अतीत

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)***************************************************************** कितना कुछ बदल गया मेरे अंदर आज,मुझे वो छोटी-सी अल्हड़-सी राखी आज याद आ रही थी। अतीत जब दूर चला जाता है तो कहानी-सा नज़र आता है….ऐसा ही एक सच,जो अब सपना बन गया है,राखी के जीवन का। गाँव की वो कच्ची-पक्की पगडंडी जिसमें राखी नंगे पैर दौड़ा करती थी ,कभी … Read more

महाराणा प्रताप की पुकार और हल्दी घाटी का संदेश

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) ***************************************************************** ‘महाराणा प्रताप और शौर्य’ स्पर्धा विशेष………. जब राष्ट्र संकटकाल में हो,तो हर को नागरिक सैनिक हो जाना चाहिए। महाराणा और मुगलों के संघर्ष में उनके अपने भी अकबर के चरणों की धूल चाट रहे थे,परंतु महाराणा की अपनों की परिभाषा रक्त सम्बन्ध और रिश्तेदारी से परे थी,जो देश का … Read more

माँ,तू कितनी अच्छी है…

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) ***************************************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय मातृत्व दिवस’ १० मई विशेष………. `माँ’ कितना कुछ छुपा है इस एक छोटे से शब्द में,माँ मतलब पूरी दुनिया,औऱ दुनिया मतलब माँl जब एक छोटा-सा बच्चा माँ के आँचल में छुप कर सोता है तो उसे किसी जन्नत से कम नहीं लगता। इस `तालाबन्दी` के दौरान में भी … Read more

रिश्तों को खोखला करता है अहंकार

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) ***************************************************************** ‘अहम’ या अहंकार होना एक सहज प्रवृत्ति है जो समान्यतः बहुत से लोगों में पायी जाती है। जिसमें अहंकार होता है वह अपने बल,बुद्धि,राज्य,भाषा, संस्कृति और अपनी प्रत्येक चीज पर घमंड’ करता है,उन्हें ‘श्रेष्ठतम समझता है और अन्यों को तुच्छ या हीन! इस कारण वह आक्रान्ता(आक्रामक) हो जाता है। … Read more

एक पत्र आने वाली पीढ़ी के नाम

वन्दना शर्मा’वृन्दा’ अजमेर (राजस्थान) *********************************************************************** प्यारे बच्चों, चिरंजीवी हो। बच्चों कितने वर्षों बाद जब तुम मुझे पढ़ रहे होगे तो वह समय कैसा होगा ? तुम्हारा रहन-सहन कैसा है ?,यह तो मैं नहीं जानती पर इतना जरूर महसूस कर सकती हूँ कि काफी हद तक मशीनी भावनाशून्य तकनीक को भगवान मानने वाला और मौज शौक … Read more

सब्बो बुआ

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) ***************************************************************** सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. “राम-राम सब्बो बुआ! कैसी हो ?” गली से गुजरते हुए शहर से गाँव में राखी मनाने आए मदन ने पूछा। “ठीकई है भैया! अवहि रोटी पानी के काम से निपट सुलझ के निकली हूँ। आज राखी के त्यौहार का पावन दिन है,तनिक भी फुर्सत … Read more

छटपटाती जिंदगी-को थोड़ा थाम लो

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) ***************************************************************** इन दिनों प्रकृति है छटपटा रही, हवाएं छटपटा रही बढ़ती हुई यह शहर की अस्मिता है छटपटा रही। बहुत ख़ौफ़ में गुजर रही है-यह जिंदगी… खोए-खोए से आँखों के वो सपने, पथराई-सी ऊबती हुई यह जिंदगी सुनसान पथ,सूखे पत्तों की सरसराहट, हृदय में बढ़ता कम्पन यह अप्रत्याशित,वीभत्स महामारी ने … Read more

हमें कुछ भी न मिला

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) ***************************************************************** जब मैं निकली घर से कुछ खोजने तो, कोई मुझे तेरे जैसा न मिला। मिले तो बहुत परंतु… किसी को पाया खोया सा अपने में, किसी को किसी की खातिर मर मिटने में किसी को बेचैन,किसी को सुकून में पाया। किसी को बिखरा हुआ पाया, तो किसी खुद में … Read more

प्रकृति का अनमोल उपहार नदी

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) ***************************************************************** नदियाँ कभी रुकती नहीं हैं,एक बार कदम आगे बढ़ाती है तो वापस नहीं आती। जहाँ से शुरू होती है,वापस कभी वहाँ नहीं लौटती। नदियाँ,जिंदगी की तरह होती है। रास्ते में आने वाला पत्थर उसका नया रास्ता तय करता है,और वह कभी-कभी तो रास्ते में आने वाले पत्थर को तोड़ … Read more

माँ आयी है

वन्दना शर्मा’वृन्दा’ अजमेर (राजस्थान) *********************************************************************** भाग,भाग रे भाग ‘कोरोना’, तेरी शामत आयी है। नवरात्रि में भगतों के घर, शेरावाली माँ आयी है। तेरी कहर से रक्षा करेगी, अन्न-धन से झोली भरेगी धूप दीप नैवेद्य अगर से, वातावरण को शुद्ध करेगी पीड़ित निज सन्तान की खातिर, देखो जग की माँ आयी है सिंह चढ़ी ओर हाथ … Read more