दीप का कथन

सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) ************************************************************** दीप का है कहना- कुम्भकार ने काया को सजाया, विश्व बाजार में बिकी काया सौदागर ने दाम लगाया, झट-पट थैले में ले आया। पुरातन समय मेरा…

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तम को मिटाइये

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* दीपावली पर खुशी से दीपक जलाईये, आसपास के फैले तम को मिटाइये। देश को बचाने में निज जीवन मिटा दिया, एक दीपक शहीदों के नाम…

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मोहन के प्रेम रंगो

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* प्रेम करो मोहन से, जहां खुशियां बिलसे। मोह माया छोड़ राधा, चरणों में जाइए॥ मोहन के प्रेम रंगो, ज्ञान तिमिर से जगो। मुरली की तान…

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बनाओ सबको अपना मीत

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* जीवन है सबका संगीत, बनाओ सबको अपना मीत। बचपन कितना सुंदर होता, कल्मष कभी न मन में बोता। हर क्रीड़ा लगती है मानो, बन रहा…

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मुद्दत के बाद मुलाकात हो गई…

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* मुद्दत के बाद उनसे मुलाकात हो गईl जैसे सेहरा में फिर बरसात हो गई। यकीं दिलाया था उनको हमने बहुत, न जाने क्यों बात सब…

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हिंदी भारत माँ की बिंदी है

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. यह कैसी शर्मिन्दी है, हिंदी भारत माँ की बिंदी है। अपनी ओर निहारो तुम, इसको जरा सँवारो तुम। भारती का सौंदर्य…

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सूना रहता सारा थल

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* कितने वृक्ष लगाये जाते हैं प्रतिपल, फिर भी हरियाली को रहती है हलचल। फाइलों में वृक्षों के आँकड़े बढ़ते जाते- फिर भी वृक्षों से सुना…

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बाँके बिहारी

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* कृष्ण जन्माष्टमी स्पर्धा विशेष………. बांके बिहारी भव कष्टकारी, तेरी शरण में मैं आ गया हूँ। मैं था अटका,मोह में भटका, भक्ति पथ,मैं अब आ गया…

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केसर वाली घाटी

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* केसर वाली घाटी अब तक जो रक्तरंजित हुई थी, धारा तीन सौ सत्तर जो सत्तर साल से लगी हुई थी। इसके साए में कुछ कुपुत्र…

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कैसे ऋण चुकाएं वीर तुम्हारा

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* ऊधम सिंह माँ का गौरव था, वो अमर वीर बलिदानी था। गुलामी स्वीकारी न हर्गिज़, वो वीर अति स्वभिमानी था॥ जलियाँ वाले बाग में जिसने,…

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