दादी कुछ कहती थी
सुबोध कुमार शर्मा शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* भोर में वो उठ जाती थी, स्व कर्म में लग जाती थी। मौन सदा वह रहती थी, दादी फिर भी कुछ कहती थी॥ हाथ में माला वह रखती थी, राम राम उर में वो जपती थी। मूक भाव में रह कर भी सदा, दादी फिर भी कुछ कहती थी॥ पास … Read more