ग़ज़ल के चलते-फिरते विश्वविद्यालय थे डॉ. दरवेश भारती

संदीप सृजनउज्जैन (मध्यप्रदेश) *************************************** श्रद्धांजलि:स्मृति शेष…… ‘जितना भुलाना चाहें भुलाया न जायेगा,दिल से किसी की याद का साया न जायेगा।’इस संजीदा अशआर को कहने वाले डॉ. दरवेश भारती जी ३ मई २०२१ को दुनिया को अलविदा कह गए,लेकिन जो काम हिंदी, उर्दू साहित्य के लिए वे कर गए,वह आने वाले कई सालों तक उनको ज़मीन पर … Read more

दीपावली पर पटाखे भारत की परम्परा नहीं

संदीप सृजनउज्जैन (मध्यप्रदेश) *************************************************** भारतीय संस्कृति उत्सव प्रधान है और उत्सव की प्राचीन परम्परा उल्लास और उच्चता से जुड़ी हुई है,जब जीवन में उल्लास हो और तन और मन की उच्चता हो वह समय उत्सव है। दीपोत्सव की परम्परा अनादि काल से भारतीय संस्कृति की अक्षुण्ण पहचान है,वैदिक काल हो या उत्तर वैदिक काल हो दीपावली … Read more

हर दिन को ‘हिंदी दिवस’ बनाना होगा

संदीप सृजनउज्जैन (मध्यप्रदेश) *************************************************** हिंदी दिवस विशेष….. सितम्बर की हवाओं में न जाने कौन-सी मादकता है कि हिंदी के दिवाने झूमने लगते हैं। देश के कोने-कोने से समाचार आने लगते है कि हिंदी को बढ़ावा मिले इसके लिए महानगर,शहर,गाँव,गली, मुहल्लों में संगोष्ठी-कवि गोष्ठी की जा रही है। लोगों को हिंदी के प्रति आकर्षित करने के लिए … Read more

७ दशक की स्वतंत्रता और चंदू भैया की शोध डायरी…

संदीप सृजनउज्जैन (मध्यप्रदेश) ****************************************************** स्वतंत्रता दिवस विशेष …….. हमारे चंदू भैया सामाजिक और साहित्यिक जीव हैं और उनका जन्म भी हमारी तरह स्वतंत्र भारत में हुआ,इसलिए उनने भी बचपन में पुस्तकों में पढ़ा और अध्यापकों से सुन रखा था कि भारत स्वतंत्र है। तभी से उनको ये आभास होने लगा था कि भारत में रहकर वो … Read more

अख़बार रद्दी कर गया विकास

संदीप सृजनउज्जैन (मध्यप्रदेश) ****************************************************** सुबह का अखबार शाम को रद्दी हो जाता है,यह तय है पर इस बार अखबार सुबह-सुबह ही रद्दी हो गया। ये चंदू भैया के जीवन में किसी हादसे से कम नहीं है। पूरे ४ रुपए का अखबार चंदू भैया को लेना पड़ रहा है। वो भी मजबूरी में,क्योंकि बचपन से ही चंदू … Read more

संसार में कोई भी तत्व गुरु के समान नहीं

संदीप सृजनउज्जैन (मध्यप्रदेश) ****************************************************** गुरु पूर्णिमा ५ जुलाई विशेष…. गुरु को केवल परलोक तक पहुंचाने वाला ही नहीं,वरन इहलोक याने वर्तमान को सुधार कर भविष्य बनाने वाला कहा गया है। भारतीय दर्शन में गुरु को केवल एक व्यक्ति या पद नहीं माना,वरन एक तत्व माना गया है जो अगर मन में श्रद्धा और विश्वास के साथ … Read more

समाज-परिवार की जागरुकता से रुक सकती है आत्महत्याएँ

संदीप सृजनउज्जैन (मध्यप्रदेश) ****************************************************** सुशांतसिंह यह नाम हर जुंबा पर है। शायद जो लोग उस प्रतिभा सम्पन्न लड़के को पहले नहीं जानते थे,वे भी आत्महत्या के बाद उसे जानने लगे। उसके काम की तारीफ करने लगे और आत्महत्या को घिनौना काम बताते हुए दार्शनिक अंदाज में आत्महत्या को कायराना हरकत बता कर अपने संवेदनशील होने का … Read more

पर्यावरण पर तालाबन्दी का सकारात्मक प्रभाव

संदीप सृजनउज्जैन (मध्यप्रदेश) ****************************************************** विश्व पर्यावरण दिवस ५ जून विशेष……. पर्यावरण की चिंता करने वाले और उसे लेकर अपने स्तर पर लगातार प्रयास करने वाले लोगों और संस्थाओं के लिए विश्व पर्यावरण दिवस(५ जून) तालाबन्दी के कारण स्वच्छ हुई प्रकृति को निहारते हुए आंतरिक खुशी प्रदान करने वाला है। स्वच्छ नदी,स्वच्छ हवा और वातावरण में आया … Read more

हिंदी साहित्य के इतिहास में ‘तालाबंदी’ काल

संदीप सृजनउज्जैन (मध्यप्रदेश) ****************************************************** हिंदी साहित्य के इतिहास पुनर्लेखन का समय फिर से एक बार निकट आता दिखाई दे रहा है। वीरगाथा काल से शुरु होकर भक्ति काल,रीति काल और आधुनिक काल तक लिखे गए इतिहास में अब ‘तालाबंदी’ काल को जोड़ना पड़ेगा। तालाबंदी का सही उपयोग किसी ने किया,तो वह हिंदी के रचनाकारों ने किया। … Read more

देश की समृद्धि में मील का पत्थर ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** भारत में संस्कारों का सूर्य इसीलिए अस्त नहीं होता,क्योंकि हम अपनी परम्परा को बार-बार दोहराते हैं और अनुसरण में भी लाते हैं। हम सिर्फ अपने लिए काम नहीं करते हैं, अपने परिवार के लिए नहीं कमाते हैं,अपनी जाति या धर्म के लिए दान नहीं देते हैं,हम संसार के सभी प्राणियों … Read more