तू साथ दे

शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’लखनऊ (उत्तरप्रदेश)************************************************* ये रूह जिस्म से अब निकलना चाहती है,तू साथ दे बाँहों में पिघलना चाहती है। यूँ तो शिक़ायत नहीं है मुझे जिंदगी से,पर ये आज बस तन्हा जलना चाहती है। कोई दरिया का समंदर तो बह जाए आज,ये आँखें आज फिर से बहलना चाहती है। मालूम नहीं क्या ख़लिश है जिंदगी … Read more

सिद्धि और साधना की कुंजी नवरात्रि

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़रदेवास (मध्यप्रदेश)******************************************************* सर्व मंगल मांगल्ये, शिव सर्वार्थ साधिके।शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते॥प्रत्येक संवत्सर (साल) में चार नवरात्र होते हैं, जिनमें विद्वानों एवं ज्योतिषाचार्यो ने वर्ष में दो बार नवरात्रों में माँ की आराधना का विधान बनाया गया है। विक्रम संवत के पहले दिन अर्थात चैत्र मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा (पहली तिथि) से … Read more

मुस्कुराना मना है

शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’लखनऊ (उत्तरप्रदेश)************************************************* दर्द के मुशायरा पर मुस्कुराना मना है,दर्दे-गम में तड़पकर घबरा जाना मना है। इश्क़ के राह में तेरा बच पाना मना है,अजनबी के वार से संभल पाना मना है। आशिक के गुरूर में झुक जाना मना है,मुज़रिम बनकर इश्क में ठहरना मना है। गुज़ारिश में इश्क के सोंचना मना है,महबूब की … Read more

बदल गए…

डॉ.सोना सिंह इंदौर(मध्यप्रदेश)************************************************** जब हम छोटे थे,छोटे थे हाथ हमारे,छोटा-सा था घर,छोटी-सी थी दीवारें।दिवाली पर आने वाली कूची जरूर बड़ी थी,बड़े थे सपने और उससे बड़ी-सी खुशियाँ।जब हम बड़े हो गए,घर भी बड़े हो गए,बड़ी हो गई घर की दीवारें,हमारे हाथ भी बड़े हो गए।कूंची छोटी हो गई,बदल गए दीवारों पर लगने वाले रंग।बड़े हो गए … Read more

राष्ट्रपिता

शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’लखनऊ (उत्तरप्रदेश)************************************************* महात्मा गांधी जयन्ती विशेष….. संस्कृत भाषा के महात्मासादर नमन पूर्ण आत्मा,मोहनदास करमचंद गांधी था जिनका नामजन्म लिया जिन्होंने २ अक्टूबर १८६९,पोरबन्दर(गुजरात) मेंमाता थी जिनकी पुतलीबाई,करमचंद जी थे जिनके पिताlसुभाषचन्द्र बोस ने १९९४ में,उन्हें नाम दिया राष्ट्रपिता…। सत्य-अहिंसा का दिया सिद्धांत हमेंकस्तूरबा जी पत्नी बनकर रही,जीवनभर साथ उनकेमानते थे वे सबका ईश्वर … Read more

आज़ाद परिन्दे

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़रदेवास (मध्यप्रदेश)******************************************************* नीलिमा विवाह के पश्चात अपनी ससुराल के सारे रीति-रिवाज़ सम्पन्न होने के बाद पहली बार उस शहर में आई,जहाँ उसके पति बैंक अधिकारी थे। अच्छा बड़ा-सा बंगलेनुमा किराए का मकान था,सुख-सुविधा का सारा साज़-ओ-सामान था उस घर में। उसके पति ने विवाह के कुछ महीने पहले ही घर-गृहस्थी का विस्तार होते … Read more

नारी-एक अनकही कहानी

शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’लखनऊ (उत्तरप्रदेश)************************************************* जिस खूबसूरती को आप देख रहे,वो रोज आपके लिए सँवारती है…जिस मुस्कुराहट को आप देख रहे,वो आपके लिए आँसू छुपाती है…।आप कहते हैं-आप जानते हैं उसे,फिर भी वो हर रोज एक कुर्बानी दे केआपके लिए ख़ुद को कुर्बान करती है..जिस मासूमियत से रूबरू हैं आप,वो रोज आपके धोखे जान के भी … Read more

पत्थर न होता आदमी

प्रिया सिंहलखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* हार कर गर्दिश से चश्मे-तर न होता आदमी,तब समंदर में खरा जौहर न होता आदमी। इल्म होता ग़र उसे इखलास और ईमान का,मज़हबों के नाम पर कट्टर न होता आदमी। आइना रखता अगर अपनी नज़र के रूबरू,फिर किसी के सामने पत्थर न होता आदमी। ख़्वाहिशें सस्ती जो होती हर तरफ बाजार में,फिर … Read more

हमेशा अपनी भाषा की उन्नति के लिए कार्य करना होगा

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़रदेवास (मध्यप्रदेश)******************************************************* हिंदी दिवस विशेष….. १४ सितम्बर को हमारे देश में हिंदी दिवस मनाया जाता है। १९४७ में जब भारत अंग्रेजी हुकूमत से आज़ाद हुआ तो,देश के सामने एक बड़ा सवाल भाषा को लेकर था, क्योंकि भारत में सैकड़ों भाषाएँ और बोलियां बोली जाती थी। आज़ाद भारत का संविधान २६ जनवरी १९५० को … Read more

हमें जाँ से प्यारा हमारा वतन

प्रिया सिंहलखनऊ(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************* हमें जाँ से प्यारा हमारा वतन है,इसी पे तो कुरबां मेरा जानों तन है। लहू दे के भारत को जिसने बचाया,निछावर अब उनपे मेरा तन-बदन है। न आये कभी तुझपे कोई मुसीबत,इसी के लिए सर पे बांधा कफन है। यहाँ भाई-भाई हैं हिन्दू मुसलमाँ,सभी दुश्मनों को इसी की जलन है। जो कुर्बान … Read more