धुंध में लिपटी राजधानी

राजेश पुरोहित झालावाड़(राजस्थान) **************************************************** दीपावली के तीन दिन बाद हमारे देश की राजधानी दिल्ली धुंध के काले आवरण से ढँक चुकी थी। दिल्ली में पिछले कुछ वर्षों से प्रदूषण की दर बढ़ती जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार १६०० बड़े शहरों में दिल्ली प्रदूषण में सबसे आगे है। भारत में दिल्ली के अलावा … Read more

प्रीत सरसे

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* नेह की सौगा़त पाई, लग गया मन खिलखिलानेl ऋतु सुहानी सावनी में, पवन पुरवाई चली है‌l मेघ छाया कर रहे ज्यों, भीगते आँगन गली हैl मोर वन मन नाचते हैं, फिर चले कैसे बहानेl नेह की सौगात पाई, लग गया मन खिलखिलानेll गंध तन की भा रही ज्यों, गंध सौंधी सावनी-सीl … Read more

हिन्दी भाषा

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* हिन्दी हिन्दुस्तान की,भाषा मात समान। देवनागरी लिपि लिखें,सत साहित्य सुजान। सत साहित्य सुजान,सभी की है अभिलाषा। मातृभाष सम्मान,हमारी अपनी भाषा। सजे भाल पर लाल,भारती माँ के बिन्दी। भारत देश महान,बने जनभाषा हिन्दी। भाषा संस्कृत मात से,हिन्दी शब्द प्रकाश। जन्म हस्तिनापुर हुआ,फैला खूब प्रभास। फैला खूब प्रभास,उत्तरी भारत सारे। तदभव-तत्सम शब्द,बने नवशब्द … Read more

योग्या

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** किसी कारणवश आज समाजशास्त्र के प्रोफेसर नहीं आए थे। अतः सभी विद्यार्थी उद्यान में बैठकर विचार-विमर्श कर रहे थे। तभी दूर बैठी लड़कियों को देखकर एक विद्यार्थी ने कहा,-“तुम सभी पत्नी के रूप में कैसी लड़की चाहते हो ?” समूह में से एक विद्यार्थी बोला,-“नव्या! यानी ऐसी पत्नी जो रोज … Read more

बोलो मत,सुनो!

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* बोलो मत,सुनो, कहो मत,देखो! जैसा हो रहा है,होने दो, नाशपाती को नाशपाती मत कहो, सेब कहोl क्योंकि, राजा ने कहा है मीडिया उसे सेब ही कह रही है, इसलिए,तुम भी कहोl गलती से नाशपाती कह गये, तो मुसीबत झेलना तय हैl अखबारों में तुम्हारे नाम पर, लम्बी-चौड़ी सम्पादकीय निकलेगी टेलीविजन … Read more

नारी

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* नारी रत्न अमूल्य धरा पर। ईश्वर रूप सकल सचराचर॥ राम कृष्ण जन्माने वाली। सृष्टि धर्म की सत प्रतिपाली॥ बेटी बहिन मात अरु दारा। हर प्रतिरूप मनुज उद्धारा॥ नारी जग परहित तन धारी। सुख-दु:ख पीड़ा सहे दुधारी॥ द्वय घर की सब जिम्मेदारी। बिटिया वहन करे वह सारी॥ पढ़ी लिखी जब होती नारी। … Read more

लोक पर्व ‘गोबरधन’

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* ‘गोधन पशुधन धन बड़े,कृष्ण बढ़ाये मान! व्यापक गोबरधन हुआ,करिये मान सुजान!!’ ‘गोवर्धन’ को हम ‘गोबरधन’ भी कहते रहें तो क्या हानि है। गोवर्धन एक व्यापक शब्द है जो हमें गो(पृथ्वी),गोवंश एवं किसान के प्रति सम्मान व संरक्षण का बोध कराता है । ‘गोबरधन’ और भी व्यापक शब्द है,जो हमें समस्त पशुधन … Read more

दीप का कथन

सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) ************************************************************** दीप का है कहना- कुम्भकार ने काया को सजाया, विश्व बाजार में बिकी काया सौदागर ने दाम लगाया, झट-पट थैले में ले आया। पुरातन समय मेरा था, घी बाती मैं पाता था करता था मैं रोज उजाला, भौतिकवाद का युग आया मानव ने मुझे क्यों भुलाया, दीपावली पर घर लाया, तेल-बाती … Read more

मिलन के पर्व दीपावली का आध्यात्मिक महत्व

राजेश पुरोहित झालावाड़(राजस्थान) **************************************************** कार्तिक मास की अमावस्या को हम प्रतिवर्ष दीपावली का त्योहार मनाते हैं। भगवान श्री रामचन्द्र जी चौदह वर्ष के वनवास के बाद वापस इसी दिन अयोध्या लौटे थे। इसी खुशी से अयोध्या की प्रजा ने घी के दीप जला कर रोशनी की थी। भगवान के अवध पधारने के लिए उनका स्वागत … Read more

दीप पर्व

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* माटी का दीपक लिया,नई रुई की बाति। तेल डाल दीपक जला,आज अमावस राति। आज अमावस राति,हार तम से क्यों माने। अपनी दीपक शक्ति,आज प्राकृत भी जाने। कहे लाल कविराय,राति तम की बहु काटी। दीवाली पर आज,जला इक दीपक माटी। दीवाली शुभ पर्व पर,करना मनुज प्रयास। अँधियारे को भेद कर,फैलाना उजियास। फैलाना … Read more