सच…चिड़िया रानी…

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** दिन भी सूना, रात भी सूनी चुप! अकेली चिड़िया रानी। सजल नयन से, बाट जोहती रही सोचती चिड़िया रानी...l कितने संघर्षों से पाला, उन्हें खिलाया…

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धो डालो जन्मे कलंक को

वन्दना शर्मा’वृन्दा’ अजमेर (राजस्थान) *********************************************************************** हैदराबाद घटना-विशेष रचना.............. आह,छि!धिक्कार है ऐसी मर्दानगी पर,क्या अब इस आर्य भूमि पर जवानी माँस के लोथड़ों को नोंचने के लिए आती है ? कब…

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सोचा न था हमने,ऐसा भी दिन होगा

अंतुलता वर्मा ‘अन्नू’  भोपाल (मध्यप्रदेश) ************************************************************ हैदराबाद घटना-विशेष रचना............. सोचा न था हमने,ऐसा भी एक दिन होगा, जिससे रक्षा माँग रही हो,वही तुम्हारा भक्षक होगा। बहुत दबोचा इन दरिंदों ने,तुमको…

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तुम्हारी याद

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* आज मैंने खोली जब एक पुरानी-सी किताब, उसमें मिली मुझे टूटी हुई गुलाब की पंखुड़ियाँ ताज़ाl बिल्कुल ताज़ा, उतनी ही ताज़ा जितनी कि अरसे पहले,…

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शोर मचाते आये बादल

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** घूम-घूम के आये बादल, झूम-झूम के आये बादल हर्षित मन है छाये बादल, शोर मचाते आये बादल। मेंढक ने छाता जो खोला, तब चींटी का…

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आस्था

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** चौराहे पर चाय की दुकान पर कुछ व्यक्ति बैठे चाय पी रहे थे। पास में शिव मंदिर भी था। कुछ महिलाएं मंदिर में पूजा-अर्चना कर…

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बचपन

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. बाल दिवस पर विश्व में, हों जलसे भरपूर। बच्चों का अधिकार है, बचपन क्यों हो दूर॥ कवि,ऐसा साहित्य रच, बचपन हो…

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बादल मुझे बना दो राम

राजबाला शर्मा ‘दीप’ अजमेर(राजस्थान) ******************************************************************************************** विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. बादल मुझे बना दो राम, नभ की सैर करा दो राम। उमड़-घुमड़ कर नीलगगन की, छाती पर लहराता जाऊं गोद…

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एक कदम

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* प्रण लिया था,दुर्गम पथ पर जाने का,जीवन के नव निर्माण का, व्यवधान था मेरे स्वार्थी मित्रों का दुःख था उनसे विलग होने का, कैसे खण्डित…

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सड़क सुरक्षा

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* पंथ आज देश शान,मानवी प्रकाशमान। विकास गाँव-गाँव में,सड़क से जानिये। आने जाने वाले दु:ख,चाहते वाहन सुख। मिलता सहारे जिसे,सड़क ही मानिये। बाम चाल देख भाल,देख चिह्न…

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