशय है शांत,खुद से खुद की बात से-मिला आज एकांत। झूठे रिश्ते वो सभी,है झूठी सौगंध,तेरे आँसू देख जो-कर ले आँखें बंद। … Read more

तितली है खामोश

डॉ.सत्यवान सौरभहिसार (हरियाणा)************************************ बदल रहे हर रोज ही,हैं मौसम के रूप,ठेठ सर्द में हो रही, गर्मी जैसी धूप। सूनी बगिया देखकर,तितली है खामोश,जुगनूं की बारात से,गायब है अब जोश। दें सुनाई अब कहाँ,कोयल की आवाज़,बूढ़ा पीपल सूखकर,ठूंठ खड़ा है आज। जब से की बाजार ने,हरियाली से प्रीत,पंछी डूबे दर्द में,फूटे गम के गीत। फीके-फीके हो … Read more

कौन हुआ बेकार

डॉ.सत्यवान सौरभहिसार (हरियाणा)************************************ लुके-छिपे अच्छा नहीं,लगता अब उत्पात,कभी कहो तुम सामने,सीधे अपनी बातl भूल गया सब बात तू,याद नहीं औकात,गीदड़ होकर शेर की,पूछ रहा है जातl मेरी ताकत लेखनी,तू रखता हथियार,दोनों की औकात को,परखेगा संसारl शीशों जैसे घर बना,करते हैं उत्पात,रखते पत्थर हाथ में,समझेंगे कब बातl गायब प्यादे सब हुए,सदमे में सरदार,बदली चालें मात में,मरने … Read more

पूरे विश्व में लिखी और पढ़ी जा रही है लघुकथा

सिवानी मंडी(हरियाणा)। बच्चा सबसे पहले माँ से लोरी सुनता है और फिर दादी-नानी से कहानी। इसलिए कविता के बाद कहानी हर युग में सर्वाधिक लोकप्रिय साहित्यिक विधा रही है। लघुकथा पूरे विश्व में लिखी और पढ़ी जा रही है।यह कहना है नेपाल संगीत एवं नाटक अकादमी(पोखरा) के पूर्व अध्यक्ष तथा ६० पुस्तकों के लेखक सरुभक्त … Read more

विकास को पुनर्जीवित करने हेतु पैदा करने होंगे नए अवसर

डॉ.सत्यवान सौरभहिसार (हरियाणा)************************************ कोविद-१९ महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को बदल दिया है और भारत में भी इसके गहरे प्रभाव पड़े हैं। राष्ट्रव्यापी तालाबन्दी की वजह से घरेलू मांग में कमी ने अर्थव्यवस्था को २०२०-२१ की पहली तिमाही में संकुचित कर दिया है और इसके प्रभाव भविष्य में दिखने की संभावना है। फिर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र … Read more

शांतिपूर्ण समाज के लिए बड़ा खतरा सोशल साइट्स

डॉ.सत्यवान सौरभहिसार (हरियाणा)************************************ फेसबुक,ट्विटर,गूगल और कई अन्य सोशल मीडिया मंच ने हमारे संवाद करने के तरीके में क्रांति ला दी है। ये मंच आज ज्यादातर बात करने के लिए उपयोग किए जाते हैं,यही नहीं ये सार्वजनिक तौर पर बहुत बड़ा प्रभाव डालते हैं,लेकिन सुरक्षा के उचित नियमों के अभाव में ये अतिसंवेदनशील हैं। तभी तो … Read more