‘साहित्य` एक कदम शुद्धता की ओर

गोलू सिंह रोहतास(बिहार) ************************************************************** सजग,सचेत,सावधान हूँ मैं, हौंसला,हिम्मत,हिंदुस्तान हूँ मैंl आँचल,घूँघट,परिधान हूँ मैं, कुटिया,झोपड़ी,मकान हूँ मैंl घर,आँगन,बागान हूँ मैं, किलकारी,हँसी,मुस्कान हूँ मैंl धरा,पाताल,आसमान हूँ मैं, संध्या,रात्रि,विहान हूँ मैंl प्रेम,मित्रता,प्राण हूँ मैं, त्याग,तपस्या,ज्ञान हूँ मैंl चरित्र,संपत्ति,जुबान हूँ मैं, शुद्ध,साहित्य,सम्मान हूँ मैंl भेष,भाषा,पहचान हूँ मैं, विचार,भाव,आदान-प्रदान हूँ मैंl स्वतंत्र,स्वदेशी,स्वाभिमान हूँ मैं, हिंद,हिंदी,हिंदुस्तान हूँ मैंl मैं साहित्य हूँ, … Read more

दीया

डॉ.सरला सिंह दिल्ली *********************************************** माटी कहती मुझसे ही, दीये सारे बनते हैं। फैल रही जगमग ज्योति, नाम दीये का होता है। बोली धरती री माटी, तू तो मुझसे ही है जन्मी। जन्म दिया ने तुझको, सब कहते बस माटी-माटी। फैल रही जगमग ज्योति, नाम दीये का होता है। कहे कुम्हार अरी री दीया, काहे तू … Read more

मन मेरा भी नहीं,मन तेरा भी नहीं

गोलू सिंह रोहतास(बिहार) ************************************************************** मन मेरा भी नहीं,मन तेरा भी नहीं, अब तो बस दोनों ओर से बहानों के तीर चलते हैंl आज भी कभी तन्हाइयों में सुगबुगाहट होती है, दिलों से होकर यादों के पीर चलते हैंl कल संग थे,बहुत खुश थे, आज अकेले हैं,होकर गंभीर चलते हैंl चलो,सीख लिया बहुत कुछ,हम सबने छोड़ … Read more

स्वीकारो या उपेक्षित करो

सविता सिंह दास सवि तेजपुर(असम) ************************************************************************* ये जो संकोच पलता है ना मन में तुम्हारे, मेरे अस्तित्व को स्वीकारने या नकारने के लिए, इसे तुम थोड़ा-सी ढील दो… देखो मैं कोई पतंग-सी उड़ती हूँ, या तुम्हारे अहं के खूंटे से बंधी रहती हूँ, इतना ही तो आकलन है मेरी इस काया काl आत्मा तक कहाँ पहुँच … Read more

मन ही मन मैं रो रहा

गोलू सिंह रोहतास(बिहार) ************************************************************** यह वासना का दलदल है, यह काया का मायाजाल है सुंदर चेहरे के पीछे बिछ रहा अब जंजाल है, अब हर तरफ बातें नहीं,बातों में वेश्यावृत्ति है भविष्य इसका उज्जवल है,घर-घर में यह कुरुति है, किस रिश्ते को लिखूं विस्तार कर शर्मशार खुद मैं हो रहा… ऐसी हालत देख माधव मन … Read more

शिरोधार्य हिंदी

विजयसिंह चौहान इन्दौर(मध्यप्रदेश) ****************************************************** हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. भारत माता के, माथे की बिंदी है हिंदीl सुंदर,सरल, और सहज है, हिंदीl कल-कल बहती, नदी तो कहीं निर्मल जल-सी, मधुर धार है हिंदीl अनेकता में एकता का, स्वर और हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, हिंदीl रग-रग में दौड़ती, हर भारतीय की पहचान है, हिंदीl साहित्य के सागर … Read more

मातृभाषा का सवाल

ललित प्रताप सिंह बसंतपुर (उत्तरप्रदेश) ************************************************ हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. मातृभाषा हिन्दी हमसे करती है सवाल, समझ नहीं आती क्यूँ शुद्ध हिन्दी में बात। यूँ बदली है युवा पीढ़ी अलग है उनकी बात, इंगलिश में करते हैं हर अब आपस में बात। फ्रिक नहीं है उनको कि हिन्दी का क्या हाल, हो रहा है पतन … Read more

विडम्बना:गहन संघर्ष करना पड़ रहा भारतीय भाषाओं के लिए

प्रो.जोगा सिंह विर्क पटियाला(पंजाब) *************************************************************** भारतीय भाषाओं की साझा चुनौतियाँ व समाधान परिसंवाद…….. यह अत्यंत दुर्भाग्य की बात है कि स्वतंत्रता के ७२ वर्ष बाद भी भारतीय भाषा-भाषियों को भारतीय भाषाओं के लिए गहन संघर्ष करना पड़ रहा हैl इस किसी भी भाषा का जीवन इस बात पर निर्भर है कि उसका सभी मातृ-भाषा कार्य-क्षेत्रों … Read more

अभियान `चन्द्रयान` नहीं रुकेगा

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** भारत का अभियान ‘चन्द्रयान’ नहीं थमेगा,नहीं रुकेगा, अपने भारत का तिरंगा ‘इसरो’ चाँद पर फहराएगा। हम भारतवासी एक-दो,चार-छह,या आठ-दस नहीं,हैं पूरे सवा सौ करोड़, हर किसी की बदनीयती,बदमिजाज,मन्सूबे पलक झपकते ही देंगे तोड़। हम अपने घरों में भले हिन्दू,मुस्लिम,सिक्ख, इसाई हैं, पर बात आए देश की आन पे,तो … Read more

खत्म करना होगा `आरक्षण`

ललित प्रताप सिंह बसंतपुर (उत्तरप्रदेश) ************************************************ आरक्षण शब्द पर अक्सर लोगों में बहस होना आजकल आम बात हैl ये मुद्दा आम जनता का नहीं,अपितु सभी राजनीतिक दलों का भी है,वो लोग जातिवाद के नाम पर मत मांगकर सबकी एकता का बिखराव कर रहे हैं,और हम जैसे लोग उनको अपना मत देकर उन पर विश्वास जता … Read more