हे माँ

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** तू अवनि अवतारी, पर्वत की बाला दुःख हरने वाली, जग कल्याणी! जय अम्बे जय जगदम्बे!! तू सीता सावित्री, पार्वती विघ्नेश्वरी भुनेश्वरी बाघम्बरी, चंडी चंडिका मनसा महिमा, मनोकामना! तू अवनि अवतारी, पर्वत की बाला दुःख हरने वाली, जग कल्याणी! जय अम्बे जय जगदम्बे!! तू लक्ष्मी गौरी, शिवा वैष्णवी रुक्मणि राधा, … Read more

हे देवी माँ,वरदान दे

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** हे देवी माँ, तू भय भव भंजक! जगत कल्याणी है, दुष्टों की दुर्गा काली भक्तों की रखवाली है! शक्ति दे मुझे अपनी, भक्ति का भाव भाग्य दे!! माँ शारदेय मैं आया तेरे द्वार, तुझे पुकारते मैं तेरी संतान, सुन पुकार! मेरी कामना का वर, वरदान दे!! खोजता भटकता, सारे … Read more

…तो समझ लेना

सारिका त्रिपाठी लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* जब मेरी नज़्में खामोश हो जाएं, जब पुकारना बंद कर दें तुम्हें तो समझ लेना, सो गई हूँ तनहाइयां ओढ़कर, तुम्हारी परछाइयां ओढ़कर…। जब कभी अचानक ही मन बहुत बेचैन हो जाए, तो समझ लेना… कि चली गई हूँ,अपनी बेचैनियां छोड़ कर…। कभी बात-बात पर जो नयन छलक जाएं, तो समझ … Read more

मंगल मूरत शुभ देव गणेश

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** जै जै जै गणपति गणनायक, शुभ कर्मों के देव विनायक! जै जै जै गणपति गणनायक!! मातृभक्ति की शक्ति प्रथम पूज्यते देव गज़ानन, जै जै जै गणपति गणनायक! शुभ कर्मों के देव विनायक, जै जै जै गणपति गण नायक!! महादेव शिव शंकर के सत्य प्रकाश, महाकाल रूद्राअँश भय भव,भंजक बाधा … Read more

करें योग व्यायाम

कार्तिकेय त्रिपाठी ‘राम’ इन्दौर मध्यप्रदेश) ********************************************* अंतरराष्ट्रीय योग दिवस विशेष……………. तन-मन और जीवन को आओ थोड़ा सरस बनाएं, करें योग व्यायाम ध्यान और जीवन को सरल बनाएं हम। जग में फैल रही कटुता पर योग ध्यान का लेप लगाएं, वाणी में भरकर मिठास नव जागृति का दीप जलाएं। कुंभ दंभ का फोड़ धरा पर होंठों … Read more

शरणार्थी

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी दिवस विशेष……….. शरणागत धर्म-सक्षम साहस, कर्मवीर वचन दृढ़प्रतिज्ञ पालक, रक्षक कहलाता है। खुद के दायित्व, कर्तव्यों का सात्विक विशुद्ध अंतर मन से करता है, युग पुरुषार्थ बन जाता। याचक उसकी शरण में जब भी आता, उसकी रक्षा में पराक्रम का, पुरुष युग शरणागत की मान-सम्मान मर्यादा की … Read more

शरणार्थियों का हाल कोई हमसे पूछे

सारिका त्रिपाठी लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी दिवस विशेष……….. जो कभी शरणार्थी नहीं रहे, वे हैं शरणार्थी होने के दर्द से नितांत छूछे, शरणार्थियों का क्या हाल होता है… कोई हमसे पूछे। शरणार्थी नाम सुनते ही, याद आ जाता है १९४७ का खौफ़नाक नज़ारा, पल भर में ही क्या हाल हुआ अपना देश ही नहीं रहा, … Read more

प्रशिक्षण खुद से खुद को लेना होगा

कार्तिकेय त्रिपाठी ‘राम’ इन्दौर मध्यप्रदेश) ********************************************* दर्जनों प्रशिक्षण, हम-तुम और वे यूँ ही लेते रहेंगे, नई-नई विधाएं नई- नई कलाएं, सीखना है ता-उम्र सीखेंगे। शिक्षण का प्रशिक्षण तो बिल्कुल उचित है, पर इससे परे किसी अन्य का प्रशिक्षण, हमारी समझ से परे है। उद्देश्य तुम्हारा सिर्फ शिक्षा का ही हो, तो भर धूप,बारिश में भी … Read more

आनंद बोध

सारिका त्रिपाठी लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* मेरी पीठ पर फैले अँधेरे को, मैं कभी यकायक विस्मय से ज़रा पलट कर देखती हूँ कि, कितनी ही धूप क्षणिकाएं झिलमिल-झिलमिल उतर आयी हों। नव किंजल्क पुंज खिल उठे हों, जिसकी भीनी गन्ध से मेरा पृष्ठ भाग आप्लावित हो उठता है…। आह…! कितनी मधुर है प्रतीति, तुम्हारे नेह निमंत्रण की … Read more

मिलना-रूठना…

सारिका त्रिपाठी लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* उसने कहा- अगर देवी के दर्शन हो सकते हैं तो मैं मिलना चाहूँगा। मैंने कहा- मैं तो वापिस जा रही हूँ एक साल बीत गया। मैंने कहा- मुझे मिलना है तुमसे। उसने बहाने बना लिए, फिर वो बहाने ही बनाता रहा तीन साल तक। एक दिन मैंने कह दिया- मुझे अब … Read more