मैं हरी दूब…

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* मैं हरी दूब इस माटी की, सदा हरी-भरी ही रहती हूँ। कितना कुचलो और दबाओ, फिर भी बढ़ती रहती हूँ। सीना ताने खड़े पेड़…

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फुर्सत

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* कहने को तो फ़ुर्सत में हैं, लेकिन मुझे तो फुर्सत नहीं। आज फ़ुर्सत को बैठाया कोने, तब मुझे फ़ुर्सत ये मिली। इतनी व्यस्त रहती…

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सपनों का घर

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* धरती पर तो सभी बनाते, अपने सपनों का सुंदर घर। आओ नील गगन में बनाएं, हम-तुम अपने सपनों का घर। जहाँ परिवार हमारा हो,…

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दिल के तार बजते हैं..

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* जब से हुई है मुहब्बत उनसे, दिल के तार स्वयं बजते हैं। कभी है पायल की रुनझुन तो, कभी अरमान मचलते हैं। नयनों की…

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फागुन के रंग

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* फ़ागुन के रंग में रंगा आसमां, धरती मुस्काए है चहुँऒर। रंगीं दिशाएं सभी यहां पर, ख़ुशी में नाचे मन का मोर। फ़ूल खिले हैं…

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नयन कजरारे

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* नयन कजरारे जाते-जाते कह गए दिल का हाल। इस दिल में हलचल मची है, चैन न आए अब दिन-रात। मृगनयनी है वो तो देखो,…

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ऋतुराज हैं आए

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* ख़्वाबों में मेरे कल फिर, ऋतुराज बसन्त हैं आए। मेरे काँधे पे सिर को रख के, हौले से वो मुस्कुराए। कहने लगे वो `लोचन`,…

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बेनज़ीर

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* वो सबके लिए एक नज़ीर है, इसीलिए तो सच में 'बेनज़ीर' है। वो खूबसूरत है बला की, खुदा की बनाई तस्वीर है। हिम्मत भी…

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२०१९ तेरा शुक्रिया

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* सन २०१९ तो मुझको, बहुत दे गया। जाते-जाते तेरा, शुक्रिया,शुक्रिया। मेरी बगिया का फूल, जो मुरझा गया था। आज आँचल में मेरे, वो फिर…

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प्रेम का अहसास

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* प्रेम का अहसास ही तो, संजीवनी का काम करता है। इसी अहसास से बंधे हैं रिश्ते, व जिंदगी का क्रम चलता है। प्रेम का…

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