बारिश का बचपन

अमृता सिंहइंदौर (मध्यप्रदेश)************************************************ बचपन हमारा ऐसा था,हम भीगते थे बारिश मेंचेहरे कीचड़ रंग देता था,गीली चप्पल गीले कपड़े।खुशबू गीली मिट्टी की,गीली चौखट गीला आँगनगीले बदन से टप-टप करता,एक समंदर ऐसा…

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माना कि घर में दो ही हैं

डॉ.सोना सिंह इंदौर(मध्यप्रदेश)********************************************************************* माना कि घर में दो ही हैं,जरूरतें उनकी सीमित हैं।नहीं घूमते घर के सभी कमरों में वो दोनों,रसोई से लेकर खाने की थालीआ बैठते हैं बैठक में वो…

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हे त्रिपुरारी,सुन लो पुकार

डॉ.सरला सिंहदिल्ली*********************************************** हे शिव शम्भू नमः शिवाय्,जगपालक जगत विधाता।दुर्गापति जय जनक गणेश के,स्कन्द पिता जय नमः शिवाय्। हे शिव,संहारक दुर्जन के तुम,हे केदारनाथ जय नमः शिवाय्lत्रिपुरारी शंकर गंगाधर प्रभु जी,जय…

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समय जो बेचने आएगा

अमृता सिंहइंदौर (मध्यप्रदेश)************************************************ खरीद तू वो ही पाएगा,जो समय बेचने आएगा।मूल्य लगाओ जो भी आप,समय सब वसूल जाएगा…विकल्प ना कोई पाएगा॥ जो चाहो पा जाओ,ऐसा ना हो पाएगा।फिर भी ग्राहक…

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विकास का आधार स्तंभ प्रवासी श्रमिकों का पलायन

रचना सिंह ‘रश्मि’ आगरा(उत्तरप्रदेश)************************************************************ 'कोरोना' का कहर पूरे विश्व में छाया है, जिसके फैलाव को रोकने के लिए सरकार ने सम्पूर्ण भारत में तालाबंदी की,जिससें पूरा देश थम गया है।…

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स्त्री…एक किताब

अमृता सिंहइंदौर (मध्यप्रदेश)************************************************ स्त्री…होती है जैसे…एक किताब…देखते तो हैं सब जिसे..,अपनी-अपनी अपेक्षाओं केहिसाब से…। घूरता है कोई…उत्सुक-सा,समझ के रंगीन चित्रकथाउसे,सोचता है कोई…उपन्यास सस्ता और घटिया-सा। कुछ होते हैं जो,पलटते हैं…

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फूल वो मुरझा नहीं सकता

प्रिया सिंहलखनऊ(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************* (रचना शिल्प: बहर-१२२२ १२२२ १२२२ १२२२) मज़ा परदेश में क्या है उसे समझा नहीं सकता,सुकूँ जो घर में मिलता है कहीं वो पा नहीं सकता। सुनो ऐ…

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जीवन

डॉ.सरला सिंह दिल्ली *********************************************** जीवन मिथ्या समझाता है, नयन नीर से मुख धोता। जागी आँखों के सपने ले, निशिवासर जागृत सोता। मनवा को समझा के हारे, विधि विधान समझ न…

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माँ तुझे शत-शत नमन

प्रिया सिंह लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय मातृत्व दिवस’ १० मई विशेष………. ओ माँ तुझे शत-शत नमन है, तेरा आँचल पसरा हुआ गगन है। पृथ्वी का ये सर्वश्रेष्ठ सृजन है, हे प्रभु…

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नन्हें कदमों से दुनियादारी दिखाती है

प्रिया सिंह लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************** शहर की सड़कों पर वो अदाकारी दिखाती है, पतली-सी रस्सी पर वो कलाकारी दिखाती है। नाजुक से पैरों में उसके छाला मोटा दिखता है, मासूमियत के…

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