समय निकलता जाए

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)*************************************************** क्या तुझको देंगे यह संबल ?नयन कोर से अश्रु झर-झरजीवन डोर नहीं है लंबी,समय निकलता जाए सर-सर। सबकी अपनी-अपनी उलझन,सबके अपने-अपने द्वंदलक्ष्य से जूझ रहा है कोई,जी रहा कोई निर्द्वन्दशीश झुकाए चल रे राही,बन के दिखलाना है तरुवर।जीवन डोर नहीं है लंबी,समय निकलता जाए सर-सर…। जग हँसता है तू भी हँस ले,हँसते-हँसते … Read more

तेरहवीं का विहान

दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* कल मेरे पड़ोसीगंगू चाचा के पिताजी की तेरहवीं थी,ब्रम्ह भोज में भीड़ खूब जुटी थीपहले ब्राम्हणों ने भोग लगाया,दक्षिणा ग्रहण कीफिर देर तक चलता रहा भोज,गाँव के खड़ंजे परसाइकिल,मोटर साइकिल,पैदलकार,स्कार्पियो के आने-जाने से चहल-पहल थीखद्दरधारी,काले कोट,सायरन,व नीली बत्ती वालों के लिएविशेष व्यवस्था थी,अंत में-‘उत्तीर्ण’ कहने के बाद,सबने कहा-`मृतक की आत्मा … Read more

सुबह का भूला…

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)************************************************ सुबह का भूला,अगर शाम तक अपनीगलती मान जाता है।जिंदगी की अहमियत,वक्त की कद्रअपनों का दर्द,दुआओं का असरपहचान जाता है।उसकी भूल को,शाम तकहर कोई,भूल जाता है॥ सुबह का भूला,अगर शाम तकजिंदगी की कद्र-कीमतों को,पहचान जाता है।प्यार की,कोई कीमत नहींयह जान जाता है।उसकी भूल को,शाम तकहर कोई भूल जाता है॥ सुबह का भूला,अगर … Read more

कलयुग के रावण

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)*************************************************** हम हर दशहरे पररावण का पुतला,जोर-शोर से जलाते हैंपटाखे फोड़ते हैं,खुशियां मनाते हैं।रावण ने सीता का हरण किया,पर चीर-हरण नहीं कियाउसने सिया को अशोक वाटिका में रखा,जोर-जबरदस्ती का व्यवहार न किया।उसने सीता की ‘हाँ’ का इंतजार किया,लेकिन ये कलयुगी सफेदपोश रावण…चाहे सात साल की मासूम हो,या तेरह साल की नाबालिगया बीस-पच्चीस साल … Read more

माँ सबकी रक्षा करो

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* आई संकट की घड़ी,कर संकट से पार।जग कल्याणी माँ करूँ,विनती बारंबार॥ ज्योत जले जगमग सदा,माँ तेरे दरबार।हे माता जगदंबिके,गुण गाए संसार॥ सुमिरन तेरा मैं करुं,कर पूजा दिन रात।‘कोरोना’ अब नाश हो,अंबे मेरी मात॥ विनती तेरी हम करें,दे दें माँ आशीष।दूर हटे विपदा सभी,झुका रहे ये शीश॥ राक्षस का संहार कर,है कोरोना नाम।देवी … Read more

देवी

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)*************************************************** जब भी इतवार का दिन होता है। बच्चे सुबह-सुबह ही आकर बरामदे में लगे हमारे झूले पर झूलने आ जाते हैं। आज भी ऐसा ही हुआ। यश और निकिता दोनों भाई-बहन झूला झूल रहे थे,अचानक किसी बात पर दोनों में लड़ाई हो गई। यश ने निकिता को चांटा मार दिया और निकिता … Read more

उसूल

डॉ.अनुराधा शर्मा,इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** उसूल ये है,के जो हक है बस वही कहिए,मेरी खता को भी तकसीरे आग ही कहिए। खुदा गवाह बहुत दिन जिये हैं दुनिया में,मगर वो बात न थी जिसको जिंदगी कहिए। तबाह हो गए लेकिन जुबाँ नहीं खोली,अब इसको सब्र समझिए कि बेबसी कहिए। चिराग जलते रहें और ना सूझे हाथ को हाथ,अंधेरे … Read more

प्रार्थना इतनी है प्रभु

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** प्रार्थना,कर जोड़,इतनी है प्रभु,जीवन दिया जिस काम,मैं वो कर सकूँ। संलिप्त ना इतना रहूँ,निर्लिप्त ना इतना रहूँ,छलकूँ,ना हो अतिरेक इतना,रिक्त ना इतना रहूँ।जितना किया तूने नियत,वो कर सकूँ,प्रार्थना,कर जोड़, इतनी है प्रभु…॥ संचित करूँ ना मैं कभी,यदि एक भी वंचित रहे,परमार्थ का हेतु बनूँ,पर,स्वार्थ ना किंचित रहे।तूने दिया,वितरित मैं … Read more

परिधान

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)********************************************************* एक बार एक धोबी की दुकान पर नेता,अभिनेता,संत और किसान सभी के वस्त्र धुलने को आए। नेता,अभिनेता और संत के वस्त्र अपने अपने मालिकों की बढ़-चढ़कर तारीफ कर रहे थे। नेता जी के वस्त्र बोले,-“मेरा मालिक कलफ लगे सफेद चुन्न…टदार कुर्ता-पायजामा और जैकेट पहन कर हीरो की तरह लगता है। जनता उसका … Read more

फिर से बचपन में हम घूम आएँ

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** तसव्वुर का ही आज ले कर सहारा,चलो फिर से बचपन में हम घूम आएँअम्मा का आँचल,सुकूं का गुलिस्तां,चलो पाक़ आँचल,वो, फिर चूम आएँ। सही क्या गलत क्या,फ़हम ही नहीं था,था बाबा का साया,कोई ग़म नहीं थाबाबा के काँधे,चढ़े हम शहंशाह,चलो आसमानों में फिर झूम आएँ। बालू से,दिलक़श घरौंदे बना … Read more